करसोग: प्रदेश में अवैध कटान को रोकने को लेकर सरकार सख्त हो गई है. इसके लिए सरकार एक फार्मूला अपना रही है जिसमें जीपीएस के माध्यम से करसोग सहित प्रदेश के सभी फॉरेस्ट डिवीजनों में डीएफओ को फील्ड में उतारा जाएगा.
वन मंत्री राकेश पठानिया ने स्पष्ट किया कि डीएफओ से लेकर डिप्टी रेंज ऑफिसर अब कार्यालय और सड़कों पर नजर नहीं आएंगे. सभी जंगलों में जाकर अवैध कटान सहित वन विभाग की बाउंड्री व अवैध अतिक्रमण पर चैक रखेंगे. वन विभाग के अधिकारी फील्ड में जाकर वन संपदा को नुकसान से बचाएंगे. ये सरकार की प्राथमिकता रहेगी. इसमें किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं होगा. सरकार इस पर सख्ती के साथ निर्णय ले रही है.
हिमाचल में बढ़ाया जाएगा वन क्षेत्र
प्रदेश सरकार धरती पर हरियाली बचाने के लिए वन क्षेत्र को 27 से बढ़ाकर 30 फीसदी करने का प्रयास कर रही है ताकि वनों का घनत्व बढ़ने से प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में विशेष सहायता मिल सके. इसके लिए मौजूदा वित्त वर्ष में करसोग वन मंडल में 2 करोड़ 62 लाख की विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं.
इसके तहत करसोग के 98.5 फीसदी वन क्षेत्र में 90 हजार पौधे रोपे जा चुके हैं. चिंता की बात ये भी है कि वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए हर साल पौधारोपण पर करोड़ों रुपये तो खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन प्रदेश भर में हजारों पेड़ भी अवैध कटान और अतिक्रमण की भेंट चढ़ रहे हैं जिससे सरकार की मेहनत सिरे नहीं चढ़ पा रही है. ऐसे में सरकार अवैध कटान को रोकने और वनों को अतिक्रमण से बचाने के लिए नए फॉमूले पर कार्य कर रही है.
वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि वनों को बचाने के लिए फॉर्मूला अपनाया जा रहा है जिसके बहुत जल्द सभी डीएफओ के साथ कॉन्फ्रेंसिंग की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार जीपीएस के माध्यम से डीएफओ को फील्ड में उतारने वाली है. इसमें डीएफओ सहित रेंज ऑफिसर तक रोजाना 8 से 12 किलोमीटर का सफर तय कर वनों में जाएंगे. वन मंत्री ने अवैध खनन वालों पर कड़ी कार्रवाई करने की भी बात कही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी भी सूरत में अवैध खनन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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