मंडी: मंडी रियासत के राजा अशोक पाल सेन का ब्यास नदी के किनारे अंतिम संस्कार किया गया. राजा अशोक पाल सिंह के पुत्र आमेश्वर सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी. मंगलवार को मंडी के रियासत काल के राजा अशोक पाल सेन का आकस्मिक निधन हो गया था. वे 90 साल के थे और काफी समय से बीमार चले हुए थे. उनका अंतिम संस्कार बुधवार को हिंदू रीति-रिवाज और राजघराने की परंपराओं के अनुसार पंचवक्त्र मंदिर परिसर के सामने ब्यास नदी और सुकेती खंड के संगम पर किया गया.
मंडी में बहुत लोकप्रिय थे राजा अशोक सेन
इस मौके पर पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ने भावुक होते हुए कहा कि राजा अशोक पाल सिंह उनके बहनोई थे और बहुत ही मिलन स्वभाव का व्यक्तित्व रखते थे. उन्होंने कहा कि राजा अशोक पाल सिंह ने रियासत काल में राजपाठ को देखा है और उनके स्वर्गवास के बाद अब पुत्र आमेश्वर सिंह राजघराने की रस्मे निभाएंगे. बता दें कि राजा अशोक पाल सेन रिसासत कालीन और मंडी के अंतिम राजा जोगिंद्रसेन के पुत्र थे. स्वर्गीय राजा अशोक पाल सेन का जन्म पांच अगस्त 1931 को हुआ था. राजा अशोक पाल सेन मंडी में बहुत ही लोकप्रिय थे. पिछले एक सप्ताह से वह बहुत बीमार थे और मांडव अस्पताल में उपचाराधीन थे.
अंतिम यात्रा में ये लोग हुए शामिल
इससे पूर्व बुधवार को उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शनों के लिए भवानी निवास में रखी गई थी. भवानी निवास में पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह, सदर विधायक अनिल शर्मा, कांग्रेस कमेटी प्रदेश महामंत्री चेतराम ठाकुर, पूर्व सांसद महेश्वर सिंह, सर्व देवता समिति जिला प्रधान शिवपाल शर्मा सहित देव समाज से जुड़े कारदारों, देवलुओं, जिला प्रशासन से उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आशीष शर्मा सहित मंडी की स्थानीय जनता ने श्रद्धांजलि अर्पित की और अंतिम शव यात्रा में शामिल हुए.
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