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राजस्थान के मजदूरों के लिए मसीहा बना प्रशासन और स्थानीय लोग, किराए के पैसे जुटाकर भेजा घर - करसोग की खबरें

पिछले 1 महीने से कर्फ्यू के दौरान करसोग में फंसे राजस्थान के मजदूरों को करसोग प्रशासन, महिला मंडलों व स्थानीय लोगों ने अपनी ओर से किराया जुटाकर सोमवार को घर भेजा. मजदूरों ने करसोग प्रशासन व स्थानीय लोगों का आभार प्रकट किया है.

Karsog administration
राज्यस्थान के मजदूरों को करसोग प्रशासन ने व्यवस्था कर भेजा घर.
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Published : Apr 27, 2020, 5:07 PM IST

करसोग: पिछले एक महीने से कर्फ्यू में फंसे मजदूरों के लिए करसोग प्रशासन और स्थानीय लोग मसीहा बनकर सामने आए हैं. प्रशासन सहित स्थानीय जनता ने किराया जुटाकर राजस्थान के गंगानगर के चार श्रमिकों को किराया जुटाकर वापस भेजा है. प्रशासन ने गंगानगर प्रशासन से भी संपर्क साधा और इन लोगों को अनुमति पत्र देकर घर भेजा. घर वापस लौटते वक्त सभी श्रमिकों की आंखों से खुशी के आंसू छलक गए और बार-बार प्रशासन व जनता का आभार प्रकट कर रहे थे.

रोजी रोटी की तलाश में करसोग पहुंचे 4 श्रमिक कोरोना का कारण लगे कर्फ्यू में फंस गए थे. उपमंडल में कर्फ्यू के कारण सभी कामों पर ब्रेक लगने से यह श्रमिक बिना काम के बेकार बैठे थे. ऐसे में यह लोग सरकार से पिछले कई दिनों से वापिस घर जाने की गुहार लगा रहे थे. हालांकि करसोग के विभिन्न क्षेत्रों में कर्फ्यू के कारण फंसे सभी प्रवासी मजदूरों के लिए प्रशासन ने खाने-पीने की पूरा व्यवस्था की है. इसके अतिरिक्त स्थानीय लोग भी गरीब परिवारों को राशन किट बांट रहे हैं, लेकिन लंबे समय से जारी कर्फ्यू की वजह से इन श्रमिकों को घर की चिंता सताने लगी थी. ऐसे में प्रशासन ने 4 श्रमिकों को घर जाने की अनुमति दी है.

वीडियो रिपोर्ट.

यह सभी लोग वापस अपने बच्चों और माता-पिता से मिलने राजस्थान के गंगानगर चले गए हैं. यहां से जाने से पहले सभी श्रमिकों ने स्थानीय विधायक हीरालाल, एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर सहित करसोग की जनता का आभार प्रकट किया. श्रमिकों का कहना था कि कर्फ्यू के दौरान प्रशासन और स्थानीय लोगों ने उनका पूरा ध्यान रखा. इस दौरान उन्हें रहने और खाने-पीने की पूरी सुविधा दी गई. यही नहीं घर वापस जाने के लिए किराए की भी व्यवस्था की गई. इसके लिए वह करसोग की जनता और प्रशासन के हमेशा आभारी रहेंगे.

दो पुरुष व दो महिलाएं:-

राजस्थान के गंगानगर से 2 पुरुषों सहित 2 महिलाएं 3 महीने पहले ही करसोग में मेहनत मजदूरी करने आये थे. इसी बीच देश मे कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए मार्च के अंतिम सप्ताह में प्रदेश भर में कर्फ्यू लग गया, जिस कारण यह चारों श्रमिक कर्फ्यू के कारण करसोग में ही फंस गए थे. पिछले एक महीने से कर्फ्यू के कारण इन लोगों के पास वापस घर जाने के भी पैसे नहीं थे. ऐसे में प्रशासन ने इन लोगों को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था के साथ किराए के लिए भी पैसे जुटाए, जिसमें स्थानीय लोगों सहित महिला मंडलों ने भी अपना योगदान दिया. कर्फ्यू के कारण करसोग में फंसे प्रवासी मजदूरों को प्रशासन ने खाने-पीने की सारी सुविधाएं मुहैया करवाई.

न्यारा वार्ड के पार्षद ने क्या कहा:-

न्यारा वार्ड के पार्षद बंसीलाल ने बताया कि प्रशासन ने राजस्थान के गंगानगर के 4 श्रमिकों को वापिस जाने की अनुमति दी है. कर्फ्यू के कारण यह श्रमिक करसोग में फंस गए थे. उन्होंने कहा कि इन मज़दूरों के घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं और माता पिता भी बीमार है, जिस कारण इन लोगों ने वापिस घर जाने की अनुमति मांगी थी और अब यह लोग वापिस जा चुके हैं. करसोग में श्रमिकों के लिए खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई थी. उन्होंने कहा कि प्रशासन सहित नगर पंचायत और महिला मंडलों ने इन लोगों के लिए किराए की भी व्यवस्था की. इसके लिए करसोग की जनता का बार-बार आभार प्रकट करते हुए खुशी से यह लोग वापस लौट गए हैं.

