करसोग: मंडी जिले के उपमंडल करसोग में मानसून आफत बनकर बरसा है. भारी बारिश से हुए भूस्खलन के कारण खड्डों और नालों में आई बाढ़ से पेयजल योजनाओं को 40 करोड़ का नुकसान हुआ है. हालत ये है कि उपमंडल में करीब 70 किलोमीटर एरिया में पाइप लाइन भारी बारिश की भेट चढ़ गई है. जिससे लोगों को भरी बरसात में पेयजल संकट की समस्या से जूझना पड़ रहा है. हालांकि जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों ने जान को जोखिम में डालकर अस्थायी रूप से अधिकतर योजनाओं में पानी की आपूर्ति को बहाल कर दिया है, लेकिन बताया जा रहा है कि विभाग को अब पेयजल योजनाओं की मरम्मत के लिए करोड़ों की आवश्यकता है तभी पेयजल संकट का स्थाई समाधान संभव है.
132 पेयजल योजनाएं हुई प्रभावित: करसोग में 12 से 14 अगस्त तक लगातार हुए भारी बारिश की वजह से 132 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं. इसमें 25 बड़ी पेयजल योजनाएं शामिल हैं. उपमंडल में छोटी-बड़ी कुल 268 पेयजल योजनाएं है. वहीं, मूसलाधार बारिश से शकैलथ खड्ड में आई भीषण बाढ़ से करीब 5 करोड़ की ग्वालपूर तेबन सराहन उठाऊ पेयजल योजना पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है. दरअसल, खड्ड में आया पानी का तेज बहाव अपने साथ पंप हाउस समेत फिल्टर टैंक और पेयजल लाइनें को भी बहा कर ले गया. जिससे तीन पंचायतों में करीब 4500 की आबादी पेयजल संकट से जूझ रही है. वहीं, पेयजल की समस्या को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में अब छतरी से वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. जिसके लिए जल्द ही विभाग 12 किलोमीटर एरिया में नई पाइप लाइन डालने का कार्य शुरू करेगा.
'भारी बारिश से विभाग को अब तक करीब 40 करोड़ का नुकसान हुआ है. जिसकी रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है.' :- कृष्ण कुमार शर्मा, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर
![Jal Shakti Dept restoring Drinking water in Karsog](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/20-08-2023/19312322_thu.jpg)
117 पेयजल योजनाओं की पानी की आपूर्ति बहाल: जल शक्ति विभाग ने भारी बारिश से प्रभावित हुई 132 में से अस्थायी तौर पर 117 पेयजल योजनाओं में पानी की सप्लाई बहाल कर दी हैं. बाकी बचे 15 योजनाओं में मरम्मत कार्य चल रहा हैं. इन योजनाओं से भी जल्द लोगों को पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा. उपमंडल के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति को बहाल करने में 150 के करीब कर्मचारियों सहित 40 ठेकेदारों से लेबर की सेवाएं ली जा रही हैं. ऐसे में अब तक 50 किलोमीटर एरिया में क्षतिग्रस्त हुई पाईप लाईन को टेम्परेरी तौर पर जोड़ा गया है. वहीं, पेयजल समस्या के स्थाई समाधान के लिए विभाग को नई पाइपों की जरूरत है.
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