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पांगणा पंचायत में BPL सूची में बड़ा फर्जीवाड़ा, जांच के बाद 22 'नकली गरीब' सूची से बाहर

एसडीएम करसोग की ओर से करवाई गई जांच में 22 साधनसंपन्न परिवार ऐसे पाए गए जो फर्जी तरीके से बीपीएल सूची में घुस कर गरीब लोगों को दी जा रही सुविधाओं को हड़प रहे थे, जबकि असल में जरूरतमंद लोग बीपीएल सूची में ही नहीं डाले गए थे. एसडीएम के आदेश के बाद ऐसे सभी फर्जी गरीबों को सूची से बाहर कर दिया गया है.

एसडीएम करसोग सुरेंद्र कुमार ठाकुर
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Published : Sep 1, 2019, 6:28 PM IST

करसोग: पांगणा पंचायत में बीपीएल की सूची में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ है. यहां एसडीएम करसोग की ओर से करवाई की गई जांच में 22 साधन संपन्न परिवार ऐसे पाए गए जो फर्जी तरीके से बीपीएल सूची में घुस कर गरीब लोगों को दी जा रही सुविधाओं को हड़प रहे थे, जबकि असल में जरूरतमंद लोग बीपीएल सूची में ही नहीं डाले गए थे.

एसडीएम के आदेश के बाद ऐसे सभी फर्जी गरीबों को सूची से बाहर कर दिया गया है. अब इनके स्थान पर इतने ही और पात्र परिवारों को सूची में जोड़ा गया है. पांगणा में 30 अगस्त को आयोजित हुई बैठक में ग्राम सभा की सहमति से नए परिवारों के नाम बीपीएल सूची में डाले गए हैं. करसोग में लंबे समय से लोग बीपीएल सूची में हुई धांधली बाकी बात तो स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन ग्राम सभा की बैठकों में कोई भी व्यक्ति ऐसे प्रभावशाली लोगों के खिलाफ बोलने को तैयार नहीं है. यही कारण है कि साधनसंपन्न लोग अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए पिछले कई सालों से बीपीएल सूची में कब्जा जमाए बैठे हैं.

ऐसे ही फर्जी परिवारों को सूची से बाहर करने के लिए इस साल जुलाई महीने में सभी 54 पंचायतों में विशेष ग्राम सभाओं की बैठकों का आयोजन भी किया गया था, जिसमें बीपीएल सूची की समीक्षा की जानी थी, लेकिन चिंता की बात है कि इस दौरान लोग ग्राम सभा की बैठकों में भाग लेने ही नहीं पहुंचे. जिस कारण सिर्फ 7 पंचायतों में ही कोरम पूरा हो सका. जिससे ऐसे फर्जी परिवारों को सूची से बाहर नहीं किया जा सका.

सभी के अपने पक्के मकान, आय भी अच्छी
एसडीएम के आदेश पर पूरी पांगणा पंचायत में बीपीएल सूची में सभी परिवारों के घर घर जाकर जांच की गई. इस दौरान इन परिवारों का सामाजिक स्तर और रहन सहन के बारे जानकारी प्राप्त की गई. जिसमें इन सभी 22 परिवारों के पास रहने के लिए अपने पक्के मकान थे और आय भी बीपीएल परिवारों के लिए निर्धारित पैरामीटर से अच्छी पाई गई. जांच के दौरान इन परिवारों के बयान भी दर्ज किए गए और परिवार के मुखिया का मकान के साथ फोटो भी लिया गया. इस आधार पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर एसडीएम को भेजी गई थी. जिसके बाद एसडीएम करसोग ऐसे सभी साधनसंपन्न परिवारों के नाम बीपीएल सूची से काटने के आदेश जारी किए थे.

एसडीएम करसोग सुरेंद्र कुमार ठाकुर

ये पूरी कार्रवाई संबंधित पंचायत के एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर की गई. जिसने पांगणा पंचायत में बीपीएल सूची में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया था. ये मामला उपयुक्त मंडी के ध्यान में भी लाया गया था. जिस पर संज्ञान लेते हुए उपयुक्त मंडी ने एसडीएम करसोग को मामले की छानबीन के आदेश जारी किए थे. इसके बाद ही एसडीएम की ओर के करवाई गई जांच में बीपीएल सूची में इतने बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा का खुलासा हो सका.

