ETV Bharat / state

छतरी में ऐतिहासिक लवी मेले का समापन, मेले में पहली बार दो भाइयों देव च्वासी नाग और देव चपलादूं का हुआ मिलन

सराज की दूर दराज उप तहसील छतरी में शुक्रवार को ऐतिहासिक लवी मेले का समापन हो गया. वहीं, मेले में पहली बार दो भाइयों देव च्वासी नाग और देव चपलादूं का मिलन भी हुआ. (Lavi fair concludes of Chhatri) (Historical Lavi fair concludes)

(Lavi fair concludes of Chhatri
छतरी में ऐतिहासिक लवी मेले का समापन.
author img

By

Published : Nov 5, 2022, 10:14 AM IST

Updated : Nov 5, 2022, 2:45 PM IST

सराज: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र सराज विधानसभा क्षेत्र की उप तहसील छतरी में शुक्रवार को ऐतिहासिक लवी मेले का समापन हो गया. चार दिवसीय लवी मेले का समापन दस देवी-देवताओं की मौजूदगी में हुआ. श्रद्धा के प्रतीक देवी-देवताओं के देव रथ को अच्छे से सजाया गया था. मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त किया और मन्नत मांगी. समापन अवसर पर पूरी छतरी वैली वाद्य यंत्रों से गूंज उठी. इतिहास में पहली बार दो भाइयों देव च्वासी नाग और देव चपलादूं का मिलन हुआ. (Lavi fair concludes of Chhatri) (Historical Lavi fair concludes)

छतरी लवी मेले में ये देवी-देवता रहे मौजूद- छतरी लवी मेले का आयोजन मेला कमेटी प्रधान अंकू, कोषाध्यक्ष कमलेश व अन्य पदाधिकारियों सदस्यों द्वारा करवाया गया था. इस लवी मेले में मगरू महादेव जी छतरी, देव बायला नारायण विष्णु जी जंजैहली, नाग च्वासी सिद्ध जी महोग, नाग चपलांदु जी पनाहर, नाग हुंगलू जी खन्योल च्वासी, देव मङेहला मेहरीधार, देव धनेलू खींह, देव नारायण नरेंटू, माता गाङा दुर्गा जंजैहली, देव खोङा छत्तरी के देवरथ ने अपने देवलुओं के साथ भाग लिया.

इतिहास में पहली बार दो सगे भाइयों का हुआ मिलन- छतरी के अरुण कुमार वर्मा का कहना है कि लवी का व्यापारिक मेला कई वर्षों से मनाया जा रहा है. मेले में क्षेत्र के लोग आगामी सर्दियां देखते हुए गर्म कपड़ों की खरीद करते हैं. उनका कहना है कि छतरी के प्राकृतिक सौंदर्य व छतरेश्वर मंदिर की काष्ठ कला के मद्देनजर रखते हुए छतरी को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज तक के इतिहास में पहली बार दो सगे भाइयों का मिलन का गवाह समूचा क्षेत्र बना है. आज से पहले कभी इन दोनों भाई का मिलन नहीं हुआ था. (Seraj assembly constituency) (Historical Lavi fair concludes of Chhatri of Seraj)

ये भी पढ़ें: जानें क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा, पढ़ें इसके पीछे की कहानी

सराज: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र सराज विधानसभा क्षेत्र की उप तहसील छतरी में शुक्रवार को ऐतिहासिक लवी मेले का समापन हो गया. चार दिवसीय लवी मेले का समापन दस देवी-देवताओं की मौजूदगी में हुआ. श्रद्धा के प्रतीक देवी-देवताओं के देव रथ को अच्छे से सजाया गया था. मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त किया और मन्नत मांगी. समापन अवसर पर पूरी छतरी वैली वाद्य यंत्रों से गूंज उठी. इतिहास में पहली बार दो भाइयों देव च्वासी नाग और देव चपलादूं का मिलन हुआ. (Lavi fair concludes of Chhatri) (Historical Lavi fair concludes)

छतरी लवी मेले में ये देवी-देवता रहे मौजूद- छतरी लवी मेले का आयोजन मेला कमेटी प्रधान अंकू, कोषाध्यक्ष कमलेश व अन्य पदाधिकारियों सदस्यों द्वारा करवाया गया था. इस लवी मेले में मगरू महादेव जी छतरी, देव बायला नारायण विष्णु जी जंजैहली, नाग च्वासी सिद्ध जी महोग, नाग चपलांदु जी पनाहर, नाग हुंगलू जी खन्योल च्वासी, देव मङेहला मेहरीधार, देव धनेलू खींह, देव नारायण नरेंटू, माता गाङा दुर्गा जंजैहली, देव खोङा छत्तरी के देवरथ ने अपने देवलुओं के साथ भाग लिया.

इतिहास में पहली बार दो सगे भाइयों का हुआ मिलन- छतरी के अरुण कुमार वर्मा का कहना है कि लवी का व्यापारिक मेला कई वर्षों से मनाया जा रहा है. मेले में क्षेत्र के लोग आगामी सर्दियां देखते हुए गर्म कपड़ों की खरीद करते हैं. उनका कहना है कि छतरी के प्राकृतिक सौंदर्य व छतरेश्वर मंदिर की काष्ठ कला के मद्देनजर रखते हुए छतरी को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज तक के इतिहास में पहली बार दो सगे भाइयों का मिलन का गवाह समूचा क्षेत्र बना है. आज से पहले कभी इन दोनों भाई का मिलन नहीं हुआ था. (Seraj assembly constituency) (Historical Lavi fair concludes of Chhatri of Seraj)

ये भी पढ़ें: जानें क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा, पढ़ें इसके पीछे की कहानी

Last Updated : Nov 5, 2022, 2:45 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.