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सर्व देवता समिति को भंग करके हो निष्पक्ष चुनाव, देव समिति ने प्रशासन को सौंपा ज्ञापन - Mandi shivratri festival

देव समाज के सहस्यों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए सर्व देवता समिति को भंग करके प्रशासनिक अधिकारी की उपस्थिति में निष्पक्ष चुनाव करवाने की मांग उठाई है. देव सरंक्षण एवं संवर्धन समिति ने मांग उठाई है कि कई देवताओं के मंदिर, भंडार व अन्य स्थान सरकारी भूमि पर है, उन्हें मंदिर और देव कमेटियों के नाम की जाना चाहिए.

Sarva Devta Committee
सर्व देवता समिति को भंग करके हों निष्पक्ष चुनाव.
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Published : Feb 11, 2020, 10:19 AM IST

Updated : Feb 11, 2020, 12:01 PM IST

मंडी: अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के आगाज से कुछ दिन पहले देव समाज से जुड़े कुछ सदस्यों ने देव सरंक्षण एवं संवर्धन समिति के साथ मिलकर सर्व देवता समिति के खिलाफ मोरचा खोल है. देव समाज के सहस्यों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए सर्व देवता समिति को भंग करके प्रशासनिक अधिकारी की उपस्थिति में निष्पक्ष चुनाव करवाने की मांग उठाई है. देव समाज ने सर्व देवता समिति की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए है. वहीं, सर्व देवता समिति ने चुनावों को वैध बताया हैं.

देव संस्कृति संरक्षण एवं संर्वधन समिति के प्रधान तिलक राज सैनी व पराशर मंदिर कमेटी के प्रधान बलबीर ठाकुर ने आरोप लगाए गए हैं कि शिवरात्रि की बैठकों में सिर्फ सर्व देवता समिति से जुड़े देव समाज के लोगों को ही बुलाया जाता है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सर्व देवता सेवा समिति के चुनाव अलोकतांत्रिक तरीके से करवाए गए हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

उन्होंने कहा कि इससे पहले सदस्यों को कोई सूचना दिए बिना और चुनावों का दिन बताए बिना ही जनरल हाऊस में प्रस्ताव लाकर 10वीं बार शिवपाल शर्मा को प्रधान चुन लिया गया. उन्होंने कहा कि ऐसा वर्षों से सदस्यों की अनभिज्ञता का लाभ उठाकर हो रहा है.

वहीं, ज्ञापन में नियमों के तहत उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है, जिससे देव समाज प्रशासन व सरकार से एक रूप होकर सहयोगी की भूमिका शिवरात्रि पर्व पर निभा सके. देव संस्कृति संरक्षण एवं संवर्धन समिति के प्रधान तिलक राज ने कहा कि स्नोर इलाके के कुछ कारदार सर्व देवता समिति को छोड़कर उनकी समिति में शामिल हुए हैं.

वहीं, इस मामले को लेकर सर्व देवता कमेटी के उपाध्यक्ष मूलराज ठाकुर ने कहा कि सर्व देवता समिति के चुनाव पूरी तरह से वैध हैं. कारदारों के समर्थन से चुनाव हुआ है. उन्होंने अन्य साथियों से अलग राह में न चलकर बल्कि सर्व देवता समिति में शामिल होकर देव समाज के हित में काम करने का आग्रह किया है.

बता दें कि देव सरंक्षण एवं संवर्धन समिति ने मांग उठाई है कि कई देवताओं के मंदिर, भंडार व अन्य स्थान सरकारी भूमि पर है, उन्हें मंदिर और देव कमेटियों के नाम की जाना चाहिए. देव कमेटियों को सरकारी अनुदान प्रयोग करने का अधिकार मिलना चाहिए. वहीं, पैसा पंचायतों को जाता है और उसका सही प्रयोग नहीं होता है. यह पैसा देवता के खाते में आना चाहिए.

ये भी पढ़ें: CM सुनेंगे सराजवासियों की समस्याएं, 12 फरवरी को आठ जिलों में आयोजित होगा जनमंच कार्यक्रम

मंडी: अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के आगाज से कुछ दिन पहले देव समाज से जुड़े कुछ सदस्यों ने देव सरंक्षण एवं संवर्धन समिति के साथ मिलकर सर्व देवता समिति के खिलाफ मोरचा खोल है. देव समाज के सहस्यों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए सर्व देवता समिति को भंग करके प्रशासनिक अधिकारी की उपस्थिति में निष्पक्ष चुनाव करवाने की मांग उठाई है. देव समाज ने सर्व देवता समिति की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए है. वहीं, सर्व देवता समिति ने चुनावों को वैध बताया हैं.

देव संस्कृति संरक्षण एवं संर्वधन समिति के प्रधान तिलक राज सैनी व पराशर मंदिर कमेटी के प्रधान बलबीर ठाकुर ने आरोप लगाए गए हैं कि शिवरात्रि की बैठकों में सिर्फ सर्व देवता समिति से जुड़े देव समाज के लोगों को ही बुलाया जाता है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सर्व देवता सेवा समिति के चुनाव अलोकतांत्रिक तरीके से करवाए गए हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

उन्होंने कहा कि इससे पहले सदस्यों को कोई सूचना दिए बिना और चुनावों का दिन बताए बिना ही जनरल हाऊस में प्रस्ताव लाकर 10वीं बार शिवपाल शर्मा को प्रधान चुन लिया गया. उन्होंने कहा कि ऐसा वर्षों से सदस्यों की अनभिज्ञता का लाभ उठाकर हो रहा है.

