सुंदरनगर: सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी में लगता है प्रशासन की बागडोर या तो बेलगाम हो गई है या फिर भावनाओं की शून्यता को पार कर चुकी है. यहां बिजली विभाग के अधिकारियों ने गर्मी के मौसम में एक दिव्यांग महिला के कंधों पर बिजली बिल के भुगतान की राशि को जमा करने की जिम्मेदारी सौंप दी.
ये महिला बिल की राशि को न गिन सकती है न लिख सकती है. इसलिए उसकी बेटी जहां कैश गिनने में मदद कर रही है. वहीं, दिव्यांग पति बिल जमा करवाने आ रहे लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाकर मदद कर रहा है.
13 हजार उपभोक्ताओं की जिम्मेदारी
मंडी के गोहर विद्युत डिविजन में जिस दिव्यांग महिला को यह काम सौंपा गया है. वहां 13 हजार के करीब उपभोक्ता हैं. इस महिला के लिए बिजली बिल का कैश एकत्रित करना मुश्किल है. इसको लेकर बिजली उपभोक्ताओं में भी अधिकारियों के प्रति काफी नाराजगी देखी जा रही हैं. जानकारी के अनुसार उपमंडल गोहर के गणेश चौक काउंटर के अंतर्गत 273 उपभोक्ता हैं. जिनमें से 223 ने काउंटर पर कैश जमा करवाया. इस दौरान दो लाख रुपए से अधिक की राशि इकट्ठा हुई.
दोनों हाथों से नहीं होता काम
दिव्यांग महिला कर्मचारी कुंता देवी ने बताया सब डिवीजन गोहर में बतौर सीनियर असिस्टेंट कार्यरत हैं. शारीरिक तौर से 83 फीसदी दोनों हाथों से दिव्यांग हैं. कार्यालय में सब कार्य करती है, लेकिन फील्ड में ड्यूटी करने में भारी कठिनाइयां आ रही हैं. कुंता देवी ने बताया बसों की सुविधा नहीं. विभाग के अधिकारी कभी-कभार सरकारी जीप या ट्रक में छोड़ देते है,लेकिन अधिकतर समय आने जाने के लिए दूसरों पर मोहताज रहना पड़ता है. दोनों हाथों से दिव्यांग होने के कारण सरकारी ट्रक पर चढ़ नहीं पाती. उन्होंने बताया कि फील्ड में जाने के लिए 300 रुपए खर्च कर टैक्सी से जाना पड़ता है. फील्ड में काउंटर लगाने के लिए कार्यालय से टेबल कुर्सी लेकर भी जाना पड़ती है. उन्होंने विभाग के अधिकारियों से मांग की है कि उन्हे एक कर्मचारी दिया जाए.
बिजली विभाग के अधिशाषी अभियंता नरेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया महिला कर्मचारी दिव्यांग है. एक कर्मचारी को साथ रहने के आदेश दिए गए है. एसडीओ को समाधान करने का आदेश जारी किया गया है. समस्या का समाधान किया जाएगा.