शिमला: पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर का कोई हवाई अड्डा नहीं है. पूर्व की जयराम सरकार ने इसके लिए प्रयास किए और आरंभिक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वित्तायोग से 1 हजार करोड़ रुपए की सिफारिश हासिल करने में भी कामयाब रही. इसी बीच, हिमाचल में सत्ता परिवर्तन हो गया और सुखविंदर सिंह के नेतृत्व में गठित कांग्रेस सरकार ने पूर्व सरकार के कई फैसले रद्द कर दिए.
अभी तक विपरीत फैसला नहीं: फिलहाल, सुखविंदर सिंह सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर कोई विपरीत फैसला नहीं लिया है.अलबत्ता 1 कदम आगे बढक़र सोशल इम्पैक्ट असेसमेंट कमेटी की ड्राफ्ट रिपोर्ट के बाद पब्लिक हियरिंग की अनुमति भी दे दी है. अब सवाल ये है कि क्या मौजूदा सीएम सुखविंदर सिंह पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाएंगे? क्या मौजूदा सरकार मंडी में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए तत्परता से काम करेगी?
सीएम सुखविंदर ने आगे बढ़ाई एयरपोर्ट की बात: हिमाचल के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने अपने कार्यकाल में 2019 में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के रूप में अपना ड्रीम प्रोजेक्ट अस्तित्व में लाया. इसके लिए पूर्व सरकार के कार्यकाल में सोशल इम्पैक्ट असेसमेंट कमेटी बनाई गई थी. फिर एसआर एशिया नामक फर्म ने इंपैक्ट रिपोर्ट तैयार की. अब मौजूदा सरकार में सीएम सुखविंदर सिंह ने इस काम में 1 कदम और आगे बढ़ाया है. पूर्व सरकार ने प्रोजेक्ट के सामाजिक प्रभाव का आकलन करने के लिए सोशल इंपैक्ट असेस्मेंट कमेटी बनाकर प्रक्रिया तेज की. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए पब्लिक हियरिंग यानी जन सुनवाई के लिए अनुमति दे दी है.
सीएम सुखविंदर सिंह आगे बढ़ाना चाहते प्रोजेक्ट: ये कदम दर्शाता है कि सीएम सुखविंदर सिंह इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना चाहते हैं. पिछले सप्ताह राज्य सरकार के रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने जनसुनवाई के लिए अपनी अनुमति मंडी के डीसी कार्यालय को भेज दी है. एसआर एशिया फर्म की रिपोर्ट आने के बाद जन सुनवाई आवश्यक है और फिर आगे की प्रक्रिया पूरी होगी. पब्लिक हियरिंग के बाद अगले महीने यानी मार्च के अंत तक फाइनल रिपोर्ट तैयार होगी.अंतिम रिपोर्ट को मूल्यांकन के लिए विशेषज्ञ समिति के पास भेजा जाएगा. फिर एक साल के भीतर भूमि अधिग्रहण किया जा सकेगा.
करीब 70 प्रतिशत जनता ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के पक्ष में: मंडी के बल्ह में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए सोशल इंपैक्ट असेस्मेंट कमेटी ने जो सर्वेक्षण किया, उसमें करीब 70 प्रतिशत जनता परियोजना के पक्ष में है. ये सर्वे घर-घर जाकर हुआ है. राजस्व विभाग की जनसुनवाई की अनुमति के बाद अब प्रोजेक्ट एरिया की 5 पंचायतों में पब्लिक हियरिंग होगी. यदि किसी व्यक्ति को आपत्ति हो तो वो जनसुनवाई के दौरान भी उन्हें दर्ज करवा सकता है. जनसुनवाई के बाद प्रोजेक्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा.
फाइनल ड्राफ्ट से पता चलेगी लागत: फाइनल ड्राफ्ट से मालूम होगा कि इस परियोजना को पूरा करने में कितना पैसा लगेगा. वित्तायोग ने इसके लिए 1 हजार करोड़ रुपए की रकम देने की सिफारिश की है. हालांकि, उस सिफारिश पर अभी केंद्र सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है. अब ये राज्य सरकार पर निर्भर करेगा कि वो इस प्रोजेक्ट को आगे किस तरह से बढ़ाएगी. राज्य सरकार को पहले तो केंद्र से 1 हजार करोड़ रुपए मंजूर करने के लिए आग्रह करना होगा, फिर अपने संसाधनों को टटोलना होगा कि क्या हिमाचल का खजाना प्रोजेक्ट की लागत का भार उटा सकेगा?
ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट में कब क्या हुआ: पूर्व की जयराम सरकार ने दिसंबर 2019 को कैबिनेट मीटिंग में बल्ह ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए एमओयू पर साइन करने की अनुमति दी. उसके बाद 15 जनवरी 2020 को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया तथा हिमाचल सरकार के दरम्यान एमओयू हुआ. पूर्व सरकार के कार्यकाल में ही 2021 वित्त आयोग ने (कंस्ट्रक्शन ऑफ ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट मंडी एट नागचला) के तौर पर 1 हजार करोड़ रुपए मंजूर किए थे. फिर तत्कालीन जयराम सरकार ने एयरपोर्ट के सोशल इंपैक्ट का आकलन करने से जुड़ी अधिसूचना जारी की. अधिसूचना के अनुसार ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए करीब 2900 बीघा जमीन ली जानी है. यहां बता दें कि सत्ता में आने के बाद ही सीएम जयराम ठाकुर इस प्रोजेक्ट के लिए काम पर लग गए थे.
28 अप्रैल 2018 को एयरपोर्ट की मांग रखी: जयराम ठाकुर ने 28 अप्रैल 2018 को तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु से मिलकर ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की मांग रख दी थी. फिर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 7 मई 2018 को एक टीम मंडी भेजने का ऐलान किया. बाद में एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया के विशेषज्ञों की 4 सदस्यीय टीम ने 10 मई 2018 को चंडीगढ़ में सीएम जयराम को हवाई अड्डे की स्थापना को लेकर मंडी जिला में सरकार द्वारा चिन्हित पांच स्थानों के सर्वे से जुड़ी रिपोर्ट दी थी.
पीएम मोदी को भी अवगत कराया: जयराम ठाकुर ने 4 अक्टूबर 2018 को पीएम नरेंद्र मोदी से मिलकर बताया था कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने मंडी जिला के नागचला में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर सर्वे किया है. इसमें 3479 बीघा जमीन को एयरपोर्ट निर्माण के लिए तथा बड़े हवाई जहाजों के उतरने को उपयुक्त पाया.प्रोजेक्ट के पहले चरण में 2400 मीटर रनवे बनाया जाना प्रस्तावित है. इस पर ढाई हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है.
परियोजना की लागत का अनुमान 4 हजार करोड़: मंडी में प्रस्तावित इस एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जाना है.यही कारण है कि यहां की हवाई पट्टी की लंबाई भी 3 किलोमीटर से ज्यादा होगी. परियोजना में भूमि अधिग्रहण की लागत ही करीब 2000 करोड़ रुपए आंकी जा रही है. संपूर्ण परियोजना की लागत का अनुमान 4000 करोड़ रुपए लगाया जा रहा है. देखना है कि सुखविंदर सिंह सरकार इस परियोजना को कैसे आगे बढ़ाती है.