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सुभाष पालेकर खेती की ओर बढ़ रहा किसानों का रूझान, विभाग दे रहा ट्रेनिंग - himachal news

अब किसान प्राकृतिक खेती से ही खेतीबाड़ी कर रहे हैं. किसान गोमूत्र और गोबर से कीटाणु नाशक स्प्रे तैयार कर रहे हैं, जिसमें घनाजीवामृत, जीवामृत, बीजामृत, कीटनाशक, रोगनाशक, लोकल पेड़ पौधों की पत्तियों से तैयार करके कीड़ों की रोकथाम के लिए व फसल के रोगों को नष्ट करने के लिए ब्रम्हअस्त्र, अग्नीअस्त्र इत्यादि दवाएं तैयार की जाती हैं.

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Published : Sep 16, 2020, 12:17 PM IST

धर्मपुर: सुभाष पालेकर खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ना शुरू हुआ है. कृषि विभाग इस बारे में किसानों को जागरूक ही नहीं बल्कि ट्रेनिंग भी दे रहा है, जिससे अब किसान भी प्राकृतिक खेती की ओर मुड़ना शुरू हो गये हैं.

अब किसान प्राकृतिक खेती से ही खेतीबाड़ी कर रहे हैं. किसान गोमूत्र और गोबर से कीटाणु नाशक स्प्रे तैयार कर रहे हैं, जिसमें घनाजीवामृत, जीवामृत, बीजामृत, कीटनाशक, रोगनाशक, लोकल पेड़ पौधों की पत्तियों से तैयार करके कीड़ों की रोकथाम के लिए व फसल के रोगों को नष्ट करने के लिए ब्रम्हअस्त्र, अग्नीअस्त्र इत्यादि दवाएं तैयार की जाती हैं.

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वहीं किसानों को इसकी किमत भी नहीं चुकानी पड़ती और वे बिना कोई खर्चा किये इसे तैयार करके अपनी फसल पर इसका छिड़काव कर सकते हैं. सरकार की ओर से किसानों को देसी गाय खरीदने के लिए 25,000 रुपये का अनुदान दिया जाता है साथ में 5000 रुपये किराया भी दिया जाता है.

धर्मपुर कृषि विभाग ने करीब 1076 के लगभग किसानों को पंजीकृत किया है. वे प्राकृतिक खेती से अपनी फसलों को तैयार कर रहे हैं. अभी तक इस परियोजना के तहत 21 देशी गाय के लिए अनुदान राशि उनके बैंक खाते में डाल दी गई है. एसडीएम धर्मपुर सुनील वर्मा ने कहा कि किसानों को प्राकृतिक खेती से खेतीबाड़ी करनी चाहिए.

किसानों को इस स्कीम का ज्यादा से ज्यादा लाभ लेना चाहिए ताकि जो बीमारियां रसायनिक खेती से लोगों को हो रही थीं उनमे भी कमी आएगी. उन्होंने कृषि विभाग को भी आदेश दिये कि वह लोगों को गावों में जाकर जागरूक करें. वहीं, कृषि विभाग के कृषि विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप गुलेरिया ने कहा कि कृषि विभाग लोगों को इसके बारे में लगातार जागरूक कर रहा है. इसके लिए खंड तकनिकी प्रबंधक डॉ. अजय कुमार और सहायक तकनिकी प्रबंधक डॉ. नेहा लगातार किसानों को ट्रेनिंग देकर जागरूक कर रहे हैं.

धर्मपुर: सुभाष पालेकर खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ना शुरू हुआ है. कृषि विभाग इस बारे में किसानों को जागरूक ही नहीं बल्कि ट्रेनिंग भी दे रहा है, जिससे अब किसान भी प्राकृतिक खेती की ओर मुड़ना शुरू हो गये हैं.

अब किसान प्राकृतिक खेती से ही खेतीबाड़ी कर रहे हैं. किसान गोमूत्र और गोबर से कीटाणु नाशक स्प्रे तैयार कर रहे हैं, जिसमें घनाजीवामृत, जीवामृत, बीजामृत, कीटनाशक, रोगनाशक, लोकल पेड़ पौधों की पत्तियों से तैयार करके कीड़ों की रोकथाम के लिए व फसल के रोगों को नष्ट करने के लिए ब्रम्हअस्त्र, अग्नीअस्त्र इत्यादि दवाएं तैयार की जाती हैं.

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वहीं किसानों को इसकी किमत भी नहीं चुकानी पड़ती और वे बिना कोई खर्चा किये इसे तैयार करके अपनी फसल पर इसका छिड़काव कर सकते हैं. सरकार की ओर से किसानों को देसी गाय खरीदने के लिए 25,000 रुपये का अनुदान दिया जाता है साथ में 5000 रुपये किराया भी दिया जाता है.

धर्मपुर कृषि विभाग ने करीब 1076 के लगभग किसानों को पंजीकृत किया है. वे प्राकृतिक खेती से अपनी फसलों को तैयार कर रहे हैं. अभी तक इस परियोजना के तहत 21 देशी गाय के लिए अनुदान राशि उनके बैंक खाते में डाल दी गई है. एसडीएम धर्मपुर सुनील वर्मा ने कहा कि किसानों को प्राकृतिक खेती से खेतीबाड़ी करनी चाहिए.

किसानों को इस स्कीम का ज्यादा से ज्यादा लाभ लेना चाहिए ताकि जो बीमारियां रसायनिक खेती से लोगों को हो रही थीं उनमे भी कमी आएगी. उन्होंने कृषि विभाग को भी आदेश दिये कि वह लोगों को गावों में जाकर जागरूक करें. वहीं, कृषि विभाग के कृषि विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप गुलेरिया ने कहा कि कृषि विभाग लोगों को इसके बारे में लगातार जागरूक कर रहा है. इसके लिए खंड तकनिकी प्रबंधक डॉ. अजय कुमार और सहायक तकनिकी प्रबंधक डॉ. नेहा लगातार किसानों को ट्रेनिंग देकर जागरूक कर रहे हैं.

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