मंडी: करसोग में नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि की बेसहारा पशुओं के लिए सहारा देने की पहल अब रंग लाने लगी है. यहां भन्थल पंचायत के सैंडा गांव में जनप्रतिनिधियों द्वारा खून पसीने की कमाई से चलाए जा रहे गौ सदन में बेसहारा पशुओं की सेवा के लिए महिलाओं ने भी अपने हाथ बढ़ाए हैं. गौ सदन में रखे गए 35 पशुओं के लिए भन्थल गांव का महिला मंडल की सदस्य घास का प्रबंध कर रही हैं और साथ पशुओं की सेवा का भी जिम्मा संभाला है.
बेसहारा पशुओं को सहारा देने की पहल
वहीं जनप्रतिनिधियों ने अब प्रशासन से भी पशुओं को बेसहारा छोड़ने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है. ताकि सड़कों पर आवारा घूम रहे पशुओं की समस्या को खत्म किया जा सके. इसमें पंचायतें भी सहयोग देने को तैयार हैं. बता दें कि उपमंडल में आरामपरस्त जिंदगी की चाह में लोग पशुओं को खुला छोड़ रहे हैं. जिससे सड़कों पर बेलगाम घूम रहे बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ रही है.
बेजुबान पशुओं पर हो रहे अत्याचार पर रोक
यहां खेती के लिए पावर टिलर का उपयोग बढ़ने से बैलों सहित दूध न देने पर गायों को सड़कों पर छोड़ा जा रहा है. ऐसे में ये बेसहारा पशु रात को खेतों में घुसकर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. जिस कारण इन बेजुबान पर अत्याचार भी बढ़ रहा है. जिससे अब कई जनप्रतिनिधियों सहित समाज सेवियों का दिल पसीजा है. जिसके बाद इन लोगों ने बेसहारा पशुओं के लिए अपने स्तर पर गौ सदन खोलने का निर्णय लिया था. ये गौसदन सनारली- शंकर देहरा मुख्य मार्ग के साथ खोला गया है. जनप्रतिनिधियों सहित समाज सेवियों ने आम जनता से भी इस पुनीत कार्य में सहयोग की भी अपील की है.
महिलाऔ ने भी गौ सेवा के लिए बढ़ाया कदम
समाज सेवी ख़ज़ानाराम का कहना है कि गौ सेवा के लिए अब महिलाएं भी आगे आई हैं. गौ सदन के लिए भन्थल महिला मंडल ने घास की गाड़ी दी है. अब ये महिलाएं गौ सदन की सफाई का भी जिम्मा देखेंगी. उन्होंने जनप्रतिनिधियों की पहल को आगे बढ़ाने से आम जनता से भी सहयोग की अपील की है.
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