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प्री मॉनसून में कम बारिश से संकट में खेती, बारिश के इंतजार में किसान

गर्मियों के इस मौसम में लगातार पारा चढ़ने से खेत खाली पड़े हैं. खरीफ सीजन में सब्जियों समेत अन्य फसलों की बिजाई के लिए किसानों को बारिश का इंतजार है.

कम बारिश के कारण सूखे पड़े खेत
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Published : May 30, 2019, 4:13 PM IST

करसोग: इस बार प्री मॉनसून सीजन में सामान्य से कम बारिश होने से करसोग में खेती पर संकट गहराने लगा है. खेती किसानी के लिए जरूरी माने जाने वाले प्री मॉनसून सीजन में सामान्य से कम बारिश होने के कारण किसान खरीफ की फसलों की बिजाई नहीं कर पा रहे हैं.

पढ़ें- जंगल में आग लगने से 2 वाहन जलकर राख, वन संपदा को भी पहुंचा नुकसान

करसोग में इन दिनों शिमला मिर्च, बैंगन, टमाटर, करेला, घीया व कद्दू सहित मक्की की बिजाई की जानी है, लेकिन लगातार पड़ रही भीषण गर्मी के कारण जमीन से नमी पूरी तरह से गायब है. जिस कारण खेत की मिट्टी सूखने से बिल्कुल सख्त पड़ गई है. हालत ये है कि गेहूं की कटाई के बाद किसान खेतों में हल तक लगा पा रहे हैं.

drought farm due to Low Rain
कम बारिश के कारण सूखे पड़े खेत

बिजाई के लिए प्री मॉनसून सीजन में अच्छी बारिश का होना जरूरी है. एक मार्च से 30 मई को खत्म हो रहे प्री मानसून की बात करें तो प्रदेश में सानान्य से 44 फीसदी कम बारिश हुई है. इस अवधि में 134.3 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि इस दौरान प्रदेश में सामान्य बारिश का आंकड़ा 241.7 मिलीमीटर बारिश का है. ऐसे में भीषण सूखा पड़ने से करसोग में खड्डों का जल स्तर भी गिरने लगा है.

पढ़ें- दिलों को भी जोड़ती है राजनीति, इस तरह हिमाचल के दामाद बने थे मोदी सरकार के मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ मनमोहन सिंह का कहना है कि प्री मॉनसून सीजन 30 मई को समाप्त हो रहा है. इस अवधि के दौरान हिमाचल में सामान्य से 44 फीसदी कम बारिश हुई है.

drought farm due to Low Rain
कम बारिश के कारण सूखे पड़े खेत

हमीरपुर में सबसे कम बारिश, सिरमौर में सामान्य से ज्यादा:
प्री मॉनसून सीजन में प्रदेश के 11 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है. इस अवधि में हमीरपुर में सबसे 43 फीसदी कम बारिश हुई है, जो प्री मॉनसून में सबसे कम बारिश होने वाला जिला है. यहां सामान्य बारिश का आंकड़ा 138.2 मिलीमीटर बारिश का है, जबकि जिला में 78.3 फीसदी बारिश हुई है. प्रदेश के एक मात्र जिला सिरमौर में प्री मॉनसून में सामान्य से 6 फीसदी अधिक बारिश हुई है.

करसोग: इस बार प्री मॉनसून सीजन में सामान्य से कम बारिश होने से करसोग में खेती पर संकट गहराने लगा है. खेती किसानी के लिए जरूरी माने जाने वाले प्री मॉनसून सीजन में सामान्य से कम बारिश होने के कारण किसान खरीफ की फसलों की बिजाई नहीं कर पा रहे हैं.

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करसोग में इन दिनों शिमला मिर्च, बैंगन, टमाटर, करेला, घीया व कद्दू सहित मक्की की बिजाई की जानी है, लेकिन लगातार पड़ रही भीषण गर्मी के कारण जमीन से नमी पूरी तरह से गायब है. जिस कारण खेत की मिट्टी सूखने से बिल्कुल सख्त पड़ गई है. हालत ये है कि गेहूं की कटाई के बाद किसान खेतों में हल तक लगा पा रहे हैं.

drought farm due to Low Rain
कम बारिश के कारण सूखे पड़े खेत

बिजाई के लिए प्री मॉनसून सीजन में अच्छी बारिश का होना जरूरी है. एक मार्च से 30 मई को खत्म हो रहे प्री मानसून की बात करें तो प्रदेश में सानान्य से 44 फीसदी कम बारिश हुई है. इस अवधि में 134.3 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि इस दौरान प्रदेश में सामान्य बारिश का आंकड़ा 241.7 मिलीमीटर बारिश का है. ऐसे में भीषण सूखा पड़ने से करसोग में खड्डों का जल स्तर भी गिरने लगा है.

