सुंदरनगर: हिमाचल प्रदेश पुलिस में बतौर डीएसपी सेवाएं दे रहे गुरबचन सिंह को विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से नवाजा गया है. वर्तमान में डीएसपी गुरबचन सिंह सुंदरनगर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उन्हें ये अवार्ड एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री द्वारा सौंपा गया.
गुरबचन सिंह का जन्म वर्ष 1965 में बिलासपुर जिले के ठडोह गांव में हुआ है और पिछले 36 वर्षों से गुरबचन सिंह हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. गुरबचन सिंह के पिता गुरदीत सिंह भारतीय सेना की 14 डोगरा रेजिमेंट से सेवानिवृत्त हुए थे और माता प्यारी देवी ग्रहणी हैं.
गुरबचन सिंह ने बताया कि वर्ष 1984 में पुलिस विभाग की फर्स्ट बटालियन जुंगा में बतौर कांस्टेबल अपना सफर शुरू किया था और वर्ष 1987 से 2003 तक पुलिस ट्रेनिंग कालेज व सेंटर जुंगा में ही हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नति पाने के साथ इंस्ट्रक्टर तैनात रहे.
इसके उपरांत गुरबचन सिंह रनौत ने 2003 में एएसआई प्रमोट होने के बाद पुलिस थाना पालमपुर में कार्यभार संभाला और वर्ष 2007 में पालमपुर पुलिस थाना में सब इंस्पेक्टर बने. गुरबचन सिंह ने वर्ष 2007 में पुलिस थाना सदर कुल्लू के बाद थाना आनी में बतौर पहली बार एसएचओ के पद पर तैनाती पाई.
2011 तक पुलिस थाना आनी में कार्यरत होने के बाद 2014 तक एसएचओ मैक्लोडगंज और 2014 में इंस्पेक्टर बनने के साथ 2017 तक थाना प्रभारी पालमपुर रहे. वर्ष 2017 में एसएचओ सुंदरनगर पदभार संभालने के बाद गुरबचन सिंह रनौत ने 2019 में डीएसपी पदोन्नति पाकर अभी तक बतौर डीएसपी सुंदरनगर सेवाएं दे रहे हैं.
राष्ट्रपति पुलिस पदक प्राप्त करने वाले डीएसपी गुरबचन सिंह रनौत को पुलिस विभाग द्वारा अपने कार्यकाल में विशिष्ट सेवाओं के लिए अब तक लगभग 90 प्रशस्ति पत्रों से भी नवाजा जा चुका है.गुरबचन सिंह वालीबॉल के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स(एनआईएस) क्वालिफाईड कोच हैं.
गुरबचन सिंह ने पुलिस विभाग की खेलों में वालीबॉल टीम का कई बार नेशनल स्तर पर भी प्रतिनिधित्व किया है. विभागीय ट्रेनिंग में भी डीएसपी गुरबचन सिंह रनौत ने हमेशा प्रथम स्थान प्राप्त किया है. डीएसपी सुंदरनगर गुरबचन सिंह रनौत के कार्यकाल के दौरान यादगार मामलों में कांगड़ा के पुलिस थाना पालमपुर में दर्ज ट्रिप्ल मर्डर व कुल्लू जिला के आनी पुलिस थाना में 16 किलोग्राम चरस बरामदगी मामला रहा है.