करसोग: जल शक्ति विभाग की सुस्ती की वजह से करसोग में परलोग खड्ड से माहुंनाग उठाऊ पेयजल योजना लोगों के लिए सफेद हाथी साबित हो गई हैं. पूर्व की जयराम सरकार के कार्यकाल में यहां 14 मई 2022 को यह योजना जनता को समर्पित की गई थी. ₹11.55 करोड़ की पेयजल योजना से 24 घंटे पानी की सप्लाई देने का दावा किया गया था, लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि लोगों को 15 दिनों में मुश्किल से एक बार हो रही पानी की सप्लाई हो रही है.
उठाऊ पेयजल योजना बना सफेद हाथी: इस बारे में शिकायत करने पर विभाग से लोगों को गर्मियों में जल स्तर गिरने, बरसात में खड्ड में गाद आने और अब सर्दियों में लो वोल्टेज की समस्या का एक ही रटा रटाया जवाब मिल रहा हैं. जिससे पेयजल योजना पर खर्च की गई करोड़ों की धन राशि का आम आम जनता को कोई फायदा नहीं हो रहा है. ऐसे में लोगों ने जल शक्ति मंत्री मुकेश अग्निहोत्री से मामले पर हस्तक्षेप किए जाने की मांग की है.
8 पंचायतों के 54 गांव के लिए योजना: करसोग उपमंडल में जल शक्ति विभाग के चुराग सब डिविजन के अंतर्गत पेयजल समस्या से निपटने के लिए सरकार ने 8 पंचायतों के 54 गांव के लिए ₹11.55 करोड़ की लागत से परलोग खड्ड से माहुंनाग तक उठाऊ पेयजल योजना तैयार की थी. जिसका लोकापर्ण 14 मई 2022 को तत्कालीन जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने किया था. इस दौरान लोगों को 24 घंटे पानी की सप्लाई देने का दावा किया गया था. साल 2014 में ये पेयजल योजना 5889 की आबादी के लिए तैयार की गई थी, लेकिन करोड़ों खर्च करने पर भी सर्दियों के मौसम में हजारों की आबादी पेयजल संकट की समस्या से जूझ रही है.
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के सब डिविजन करसोग के अधिशाषी अभियंता विद्यासागर का कहना है कि "लगातार लो वोल्टेज की कोई समस्या नहीं रही है, लेकिन पिछले दो तीन दिनों से शट डाउन की वजह से सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक लो वोल्टेज की समस्या जरूर है. उन्होंने कहा इस दौरान रात को वोल्टेज की कोई भी परेशानी नहीं है."
जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता कृष्ण कुमार शर्मा का कहना है कि "इस मामले पर फील्ड अधिकारियों से रिपोर्ट ली जाएगी. संबंधित एसडीओ को स्पॉट पर जाकर निरीक्षण करने के निर्देश दिए जा रहे हैं. ताकि लोगों को भविष्य में पेयजल किल्लत का सामना न करना पड़े."