ये भी पढ़ें: सोलन जिला हुआ कोरोना मुक्त, प्रदेश में घटकर 10 हुई कोरोना संक्रमितों की संख्या

करसोग: पिछले एक महीने से कर्फ्यू में फंसे मजदूरों के लिए करसोग प्रशासन और स्थानीय लोग मसीहा बनकर सामने आए हैं. प्रशासन सहित स्थानीय जनता ने किराया जुटाकर राजस्थान के गंगानगर के चार श्रमिकों को किराया जुटाकर वापस भेजा है. प्रशासन ने गंगानगर प्रशासन से भी संपर्क साधा और इन लोगों को अनुमति पत्र देकर घर भेजा. घर वापस लौटते वक्त सभी श्रमिकों की आंखों से खुशी के आंसू छलक गए और बार-बार प्रशासन व जनता का आभार प्रकट कर रहे थे.

रोजी रोटी की तलाश में करसोग पहुंचे 4 श्रमिक कोरोना का कारण लगे कर्फ्यू में फंस गए थे. उपमंडल में कर्फ्यू के कारण सभी कामों पर ब्रेक लगने से यह श्रमिक बिना काम के बेकार बैठे थे. ऐसे में यह लोग सरकार से पिछले कई दिनों से वापिस घर जाने की गुहार लगा रहे थे. हालांकि करसोग के विभिन्न क्षेत्रों में कर्फ्यू के कारण फंसे सभी प्रवासी मजदूरों के लिए प्रशासन ने खाने-पीने की पूरा व्यवस्था की है. इसके अतिरिक्त स्थानीय लोग भी गरीब परिवारों को राशन किट बांट रहे हैं, लेकिन लंबे समय से जारी कर्फ्यू की वजह से इन श्रमिकों को घर की चिंता सताने लगी थी. ऐसे में प्रशासन ने 4 श्रमिकों को घर जाने की अनुमति दी है.

वीडियो रिपोर्ट.

यह सभी लोग वापस अपने बच्चों और माता-पिता से मिलने राजस्थान के गंगानगर चले गए हैं. यहां से जाने से पहले सभी श्रमिकों ने स्थानीय विधायक हीरालाल, एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर सहित करसोग की जनता का आभार प्रकट किया. श्रमिकों का कहना था कि कर्फ्यू के दौरान प्रशासन और स्थानीय लोगों ने उनका पूरा ध्यान रखा. इस दौरान उन्हें रहने और खाने-पीने की पूरी सुविधा दी गई. यही नहीं घर वापस जाने के लिए किराए की भी व्यवस्था की गई. इसके लिए वह करसोग की जनता और प्रशासन के हमेशा आभारी रहेंगे.

दो पुरुष व दो महिलाएं:-

राजस्थान के गंगानगर से 2 पुरुषों सहित 2 महिलाएं 3 महीने पहले ही करसोग में मेहनत मजदूरी करने आये थे. इसी बीच देश मे कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए मार्च के अंतिम सप्ताह में प्रदेश भर में कर्फ्यू लग गया, जिस कारण यह चारों श्रमिक कर्फ्यू के कारण करसोग में ही फंस गए थे. पिछले एक महीने से कर्फ्यू के कारण इन लोगों के पास वापस घर जाने के भी पैसे नहीं थे. ऐसे में प्रशासन ने इन लोगों को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था के साथ किराए के लिए भी पैसे जुटाए, जिसमें स्थानीय लोगों सहित महिला मंडलों ने भी अपना योगदान दिया. कर्फ्यू के कारण करसोग में फंसे प्रवासी मजदूरों को प्रशासन ने खाने-पीने की सारी सुविधाएं मुहैया करवाई.

न्यारा वार्ड के पार्षद ने क्या कहा:-

न्यारा वार्ड के पार्षद बंसीलाल ने बताया कि प्रशासन ने राजस्थान के गंगानगर के 4 श्रमिकों को वापिस जाने की अनुमति दी है. कर्फ्यू के कारण यह श्रमिक करसोग में फंस गए थे. उन्होंने कहा कि इन मज़दूरों के घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं और माता पिता भी बीमार है, जिस कारण इन लोगों ने वापिस घर जाने की अनुमति मांगी थी और अब यह लोग वापिस जा चुके हैं. करसोग में श्रमिकों के लिए खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई थी. उन्होंने कहा कि प्रशासन सहित नगर पंचायत और महिला मंडलों ने इन लोगों के लिए किराए की भी व्यवस्था की. इसके लिए करसोग की जनता का बार-बार आभार प्रकट करते हुए खुशी से यह लोग वापस लौट गए हैं.

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