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करसोग में  टूटा इंद्रदेव का कहर, मक्की सहित दालों की फसल हुई बर्बाद

मंडी के करसोग में लगातार हो रही बारिश ने किसानों के साथ-साथ कृषि विभाग की परेशानियों को भी बढ़ा दिया है. भारी बारिश से किसानों की मक्की और दालों की फसल बर्बाद हो गई है.

बारिश से फसलों को भारी नुकसान
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Published : Sep 29, 2019, 7:47 PM IST

करसोग: जिला मंडी के करसोग में लगातार हो रही बारिश से खरीफ सीजन की पैदावार के लक्ष्य पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. इस बार करसोग में 3500 हैक्टेयर भूमि पर मक्की की बिजाई की गई है. इस बार मक्की की पैदावार का लक्ष्य 70 हजार क्विटल का रखा गया है, लेकिन भारी बारिश ने किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है.

करसोग में तीन दिन से हो रही बारिश से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है, क्षेत्र में मक्की के साथ-साथ दालों की फसल भी बारिश के कारण बर्बाद हुई हैं. रुक-रुक कर हो रही बारिश किसानों की लिए आफत बनकर बरस रही है. मक्की की फसल अधिक बारिश के कारण खेतों में बिछ गई है.

क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से फसल खेतों में ही सड़ कर बर्बाद हो रही है. इसी तरह से करसोग में इन दिनों घास कटाई का काम शुरू है, लेकिन बारिश के कारण किसानों ने घास कटाई का काम भी रोक दिया है. अगर आने वाले दिनों में बारिश से राहत नहीं मिली तो घास सड़ कर बर्बाद हो सकता है. ऐसे में पशुओं के लिए भी चारे की समस्या पैदा हो सकती है. किसानों ने बारिश से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से राहत देने की मांग की है.

खरीफ सीजन में पैदावार का लक्ष्य भी खतरे में:
लगातार बारिश से खरीफ सीजन में पैदावार का लक्ष्य खतरे में पड़ गया है. इस बार करसोग में 3500 हैक्टेयर भूमि पर मक्की की बिजाई की गई है, जिसके पैदावार का लक्ष्य 70 हजार क्विटल का रखा गया है. इसी तरह से फ्रासबीन की बिजाई भी 150 हेक्टेयर भूमि में की गई है. कृषि विभाग ने इसके लिए 22, 500 क्विंटल उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है. ऐसे में अब लगातार हो रही बारिश के कारण कई क्षेत्रों में फसल बर्बाद हो गई है. जिससे कृषि विभाग का पैदावार का लक्ष्य भी खतरे में पड़ गया है.

अधिक बारिश फसलों के लिए नुकसानदायक: एसएमएस
करसोग कृषि विभाग के एसएमएस रामकृष्ण चौहान का कहना है कि जहां पर फसल तैयार है, इसके लिए लगातार हो रही बारिश नुकसानदायक है, लेकिन सर्दियों के मौसम के लिए जहां अगली फसल की बिजाई होनी है. उसके लिए यह बारिश फायदेमंद साबित होगी.

करसोग: जिला मंडी के करसोग में लगातार हो रही बारिश से खरीफ सीजन की पैदावार के लक्ष्य पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. इस बार करसोग में 3500 हैक्टेयर भूमि पर मक्की की बिजाई की गई है. इस बार मक्की की पैदावार का लक्ष्य 70 हजार क्विटल का रखा गया है, लेकिन भारी बारिश ने किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है.

करसोग में तीन दिन से हो रही बारिश से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है, क्षेत्र में मक्की के साथ-साथ दालों की फसल भी बारिश के कारण बर्बाद हुई हैं. रुक-रुक कर हो रही बारिश किसानों की लिए आफत बनकर बरस रही है. मक्की की फसल अधिक बारिश के कारण खेतों में बिछ गई है.

क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से फसल खेतों में ही सड़ कर बर्बाद हो रही है. इसी तरह से करसोग में इन दिनों घास कटाई का काम शुरू है, लेकिन बारिश के कारण किसानों ने घास कटाई का काम भी रोक दिया है. अगर आने वाले दिनों में बारिश से राहत नहीं मिली तो घास सड़ कर बर्बाद हो सकता है. ऐसे में पशुओं के लिए भी चारे की समस्या पैदा हो सकती है. किसानों ने बारिश से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से राहत देने की मांग की है.

