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Mandi Disaster: विकास के नाम पर 'विनाश' का मॉडल बन रही देवभूमि हिमाचल प्रदेश, मंडी के कई मकानों में पड़ी दरारें - मंडी में बेघर हुआ परिवार

विकास के नाम पर पर्यावरण के साथ किए जा रहे खिलवाड़ का नतीजा पिछले दिनों में हिमाचल में देखने को मिला है. धड़ल्ले से हो रहे इस गैर-नियोजित विकास के कारण मंड़ी में कई परिवार अपना घर-बार छोड़ दूसरों के घरों में शरणार्थी बनकर रहने को मजबूर हैं. पीड़ित परिवारों ने जो बताया उसे सुनकर आप दंग हो जाएंगे. पढ़ें पूरी खबर.. (Homeless Family in Mandi)

Cracks in Mandi houses due to forelane construction
फोरलेन निर्माण के बाद मंडी में बेघर हुआ परिवार
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 27, 2023, 7:53 PM IST

प्रभावितों की जुबानी दर्द की कहानी.

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में विकास के नाम पर हुए गैर-नियोजित विकास ने लोगों से उनके आशियाने छीन लिए. वहीं, प्रदेश में पानी के रूप में बरस रहे कहर से अनेक स्थानों पर लोग अपने घर-बार छोड़ कर शरणार्थियों की तरह रहने को मजबूर है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसा ही एक मामला मंडी के विकास खंड सुंदरनगर की ग्राम पंचायत सलवाणा के गांव गमोहूं में भी सामने आया है. जहां दो भाइयों का परिवार अपना घर-बार छोड़ दूसरों के घरों में शरणार्थी बनकर रहने को मजबूर हैं. बता दें, गांव में ही किराए पर लिए दो कमरों में 13 लोगों का परिवार किसी तरह गुजर बसर कर रहा है. बताया जा रहा है कि फोरलेन निर्माण के लिए हुई टनलों की खुदाई के कारण मकान में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई. जिसके बाद खतरा को देखते हुए मकान के खाली करना पड़ा.

दरअसल, फोरलेन निर्माण से पहले तक दोनों भाई घर में रहते थे. समय सुख से व्यतीत हो रहा था, लेकिन फोरलेन निर्माण के लिए टनलों की खुदाई दोनों परिवारों पर आफत बन कर टूट पड़ी. भवाणा टनल के निर्माण के दौरान हर रोज भारी भरकम मशीनों की पहाड़ी में खोदाई से होने वाली कंपन से रसोई के बर्तन गिरते थे. धीरे-धीरे घर में दरारें आना शुरू हो गई थी. उस दौरान परिवार ने एनएचएआई से बार-बार मिलकर अपनी आपबीता को बताई और विरोध भी जताया था, लेकिन किसी पर उनकी परेशानी का कोई असर नहीं हुआ.

जगदीश चंद और गोविंद बताते हैं कि 13 अगस्त की रात को हुई बारिश से घर के ठीक सामने की जमीन करीब एक फीट तक धंस गई. जिसके कारण मकान में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई और संभावित खतरे को देखते हुए मकान से आवश्यकता का सामान निकाल अब किराए पर लिए दो कमरों में रह रहे हैं. भारी बारिश से उनकी 8 बीघा भूमि में से 6 बीघा में जगह-जगह दरारें पड़ चुकी हैं. बची हुई जमीन के भी धंसने की संभावना है. ऐसे में अब उसमें खेती भी नहीं कर सकते हैं.

Cracks in Mandi houses due to forelane
फोरलेन निर्माण से मंडी के कई घरों में पड़ी दरारें

बता दें, शुक्रवार को सुंदरनगर के दौरे पर पहुंची सांसद प्रतिभा सिंह से भी परिवार ने अपना दुख दर्द साझा कर सरकार और प्रशासन से आग्रह की है कि उनका और उन जैसे अन्य परिवारों के रहने का स्थाई समाधान किया जाए. वहीं, मामले पर एसडीएम सुंदरनगर अमर नेगी ने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा सभी प्रभावित क्षेत्रों और पीड़ित लोगों के हुए नुकसान का आंकलन कर इसका प्रारूप बनाकर सरकार को भेजा जाएगा. इसके बाद ही सभी प्रभावितों को हुए नुकसान की एवज में राहत राशि प्रदान की जाएगी. इस पर राजस्व विभाग की टीम कार्य कर रही है.

