करसोग: मंडी जिला के उपमंडल करसोग में लंबे समय बाद झमाझम हुई बारिश से किसानों ने राहत की सांस ली है. भले ही सूखे से पिछली फसल बर्बाद हो गई हो, लेकिन नई फसल लगाने के लिए बारिश अमृत के समान है. किसान अब गर्मियों के सीजन में ली जाने वाली बीन की बिजाई कर सकेंगे. यही नहीं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अब मक्की की बिजाई का कार्य भी शुरू हो जाएगा.
बागवानी के लिए बारिश वरदान
अब अच्छी बारिश होने से किसान शिमला मिर्च, बैगन, टमाटर व हरी मिर्च की पौध को नर्सरी से उखाड़ कर खेतों में लगा सकते हैं. इसके लिए जमीन में अब पर्याप्त नमी है. बागवानी के लिए भी बारिश वरदान से कम नहीं है. विशेषज्ञों के मुताबिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां सेब में फ्लावरिंग हो रही है, यहां अब जमीन में नमी होने से सेटिंग अच्छी होगी. कम व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां सेटिंग हो चुकी है. अब बारिश होने से फ्रूट अच्छा सेट होगा और ड्रॉपिंग भी रुकेगी.
बारिश से बागवानों के खिले चेहरे
इसी तरह से बारिश के बाद स्टोन फ्रूट का साइज भी बढ़ेगा. ऐसे में बागवानी के लिए बारिश बहुत फायदेमंद है. अब बागवान नमी बनाए रखने के लिए तौलिए पर घास की परत भी बिछा सकते हैं. ताकि पौधे को लम्बे समय तक नमी का फायदा मिलता रहे. करसोग में कई महीनों बाद अच्छी बारिश हुई है. सर्दियों में कम बारिश होने से उपमंडल के अधिकतर क्षेत्रों में गेहूं सहित मटर की फसल सूखे की भेंट चढ़ गई है. ऐसे में सूखे ने किसानों की कमर तोड़ दी है. अब किसानों की उम्मीदें अगली फसल पर टिकी हैं.
जमीन में अभी पर्याप्त नमी
कृषि विभाग करसोग विकासखंड के विषय वार्ता विशेषज्ञ मुंशी राम ठाकुर का कहना है कि अच्छी बारिश होने से जमीन में अभी पर्याप्त नमी है. ऐसे में किसान गर्मियों से सीजन में ली जाने वाली बीन की बिजाई कर सकते हैं. इसके अलावा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मक्की की बिजाई के लिए उचित समय है.
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बागवानी विशेषज्ञ एसपी भारद्वाज का कहना है कि बागवानी के लिए बारिश वरदान से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि जमीन में नमी से फ्रूट अच्छा सेट होगा और ड्रॉपिंग भी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि बगीचों में जो खाद डाली गई है वो नमी के बाद धुलकर पौधों को लगेगी.
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