खरीफ सीजन में पैदावार का लक्ष्य भी खतरे में:
लगातार बारिश से खरीफ सीजन में पैदावार का लक्ष्य खतरे में पड़ गया है. इस बार करसोग में 3500 हैक्टेयर भूमि पर मक्की की बिजाई की गई है, जिसके पैदावार का लक्ष्य 70 हजार क्विटल का रखा गया है. इसी तरह से फ्रासबीन की बिजाई भी 150 हेक्टेयर भूमि में की गई है. कृषि विभाग ने इसके लिए 22, 500 क्विंटल उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है. ऐसे में अब लगातार हो रही बारिश के कारण कई क्षेत्रों में फसल बर्बाद हो गई है. जिससे कृषि विभाग का पैदावार का लक्ष्य भी खतरे में पड़ गया है.

अधिक बारिश फसलों के लिए नुकसानदायक: एसएमएस
करसोग कृषि विभाग के एसएमएस रामकृष्ण चौहान का कहना है कि जहां पर फसल तैयार है, इसके लिए लगातार हो रही बारिश नुकसानदायक है, लेकिन सर्दियों के मौसम के लिए जहां अगली फसल की बिजाई होनी है. उसके लिए यह बारिश फायदेमंद साबित होगी.

Intro:करसोग में मानसून सीजन के अंतिम चरण में हो रही लगातार बारिश से खरीफ सीजन में पैदावार का लक्ष्य खतरे में पड़ गया है। इस बार करसोग में इस बार 3500 हैक्टेयर भूमि पर मक्की की बिजाई की गई है, जिसके पैदावार का लक्ष्य 70 हजार क्विटल का रखा गया है। Body:करसोग में तीन दिन से हो रही बारिश फसलों को भारी नुकसान, यहां मक्की सहित दालों की फसल हुई बर्बाद
करसोग
करसोग में तीन दिन से रुक रुक कर हो रही बारिश किसानों की लिए आफत बनकर बरस रही है। करसोग के अधिकतर क्षेत्रों में बारिश के कारण भारी नुकसान पहुंचा है। मक्की की फसल अधिक बारिश के कारण खेतों में टूट कर बिछ गई है। इसके अतिरिक्त क्षेत्र में दालों की फसल तैयार है, जो बारिश के कारण खराब हो गई है। लगातार हो रही बारिश के कारण किसान दालों की फसल को घर तक नहीं पहुँचा सके हैं। ऐसे में फसल खेतों में ही सड़ कर बर्बाद हो रही है। इसी तरह से करसोग में इन दिनों घास कटाई का काम शुरू है, लेकिन बारिश के कारण किसानों ने घास कटाई का काम भी रोक दिया है। अगर आने वाले दिनों में बारिश से राहत नहीं मिली तो घास सड़ कर बर्बाद हो सकता है। किसानों ने बारिश से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से राहत देने की मांग की है।


खरीफ सीजन में पैदावार का लक्ष्य भी खतरे में:
करसोग में मानसून सीजन के अंतिम चरण में हो रही लगातार बारिश से खरीफ सीजन में पैदावार का लक्ष्य खतरे में पड़ गया है। इस बार करसोग में इस बार 3500 हैक्टेयर भूमि पर मक्की की बिजाई की गई है, जिसके पैदावार का लक्ष्य 70 हजार क्विटल का रखा गया है। इसी तरह से फ्रासबीन की बिजाई भी 150 हेक्टेयर भूमि में की गई है। कृषि विभाग ने इसके लिए 22, 500 क्विंटल उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी तरह से किसानों से 100 हेक्टेयर भूमि पर टमाटर की खेती की है। इसके लिए भी 25 हजार क्विंटल का लक्ष्य तय किया गया है। इसके अतिरिक्त पैड़ी की बिजाई भी 1 हजार भूमि पर की गई है। इसके लिए भी विभाग ने 18,000 क्विंटल का लक्ष्य निर्धारित किया है। ऐसे में अब लगातार हो रही बारिश के कारण कई क्षेत्रों में फसल बर्बाद हो गई है। जिससे कृषि विभाग का पैदावार का लक्ष्य भी खतरे में पड़ गया है।

अधिक बारिश फसलों के लिए नुकसानदायक: एसएमएस
करसोग कृषि विभाग के एसएमएस रामकृष्ण चौहान का कहना है कि कम जहां पर फसल तैयार है, इसके लिए लगातार हो रही बारिश नुकसानदायक है, लेकिन सर्दियों के मौसम के लिए जहां अगली फसल की बिजाई होनी है। उसके लिए ये बारिश फायदेमंद साबित होगी।Conclusion:करसोग कृषि विभाग के एसएमएस रामकृष्ण चौहान का कहना है कि कम जहां पर फसल तैयार है, इसके लिए लगातार हो रही बारिश नुकसानदायक है, लेकिन सर्दियों के मौसम के लिए जहां अगली फसल की बिजाई होनी है। उसके लिए ये बारिश फायदेमंद साबित होगी।
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