करसोग: जिला मंडी के करसोग में समय पर सड़कों का कार्य पूरा न होने पर जलशक्ति मंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई है. करसोग में अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान महेंद्र सिंह ठाकुर ने तो टूक चेतावनी दी है कि ठेकेदार समय पर अपने कार्यों को पूरा करें.
जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि ठेकेदारों से हमारा कोई रिश्ता और वास्ता नहीं है. अगर कोई रिश्ता है तो वो सिर्फ काम का है. सड़क निर्माण के दौरान क्वालिटी से कोई समझौता नहीं होगा.
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि वे करसोग घूमने के लिए नहीं आए हैं, जनता के काम होने चाहिए. सरकार का मकसद जनहित के कार्य करवाने का है. सरकार ऐसा कोई भी वादा नहीं करेगी जो कार्य हो न सके. सरकार केवल वही वादा करेगी जो काम हो सके.
बता दें कि जलशक्ति मंत्री करसोग में वर्ष 2017 में आवार्ड हुए सड़कों का निर्माण कार्य अभी तक पूरा न होने से नाराज थे. करसोग डिवीजन में 7 सड़कें ऐसी हैं, जिनका कार्य 3 सालों में भी पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में लोगों को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए सरकार जो करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, उसका जनता को कोई फायदा नहीं हो रहा है.
23.86 करोड़ की सड़कों का कार्य लटका
करसोग डिवीजन में जिन 7 सड़कों का कार्य तीन साल बीतने के बाद भी पूरा नहीं हुआ है. इस पर सरकार 23.86 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. इसमें कांडी-धारकाण्डलू सड़क पर 2.65 करोड़ की लागत से तैयार होगी.
इसी तरह कुठेड़-रशोग-दोयम सड़क का कार्य 4.11 करोड़ में आवार्ड हुआ है. रांगण-घेणी शैदल सड़क पर 2.44 करोड़ खर्च किये जा रहे हैं. मशोग-ग्वालपुर सड़क का कार्य भी 3.50 करोड़ का है. माहूंनाग-सरतेयोला सड़क का कार्य 2.95 करोड़ में आवार्ड हुआ है.
वहीं, माहोटा- बगशाड सड़क पर 3.03 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं. पांगणा- मझांगन सड़क का कार्य भी 5.18 करोड़ में आवार्ड हुआ है. इन सभी सड़कों का कार्य वर्ष 2017 में आवार्ड हुआ था. इसमें पांगणा-मझांगन सड़क का काम नवंबर 2018 में पूरा होना था. अन्य छह सड़कों का काम भी ठेकेदारों को जून 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था.
हैरानी की बात है कि इन सड़कों को कार्य अभी भी पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में सरकार ने निर्माण कार्य में बरती गई सुस्ती पर सख्ती दिखाई है. मंत्री के आदेशों के बाद अब इन सड़कों का कार्य जल्द पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है.
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