अपात्र परिवार किए गए सूची से बाहर: एसडीएम
एसडीएम करसोग सुरेंद्र कुमार ठाकुर का कहना है कि पांगणा पंचायत से बीपीएल सूची से संबंधित शिकायत प्राप्त हुई थी. उसके तहत एसडीएम ऑफिस द्वारा मामले की जांच की गई. जिसमें बहुत से लोग ऐसे पाए गए, जिनके बहुत अच्छे मकान और इनकम थी. ये सभी परिवार बीपीएल के लिए तय पैरामीटर से बाहर थे. ऐसे में इन्क्वायरी में 22 परिवारों के नाम बीपीएल सूची से निकाल दिए गए. उन्होंने कहा कि बीपीएल सूची से बाहर किए गए परिवारों के स्थान पर पात्र लोगों के नाम सूची में शामिल किए जाने के आदेश दिए गए थे.

ये भी पढ़ें- ETV BHARAT की हिमाचल के नव-नियुक्त राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से खास बातचीत, कही ये बात

करसोग: पांगणा पंचायत में बीपीएल की सूची में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ है. यहां एसडीएम करसोग की ओर से करवाई की गई जांच में 22 साधन संपन्न परिवार ऐसे पाए गए जो फर्जी तरीके से बीपीएल सूची में घुस कर गरीब लोगों को दी जा रही सुविधाओं को हड़प रहे थे, जबकि असल में जरूरतमंद लोग बीपीएल सूची में ही नहीं डाले गए थे.

एसडीएम के आदेश के बाद ऐसे सभी फर्जी गरीबों को सूची से बाहर कर दिया गया है. अब इनके स्थान पर इतने ही और पात्र परिवारों को सूची में जोड़ा गया है. पांगणा में 30 अगस्त को आयोजित हुई बैठक में ग्राम सभा की सहमति से नए परिवारों के नाम बीपीएल सूची में डाले गए हैं. करसोग में लंबे समय से लोग बीपीएल सूची में हुई धांधली बाकी बात तो स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन ग्राम सभा की बैठकों में कोई भी व्यक्ति ऐसे प्रभावशाली लोगों के खिलाफ बोलने को तैयार नहीं है. यही कारण है कि साधनसंपन्न लोग अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए पिछले कई सालों से बीपीएल सूची में कब्जा जमाए बैठे हैं.

ऐसे ही फर्जी परिवारों को सूची से बाहर करने के लिए इस साल जुलाई महीने में सभी 54 पंचायतों में विशेष ग्राम सभाओं की बैठकों का आयोजन भी किया गया था, जिसमें बीपीएल सूची की समीक्षा की जानी थी, लेकिन चिंता की बात है कि इस दौरान लोग ग्राम सभा की बैठकों में भाग लेने ही नहीं पहुंचे. जिस कारण सिर्फ 7 पंचायतों में ही कोरम पूरा हो सका. जिससे ऐसे फर्जी परिवारों को सूची से बाहर नहीं किया जा सका.

सभी के अपने पक्के मकान, आय भी अच्छी
एसडीएम के आदेश पर पूरी पांगणा पंचायत में बीपीएल सूची में सभी परिवारों के घर घर जाकर जांच की गई. इस दौरान इन परिवारों का सामाजिक स्तर और रहन सहन के बारे जानकारी प्राप्त की गई. जिसमें इन सभी 22 परिवारों के पास रहने के लिए अपने पक्के मकान थे और आय भी बीपीएल परिवारों के लिए निर्धारित पैरामीटर से अच्छी पाई गई. जांच के दौरान इन परिवारों के बयान भी दर्ज किए गए और परिवार के मुखिया का मकान के साथ फोटो भी लिया गया. इस आधार पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर एसडीएम को भेजी गई थी. जिसके बाद एसडीएम करसोग ऐसे सभी साधनसंपन्न परिवारों के नाम बीपीएल सूची से काटने के आदेश जारी किए थे.

एसडीएम करसोग सुरेंद्र कुमार ठाकुर

ये पूरी कार्रवाई संबंधित पंचायत के एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर की गई. जिसने पांगणा पंचायत में बीपीएल सूची में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया था. ये मामला उपयुक्त मंडी के ध्यान में भी लाया गया था. जिस पर संज्ञान लेते हुए उपयुक्त मंडी ने एसडीएम करसोग को मामले की छानबीन के आदेश जारी किए थे. इसके बाद ही एसडीएम की ओर के करवाई गई जांच में बीपीएल सूची में इतने बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा का खुलासा हो सका.

