मंडीः भारतीय इंटरनेट यूजर का डाटा का एकत्रीकरण बाहरी देशों के बजाए केवल भारत में स्थापित डाटा सैंटरों में ही होना चाहिए ताकि यूजर की गोपनीयता को बचाया जा सके. लोकसभा में शून्य काल के दौरान मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद रामस्वरूप शर्मा ने इंटरनेट यूजर का डाटा की गोपनीयता के मामले को उठाया है.
डिजिटल इंडिया के चलते देश में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या में पिछले पांच वर्षों में भारी वृद्धि हुई है. इससे लोगों का जीवन सरल हो गया है, लेकिन इसके साथ ही कुछ नई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है. इन चुनौतियों में से एक उपभोक्ता के डाटा की गोपनीयता है.
भारतीय इंटरनेट उपभोक्ता का डाटा का एकत्रीकरण बाहरी देशों के बजाए केवल भारत में स्थापित डाटा सैंटरों में ही होना चाहिए. जिससे उपभोक्ता की गोपनीयता को बचाया जा सके. 21वीं सदी का सबसे महंगा स्त्रोत इंटरनेट उपभोक्ता का डाटा ही है और पूरी दुनियां के इंटरनेट उपभोक्ताओं के डाटा की कीमत दुनिया के कच्चे तेल के अनुमानित सभी भंडारों से भी ज्यादा है.
सांसद रामस्वरूप शर्मा ने कहा कि गूगल और फेसबुक जैसे इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियां है जो उपभोक्ता के डाटा से काफी अधिक पैसे कमा रही हैं. इससे पता चलता है कि हमारे डाटा का उपयोग करके ये कंपनियां काफी समृद्ध हो चुकी हैं.
लिहाजा इस संदर्भ में उचित कार्रवाई की जानी चाहिए, जिससे उपभोक्ता की गोपनीयता को सुरक्षित रखा जा सके और इन कंपनियों पर टैक्स का भी प्रावधान किया जाए. जिससे देश को आर्थिक लाभ हो सके और नई नौकरियों का सृजन हो सके.