करसोग: इस बार प्री मॉनसून सीजन में सामान्य से कम बारिश होने से करसोग में खेती पर संकट गहराने लगा है. खेती किसानी के लिए जरूरी माने जाने वाले प्री मॉनसून सीजन में सामान्य से कम बारिश होने के कारण किसान खरीफ की फसलों की बिजाई नहीं कर पा रहे हैं.
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करसोग में इन दिनों शिमला मिर्च, बैंगन, टमाटर, करेला, घीया व कद्दू सहित मक्की की बिजाई की जानी है, लेकिन लगातार पड़ रही भीषण गर्मी के कारण जमीन से नमी पूरी तरह से गायब है. जिस कारण खेत की मिट्टी सूखने से बिल्कुल सख्त पड़ गई है. हालत ये है कि गेहूं की कटाई के बाद किसान खेतों में हल तक लगा पा रहे हैं.
बिजाई के लिए प्री मॉनसून सीजन में अच्छी बारिश का होना जरूरी है. एक मार्च से 30 मई को खत्म हो रहे प्री मानसून की बात करें तो प्रदेश में सानान्य से 44 फीसदी कम बारिश हुई है. इस अवधि में 134.3 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि इस दौरान प्रदेश में सामान्य बारिश का आंकड़ा 241.7 मिलीमीटर बारिश का है. ऐसे में भीषण सूखा पड़ने से करसोग में खड्डों का जल स्तर भी गिरने लगा है.
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मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ मनमोहन सिंह का कहना है कि प्री मॉनसून सीजन 30 मई को समाप्त हो रहा है. इस अवधि के दौरान हिमाचल में सामान्य से 44 फीसदी कम बारिश हुई है.
हमीरपुर में सबसे कम बारिश, सिरमौर में सामान्य से ज्यादा:
प्री मॉनसून सीजन में प्रदेश के 11 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है. इस अवधि में हमीरपुर में सबसे 43 फीसदी कम बारिश हुई है, जो प्री मॉनसून में सबसे कम बारिश होने वाला जिला है. यहां सामान्य बारिश का आंकड़ा 138.2 मिलीमीटर बारिश का है, जबकि जिला में 78.3 फीसदी बारिश हुई है. प्रदेश के एक मात्र जिला सिरमौर में प्री मॉनसून में सामान्य से 6 फीसदी अधिक बारिश हुई है.