वहीं, ज्ञापन में नियमों के तहत उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है, जिससे देव समाज प्रशासन व सरकार से एक रूप होकर सहयोगी की भूमिका शिवरात्रि पर्व पर निभा सके. देव संस्कृति संरक्षण एवं संवर्धन समिति के प्रधान तिलक राज ने कहा कि स्नोर इलाके के कुछ कारदार सर्व देवता समिति को छोड़कर उनकी समिति में शामिल हुए हैं.

वहीं, इस मामले को लेकर सर्व देवता कमेटी के उपाध्यक्ष मूलराज ठाकुर ने कहा कि सर्व देवता समिति के चुनाव पूरी तरह से वैध हैं. कारदारों के समर्थन से चुनाव हुआ है. उन्होंने अन्य साथियों से अलग राह में न चलकर बल्कि सर्व देवता समिति में शामिल होकर देव समाज के हित में काम करने का आग्रह किया है.

बता दें कि देव सरंक्षण एवं संवर्धन समिति ने मांग उठाई है कि कई देवताओं के मंदिर, भंडार व अन्य स्थान सरकारी भूमि पर है, उन्हें मंदिर और देव कमेटियों के नाम की जाना चाहिए. देव कमेटियों को सरकारी अनुदान प्रयोग करने का अधिकार मिलना चाहिए. वहीं, पैसा पंचायतों को जाता है और उसका सही प्रयोग नहीं होता है. यह पैसा देवता के खाते में आना चाहिए.

ये भी पढ़ें: CM सुनेंगे सराजवासियों की समस्याएं, 12 फरवरी को आठ जिलों में आयोजित होगा जनमंच कार्यक्रम

Intro:मंडी। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के आगाज से कुछ दिन पहले देव समाज से जुड़े कुछ सदस्यों ने देव सरंक्षण एवं संवर्धन समिति के साथ मिलकर सर्व देवता समिति के खिलाफ मोरचा खोल दिया है। इन्होंने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए सर्व देवता समिति को भंग करके प्रशासनिक अधिकारी की उपस्थिति में निष्पक्ष चुनाव करवाने की मांग उठाई गई। Body:सर्व देवता समिति की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए गए। वहीं, सर्व देवता समिति ने चुनाव वैध बताए हैं। देव संस्कृति संरक्षण एवं संर्वधन समिति के प्रधान तिलक राज सैनी व पराशर मंदिर कमेटी के प्रधान बलबीर ठाकुर ने आरोप लगाए गए हैं कि शिवरात्रि की बैठकों में सिर्फ सर्व देवता समिति से जुड़े देव समाज के लोगों को ही बुलाया जाता है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सर्व देवता सेवा समिति के चुनाव अलोकतांत्रिक तरीके से करवाए गए और कोई पूर्व सूचना दिए बगैर ही जनरल हाऊस में सीधे प्रस्ताव लाकर 10वीं बार शिवपाल शर्मा को प्रधान चुन लिया गया जबकि इसकी कोई पूर्व सूचना सदस्यों को नहीं दी गई थी कि इस दिन चुनाव करवाए जाएंगे। सदस्यों की अनभिज्ञता का लाभ उठाकर वर्षों से ऐसा हो रहा है। ज्ञापन में नियमों के तहत उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया। ताकि देव समाज प्रशासन व सरकार से एक रूप होकर सहयोगी की भूमिका शिवरात्रि पर्व पर निभा सके। देव संस्कृति संरक्षण एवं संवर्धन समिति के प्रधान तिलक राज ने कहा कि स्नोर इलाके के कुछ कारदार सर्व देवता समिति को छोड़कर उनकी समिति में शामिल हुए हैं।

बाइट - बलबीर ठाकुर, प्रधान, पराशर मंदिर कमेटी

वहीं, इस मामले को लेकर सर्व देवता कमेटी के उपाध्यक्ष मूलराज ठाकुर ने कहा कि सर्व देवता समिति के चुनाव पूरी तरह से वैध हैं। कारदारों के समर्थन से चुनाव हुआ है। उन्होंने अन्य साथियों से अलग राह में नहीं चलकर बल्कि सर्व देवता समिति में शामिल होकर देव समाज के हित में काम करने का आग्रह किया है।

बाइट - मूलराज ठाकुर, उपाध्यक्ष सर्व देवता समिति

Conclusion:बता दें कि देव सरंक्षण एवं संवर्धन समिति ने मांग उठाई है कि कई देवताओं के मंदिर, भंडार व अन्य स्थान सरकारी भूमि पर है, उन्हें मंदिर के व देव कमेटियों के नाम की जाना चाहिए। देव कमेटियों को सरकारी अनुदान प्रयोग करने का अधिकार मिलना चाहिए। पैसा पंचायतों को जाता है उसका सही प्रयोग नहीं होता, यह देवता के खाते में आना चाहिए।
Last Updated : Feb 11, 2020, 12:01 PM IST
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