मंडी: जहां हिमाचल में सत्ता परिवर्तन करते हुए कांग्रेस पार्टी द्वारा सरकार बनाई गई है, वहीं पार्टी के अंदर गुटबाजी की चिंगारी एक बार फिर सामने आई है. इस चिंगारी को हवा देने का काम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के उस बयान ने किया जो उन्होंने हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के तहत जिला मंडी के विधानसभा क्षेत्र द्रंग के पधर में दिया. उन्होंने बातों ही बातों में जता दिया कि भले ही सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री बन गए हों लेकिन वरिष्ठ कांग्रेस नेता कौल सिंह ठाकुर अपनी सीट ना हारते तो वह मुख्यमंत्री होते.
प्रतिभा सिंह ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को पधर में संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में भले ही कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है. लेकिन द्रंग विधानसभा क्षेत्र की सीट हारने का बहुत दुख हुआ है. बड़े अफसोस की बात है कि कौल सिंह जैसे सीनियर नेता जो 8 बार मर्तबा विधायक 4 बार मंत्री विधानसभा स्पीकर और पार्टी के अध्यक्ष रहे नेता को द्रंग के मतदाताओं ने हरा दिया है. उन्होंने खुलासा किया कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कौल सिंह ठाकुर उनसे मिले थे. उस दौरान प्रतिभा सिंह ने कहा था कि अगर आप चुनाव जीते होते तो आप सीएम की शपथ ले रहे होते. इस पर कौल सिंह ने कहा था कि यह सब भाग्य की बात है. सुखविंदर सिंह सुक्खू के भाग्य में सीएम बनना लिखा था और वह सीएम बने.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए नाम का चयन करना हाइकमान के लिए काफी मुश्किल रहा था. एक तरफ जहां होलीलॉज दावेदारी जता रहा था तो वहीं, दूसरी तरफ सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम भी रेस में चला हुआ था. सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री पद की पहले ही दावेदारी जता चुके थे, जबकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हो गई थीं. यहां तक प्रतिभा सिंह ने साफ कहा था कि विधानसभा चुनाव वीरभद्र सिंह के नाम पर लड़ा गया और उन्हीं के नाम पर जीत हासिल की है. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान उन्हें किसी भी तरह से दरकिनार नहीं कर सकती है. लेकिन अंत में हाइकमान ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीएम पद की जिम्मेवारी दी थी. वहीं, कांग्रेस की इसी गुटबाजी के कारण पहली बार हिमाचल प्रदेश में किसी को डिप्टी CM बनाया गया.
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