ये भी पढ़ें: Mandi Disaster: कुकलाह गांव में तबाही का मंजर, 12 घर और एक स्कूल जमींदोज, सैकड़ों लोग बेघर, सरकार से मदद की दरकार

प्रभावितों की जुबानी दर्द की कहानी.

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में विकास के नाम पर हुए गैर-नियोजित विकास ने लोगों से उनके आशियाने छीन लिए. वहीं, प्रदेश में पानी के रूप में बरस रहे कहर से अनेक स्थानों पर लोग अपने घर-बार छोड़ कर शरणार्थियों की तरह रहने को मजबूर है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसा ही एक मामला मंडी के विकास खंड सुंदरनगर की ग्राम पंचायत सलवाणा के गांव गमोहूं में भी सामने आया है. जहां दो भाइयों का परिवार अपना घर-बार छोड़ दूसरों के घरों में शरणार्थी बनकर रहने को मजबूर हैं. बता दें, गांव में ही किराए पर लिए दो कमरों में 13 लोगों का परिवार किसी तरह गुजर बसर कर रहा है. बताया जा रहा है कि फोरलेन निर्माण के लिए हुई टनलों की खुदाई के कारण मकान में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई. जिसके बाद खतरा को देखते हुए मकान के खाली करना पड़ा.

दरअसल, फोरलेन निर्माण से पहले तक दोनों भाई घर में रहते थे. समय सुख से व्यतीत हो रहा था, लेकिन फोरलेन निर्माण के लिए टनलों की खुदाई दोनों परिवारों पर आफत बन कर टूट पड़ी. भवाणा टनल के निर्माण के दौरान हर रोज भारी भरकम मशीनों की पहाड़ी में खोदाई से होने वाली कंपन से रसोई के बर्तन गिरते थे. धीरे-धीरे घर में दरारें आना शुरू हो गई थी. उस दौरान परिवार ने एनएचएआई से बार-बार मिलकर अपनी आपबीता को बताई और विरोध भी जताया था, लेकिन किसी पर उनकी परेशानी का कोई असर नहीं हुआ.

जगदीश चंद और गोविंद बताते हैं कि 13 अगस्त की रात को हुई बारिश से घर के ठीक सामने की जमीन करीब एक फीट तक धंस गई. जिसके कारण मकान में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई और संभावित खतरे को देखते हुए मकान से आवश्यकता का सामान निकाल अब किराए पर लिए दो कमरों में रह रहे हैं. भारी बारिश से उनकी 8 बीघा भूमि में से 6 बीघा में जगह-जगह दरारें पड़ चुकी हैं. बची हुई जमीन के भी धंसने की संभावना है. ऐसे में अब उसमें खेती भी नहीं कर सकते हैं.

Cracks in Mandi houses due to forelane
फोरलेन निर्माण से मंडी के कई घरों में पड़ी दरारें

बता दें, शुक्रवार को सुंदरनगर के दौरे पर पहुंची सांसद प्रतिभा सिंह से भी परिवार ने अपना दुख दर्द साझा कर सरकार और प्रशासन से आग्रह की है कि उनका और उन जैसे अन्य परिवारों के रहने का स्थाई समाधान किया जाए. वहीं, मामले पर एसडीएम सुंदरनगर अमर नेगी ने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा सभी प्रभावित क्षेत्रों और पीड़ित लोगों के हुए नुकसान का आंकलन कर इसका प्रारूप बनाकर सरकार को भेजा जाएगा. इसके बाद ही सभी प्रभावितों को हुए नुकसान की एवज में राहत राशि प्रदान की जाएगी. इस पर राजस्व विभाग की टीम कार्य कर रही है.

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