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मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ मनमोहन सिंह का कहना है कि प्री मॉनसून सीजन 30 मई को समाप्त हो रहा है. इस अवधि के दौरान हिमाचल में सामान्य से 44 फीसदी कम बारिश हुई है.

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कम बारिश के कारण सूखे पड़े खेत

हमीरपुर में सबसे कम बारिश, सिरमौर में सामान्य से ज्यादा:
प्री मॉनसून सीजन में प्रदेश के 11 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है. इस अवधि में हमीरपुर में सबसे 43 फीसदी कम बारिश हुई है, जो प्री मॉनसून में सबसे कम बारिश होने वाला जिला है. यहां सामान्य बारिश का आंकड़ा 138.2 मिलीमीटर बारिश का है, जबकि जिला में 78.3 फीसदी बारिश हुई है. प्रदेश के एक मात्र जिला सिरमौर में प्री मॉनसून में सामान्य से 6 फीसदी अधिक बारिश हुई है.


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Date: Thu, May 30, 2019, 12:14 PM
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सूखा पड़ने से संकट में खेती, बारिश के इंतज़ार में किसान
प्री मानसून सीजन में सामान्य से 44 फीसदी कम हुई बारिश
करसोग
इस बार प्री मानसून सीजन में सामान्य से कम बारिश होने से करसोग में खेती पर भारी संकट आ गया है। खेती किसानी के लिए जरूरी माने जाने वाले प्री मानसून सीजन में सामान्य से कम बारिश होने के कारण किसान खरीफ की फसलों की बिजाई नहीं कर पा रहे हैं। गर्मियों के इस मौसम में लगातार पारा चढ़ने से खेत खाली पड़े हैं। खरीफ सीजन में सब्जियों सहित अन्य फसलों की बिजाई के लिए किसानों को बारिश का इंतज़ार है। करसोग में इन दिनों शिमला मिर्च, बैगन, टमाटर, करेला, घीया व कद्दू सहित मक्की की बिजाई की जानी है, लेकिन लगातार पड़ रही भीषण गर्मी के कारण जमीन से नमी पूरी तरह से गायब है। जिस कारण खेत की मिट्टी सूखने से बिल्कुल सख्त पड़ गई है। हालत ये है कि गेहूं की कटाई के बाद किसान खेतों में हल तक लगा पा रहे हैं। बिजाई के लिए प्री मानसून सीजन में अच्छी बारिश का होना जरूरी है। 1 मार्च से 30 मई को खत्म हो रहे  प्री मानसून की बात करें तो प्रदेश में  सानान्य से 44 फीसदी कम बारिश हुई है। इस अवधि में  134.3 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि इस दौरान प्रदेश में सामान्य बारिश का आंकड़ा 241.7 मिलीमीटर बारिश का है। ऐसे में भीषण सूखा पड़ने से करसोग में खड्डों का जल स्तर भी गिरने लगा है। वहीं मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ मनमोहन सिंह का कहना है कि प्री मानसून सीजन  30 मई को समाप्त हो रहा है। इस अवधि के दौरान हिमाचल में सामान्य से 44 फीसदी कम बारिश हुई है। 
हमीरपुर में सबसे कम बारिश, सिरमौर में सामान्य से ज्यादा:
प्री मानसून सीजन में प्रदेश के 11 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। इस अवधि में हमीरपुर में सबसे 43 फीसदी कम बारिश हुई है। जो प्री मानसून में सबसे कम बारिश होने वाला जिला है। यहां सामान्य बारिश का आंकड़ा 138.2 मिलीमीटर बारिश का है, जबकि जिला में 78.3 फीसदी बारिश हुई है। प्रदेश के एक मात्र जिला सिरमौर में प्री मानसून में सामान्य से 6 फीसदी अधिक बारिश हुई है। 
 
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