सुंदरनगर : मंडी जिले के सुंदरनगर शहर के बीच स्थित जवाहर पार्क में राज्य स्तरीय नलवाड़ और देवता मेला आयोजित होने के बाद 25 लाख की घास बर्बाद हो गई है. गौरतलब है कि नगर परिषद की ओर से जवाहर पार्क में 25 लाख रुपये की घास करीब 6 से 7 महीने पहले बिछवाई गई थी. तबसे ही घास बिछाने पर विवाद मचा हुआ है. सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय लोग तक पैसों की इस बर्बादी पर सवाल उठाए गए लेकिन इसके बावजूद भी नगर परिषद और प्रशासन द्वारा जवाहर पार्क में घास लगाने को लेकर रोडमैप तैयार किया गया. 25 लाख रुपये की लागत से घास बिछाई गई जो अब पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है.
नगर परिषद और प्रशासन पर उठे सवाल- जनता की गाढ़ी कमाई की इस कदर बर्बादी को लेकर अधिवक्ता आशीष शर्मा और व्यापार मंडल बीबीएमबी कॉलोनी के अध्यक्ष अश्वनी सैनी ने नगर परिषद और प्रशासन पर सवाल उठाए हैं. आशीष शर्मा के मुताबिक जवाहर पार्क में लगाई गई घास अब अतीत बन चुकी है. प्रशासन ने जनता के 25 लाख की बर्बादी की है. लोगों के टैक्स का पैसा क्यों और किसकी वजह से बर्बाद हुआ, इसकी जांच होनी चाहिए.
क्या कोर्ट पहुंचेगा मामला ?- बीबीएमबी व्यापार मंडल अध्यक्ष अश्वनी सैनी ने कहा कि नगर परिषद और प्रशासन द्वारा जनता के 25 लाख रुपए की बर्बादी की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश के मख्यमंत्री व विजिलेंस सख्त कार्यवाही नहीं करते तो हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर जनहित याचिका दायर की जाएगी.
विजिलेंस को दी गई थी शिकायत- अश्वनी सैनी के मुताबिक शहरी विकास विभाग और विजिलेंस को पहले भी शिकायत दी गई थी कि किसके कहने पर ये घास लगाई जा रही है और किसने इसका प्रपोजल दिया है. क्योंकि ये पहले से पता था कि आगामी मेले व अन्य आयोजनों के कारण पार्क में बिछाई जाने वाली घास बर्बाद होनी थी. विजिलेंस ने एक्शन लेकर छानबीन की थी लेकिन आज घास पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. अश्वनी सैनी ने सीएम सुक्खू से मांग की है कि इसमें जिन भी अधिकारियों का हाथ है उनके खिलाफ एक्शन होना चाहिए साथ ही दोषी अधिकारयों से रिकवरी होनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो कोर्ट में जनहित याचिका दायर की जाएगी.
क्या कहता है प्रशासन ?- एसडीएम एवं नगर परिषद सुंदरनगर कार्यकारी अधिकारी धर्मेश रामोत्रा का कहना है कि प्रदेश के कई स्थानों पर इस तरह की घास लगाई गई है और जवाहर पार्क में भी घास लगाने का प्रपोजल बनाया गया था. इसमें लाखों की लागत से घास लगाई गई उन्होंने कहा कि हाल ही में यहां पर राज्यस्तरीय नलवाड़ एवं देवता मेला आयोजित होने के कारण घास को नुकसान हुआ है. इसे लेकर अलग से बजट का प्रावधान किया है, पार्क में मेला स्थल से दुकानें हटने के बाद ये राशि नगर परिषद को सौंपी जाएगी.
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