मंडी: सरकाघाट उपमंडल में दुबई के एक समाजसेवी ने बलद्वाड़ा तहसील के धबोई गांव के युवक नरेश कुमार को सकुशल उसके घर पहुंचाया है. नरेश कुमार जो कि दुबई में रोजगार के लिए गया था, कोरोना काल में बेरोजगार हो जाने के कारण मानसिक तनाव के कारण अपनी यादश्त खो चुका था, लेकिन विदेश के समाजसेवी ने इसे घर पहुंचाकर न सिर्फ इसके परिजनों को राहत पहुंचाई, अपने बेटे को सकुशल देखकर परिजनों ने समाजसेवी गिरीश पंत को धन्यावाद किया और कहा हम आपके बहुत आभारी है.
रोजगार के लिए दो वर्ष पूर्व दुबई गया था नरेश
नरेश कुमार दो वर्ष पूर्व अपने एजेंट के माध्यम से रोजी रोटी कमाने के लिए दुबई गया हुआ था और वह वहां पर एक फाइव स्टार होटल में नौकरी करता था, लेकिन कोरोना के चलते होटल भी बंद हो गया और लॉकडाउन के कारण वह बेरोजगार हो गया.
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इस दौरान उसे कई दिनों तक भूखे प्यासे रहना पड़ा और वह मानसिक रूप से तनाव के कारण अपनी यादाश्त खो बैठा तथा उसने अपना मोबाइल फोन भी कहीं खो दिया, जिससे उसका अपने घर भारत से संपर्क टूट गया और उसके बाद वह इधर उधर भटकता रहता था.
सोशल मीडिया के जरिए उत्तराखंड के गिरीश ने की मदद
उसके स्वजनों ने उसके नाम और पते सोशल मीडिया पर डाले. जब नरेश कुमार की फोटो और अन्य जानकारी सोशल मीडिया पर डाली गई तो दुबई में एक भारतीय व्यवसायी गिरीश पंत को नरेश कुमार के बारे जानकारी मिली और गिरीश पंत ने दुबई पुलिस को विश्वास में लेकर उसकी तलाश शुरू कर दी, और एक महीने के बाद उसका पता लगा लिया गया. गिरीश पंत मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं.
उस समय नरेश कुमार एक छोटे से कस्बे में घूमता हुआ मिला. दुबई पुलिस ने नरेश कुमार को गिरीश पंत को सौंप दिया. जब गिरीश पंत ने उसके एम्प्लॉयर के बारे पता लगाया तो उसे पता चला कि नरेश कुमार के लापता होने के कारण उस पर भारी भरकम जुर्माना लगाया गया था.
एक महीने तक मानसिक रोगियों के अस्पताल में थे नरेश
गिरीश पंत ने न केवल जुर्माने की राशि की अदायगी की बल्कि उसे एक महीने तक मानसिक रोगियों के अस्पताल में रखा और उसका इलाज करवाया. जब वह पूर्णतया स्वस्थ हो गया उसके बाद गिरीश पंत ने नरेश कुमार के मालिक से उसका पासपोर्ट लेकर उसके लिए हवाई टिकट बुक करा दिया और उसके स्वजनों को भी उसकी कुशलता की सूचना दी. बाद में उसे भारत भेज दिया नरेश कुमार पूर्णतया स्वस्थ हो कर अपने घर में लौट आया है.
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