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ट्रिब्यूनल बंद करने के विरोध में वकीलों का धरना जारी, सरकार से फैसले पर पुनर्विचार की मांग - प्रोटेस्ट

मंडी क्षेत्रीय ट्रिब्यूनल बार एसोसिएशन ने ट्रिब्यूनल को बंद करने के फैसले के विरोध में अपना धरना दूसरे दिन भी जारी रखा. इस दौरान वकीलों ने सरकार के फैसले के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. एसोसिएशन ने सरकार से मांग रखी है कि हमारी मांग पर पुनर्विचार किया जाए.

सरकार के फैसले के खिलाफ नारेबाजी करते अधिवक्ता.
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Published : Jul 11, 2019, 6:37 PM IST

मंडी: बीते बुधवार को मंडी ट्रिब्यूनल क्षेत्रीय बार ने सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश प्रशासन प्राधिकरण को बंद करने के निर्णय के बारे में बैठक की गई. बैठक में सरकार द्वारा ट्रिब्यूनल के बंद करने से आम जनता व वकीलों को होने वाली समस्याओं के बारे चर्चा की गई. इस दौरान यह निर्णय लिया गया कि 13 जुलाई को मुख्यमंत्री से मिलकर इस निर्णय पर दोबारा विचार करने का अनुरोध किया जाएगा. इस फैसले में धर्मशाला बार के सदस्य भी साथ रहेंगे.

वीडियो.

मंडी और धर्मशाला व शिमला एचपी एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के साथ मिलकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलकर उन्हें कर्मचारियों को आने वाली समस्याओं से अवगत करवाएंगे और ट्राइबल में लंबित पड़े होने के कारण आने वाली समस्याओं से भी अवगत करवाएंगे. इस दौरान सीएम से अनुरोध किया जाएगा कि वह अपने कैबिनेट के इस निर्णय पर पुनः विचार करें और प्रशासनिक प्राधिकरण को बंद करने की बजाय और सुदृढ़ किया जाए ताकि घर द्वार पर आम कर्मचारियों को सस्ता व त्वरित न्याय मिल सके.

इसके अलावा जिला मंडी से हजारों कर्मचारियों के माननीय प्राधिकरण में लंबित है. अगर यह प्राधिकरण बंद किया गया तो इन हजारों कर्मचारियों को लेने के लिए बसों की जांच करनी पड़ेगी और हाईकोर्ट के लिए मजबूर होना पड़ेगा. बता दें कि हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश सरकार ने ट्रिब्‍यूनल बंद करने का फैसला लिया है, जिसे लेकर वकील विरोध जता रहे हैं और इसे लेकर पुन: विचार करने की मांग कर रहे हैं.

मंडी: बीते बुधवार को मंडी ट्रिब्यूनल क्षेत्रीय बार ने सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश प्रशासन प्राधिकरण को बंद करने के निर्णय के बारे में बैठक की गई. बैठक में सरकार द्वारा ट्रिब्यूनल के बंद करने से आम जनता व वकीलों को होने वाली समस्याओं के बारे चर्चा की गई. इस दौरान यह निर्णय लिया गया कि 13 जुलाई को मुख्यमंत्री से मिलकर इस निर्णय पर दोबारा विचार करने का अनुरोध किया जाएगा. इस फैसले में धर्मशाला बार के सदस्य भी साथ रहेंगे.

वीडियो.

मंडी और धर्मशाला व शिमला एचपी एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के साथ मिलकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलकर उन्हें कर्मचारियों को आने वाली समस्याओं से अवगत करवाएंगे और ट्राइबल में लंबित पड़े होने के कारण आने वाली समस्याओं से भी अवगत करवाएंगे. इस दौरान सीएम से अनुरोध किया जाएगा कि वह अपने कैबिनेट के इस निर्णय पर पुनः विचार करें और प्रशासनिक प्राधिकरण को बंद करने की बजाय और सुदृढ़ किया जाए ताकि घर द्वार पर आम कर्मचारियों को सस्ता व त्वरित न्याय मिल सके.

इसके अलावा जिला मंडी से हजारों कर्मचारियों के माननीय प्राधिकरण में लंबित है. अगर यह प्राधिकरण बंद किया गया तो इन हजारों कर्मचारियों को लेने के लिए बसों की जांच करनी पड़ेगी और हाईकोर्ट के लिए मजबूर होना पड़ेगा. बता दें कि हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश सरकार ने ट्रिब्‍यूनल बंद करने का फैसला लिया है, जिसे लेकर वकील विरोध जता रहे हैं और इसे लेकर पुन: विचार करने की मांग कर रहे हैं.

Intro:मंडी। मंडी क्षेत्रीय ट्रिब्यूनल बार एसोसिएशन मंडी ने ट्रिब्यूनल को बंद करने के फैसले के विरोध में अपना धरना दूसरे दिन भी जारी रखा। एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि हमारी मांग पर पुनर्विचार करें। अपनी मांग की समर्थन पर वकीलों ने नारेबाजी भी की।


Body:गत बुधवार को मंडी ट्रिब्यूनल क्षेत्रीय बार ने सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश प्रशासन प्राधिकरण को बंद करने के निर्णय के बारे बैठक की। सरकार द्वारा ट्रिब्यूनल के बंद करने से आम जनता व वकीलों को होने वाली समस्याओं के बारे चर्चा की गई। यह निर्णय लिया गया कि 13 जुलाई को मुख्यमंत्री से मिलकर इस निर्णय पर पुनः विचार करने का अनुरोध किया जाए ताकि लोगों को घर द्वार पर न्याय मिल सके। इस फैसले में धर्मशाला बार के सदस्य भी साथ रहेंगे। मंडी और धर्मशाला व शिमला एचपी एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के साथ मिलकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलकर उन्हें कर्मचारियों को आने वाली समस्याओं से अवगत करवाएंगे तथा ट्राईबल में लंबित पड़े के कारण आने वाली समस्याओं से भी अवगत करवाएंगे । सीएम से अनुरोध किया जाएगा कि वह अपने कैबिनेट के इस निर्णय को पुनः विचार करें और प्रशासनिक प्राधिकरण को बंद करने के बजाय और सुदृढ़ किया जाए ताकि घर द्वार पर आम कर्मचारियों को सस्ता व त्वरित न्याय मिल सके। इसके अतिरिक्त जिला मंडी से हजारों केसी कर्मचारियों के माननीय प्राधिकरण में लंबित है अगर यह प्राधिकरण बंद किया गया तो इन हजारों कर्मचारियों को लेने के लिए बसों की जांच करना पड़ेगा और हाईकोर्ट के लिए मजबूर होना पड़ेगा। एडवोकेट सुरेंद्र परमार, तरूण पाठको, सुरेंद्र कुमार, सचिव लोकेश, अरुण पाठक, केके शर्मा, केके वर्मा, राजकुमार शर्मा, पीआर पटियाल, सुरेश शर्मा व अन्‍य ने इस फैसले पर पुन विचार करने का आग्रह किया है।


बाइट - निशांत वालिया, अधिवक्‍ता



Conclusion:बता दें कि हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश सरकार ने ट्रिब्‍यूनल बंद करने का फैसला लिया है। जिसे लेकर वकील विरोध जता रहे हैं और इसे लेकर पुन: विचार करने की मांग कर रहे हैं।
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