अपात्र परिवार किए गए सूची से बाहर: एसडीएम
एसडीएम करसोग सुरेंद्र कुमार ठाकुर का कहना है कि पांगणा पंचायत से बीपीएल सूची से संबंधित शिकायत प्राप्त हुई थी. उसके तहत एसडीएम ऑफिस द्वारा मामले की जांच की गई. जिसमें बहुत से लोग ऐसे पाए गए, जिनके बहुत अच्छे मकान और इनकम थी. ये सभी परिवार बीपीएल के लिए तय पैरामीटर से बाहर थे. ऐसे में इन्क्वायरी में 22 परिवारों के नाम बीपीएल सूची से निकाल दिए गए. उन्होंने कहा कि बीपीएल सूची से बाहर किए गए परिवारों के स्थान पर पात्र लोगों के नाम सूची में शामिल किए जाने के आदेश दिए गए थे.

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Intro:एसडीएम करसोग की ओर से करवाई गई जांच में 22 साधनसंपन्न परिवार ऐसे पाए गए जो फर्जी तरीके से बीपीएल सूची में घुस कर गरीब लोगों को दी जा रही सुविधाओं को हड़प रहे थे, जबकि असल में जरूरतमंद लोग बीपीएल सूची में ही नहीं डाले गए थे। एसडीएम के आदेश के बाद ऐसे सभी फर्जी गरीबों को सूची से बाहर कर दिया गया है।Body:बीपीएल की सूची में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा, यहां जांच के बाद 22 फर्जी गरीब परिवार सूची से किए बाहर
करसोग
करसोग की पांगणा पंचायत में बीपीएल की सूची में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ है। यहां एसडीएम करसोग की ओर से करवाई गई जांच में 22 साधनसंपन्न परिवार ऐसे पाए गए जो फर्जी तरीके से बीपीएल सूची में घुस कर गरीब लोगों को दी जा रही सुविधाओं को हड़प रहे थे, जबकि असल में जरूरतमंद लोग बीपीएल सूची में ही नहीं डाले गए थे। एसडीएम के आदेश के बाद ऐसे सभी फर्जी गरीबों को सूची से बाहर कर दिया गया है। अब इनके स्थान पर इतने ही और पात्र परिवारों को सूची में जोड़ा गया है। पांगणा में 30 अगस्त को आयोजित हुई बैठक में ग्राम सभा की सहमति से नए परिवारों के नाम बीपीएल सूची में डाले गए हैं। करसोग में लंबे समय से लोग बीपीएल सूची में हुई धांधली बाकी बात तो स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन ग्राम सभा की बैठकों में कोई भी व्यक्ति ऐसे प्रभावशाली लोगों के खिलाफ बोलने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि साधनसंपन्न लोग अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए पिछले कई सालों से बीपीएल सूची में कब्जा जमाए बैठे हैं। ऐसे ही फर्जी परिवारों को सूची से बाहर करने के लिए इस साल जुलाई महीने में सभी 54 पंचायतों में विशेष ग्राम सभाओं की बैठकों का आयोजन भी किया गया था, जिसमें बीपीएल सूची की समीक्षा की जानी थी, लेकिन चिंता की बात है कि इस दौरान लोग ग्राम सभा की बैठकों में भाग लेने ही नहीं पहुंचे। जिस कारण सिर्फ 7 पंचायतों में ही कोरम पूरा हो सका। जिससे ऐसे फर्जी परिवारों को सूची से बाहर नहीं किया जा सका।

सभी के अपने पक्के मकान, आय भी अच्छी:
एसडीएम के आदेश पर पूरी पांगणा पंचायत में बीपीएल सूची में सभी परिवारों के घर घर जाकर जांच की गई। इस दौरान इन परिवारों का सामाजिक स्तर और रहन सहन के बारे जानकारी प्राप्त की गई। जिसमें इन सभी 22 परिवारों के पास रहने के लिए अपने पक्के मकान थे और आय भी बीपीएल परिवारों के लिए निर्धारित पैरामीटर से अच्छी पाई गई। जांच के दौरान इन परिवारों के बयान भी दर्ज किए गए और परिवार के मुखिया का मकान के साथ फोटो भी लिया गया। इस आधार पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर एसडीएम को भेजी गई थी। जिसके बाद एसडीएम करसोग ऐसे सभी साधनसंपन्न परिवारों के नाम बीपीएल सूची से काटने के आदेश जारी किए थे। ये पूरी कार्रवाई संबंधित पंचायत के एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर की गई। जिसने पांगणा पंचायत में बीपीएल सूची में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया था। ये मामला उपयुक्त मंडी के ध्यान में भी लाया गया था। जिस पर संज्ञान लेते हुए उपयुक्त मंडी ने एसडीएम करसोग को मामले की छानबीन के आदेश जारी किए थे। इसके बाद ही एसडीएम की ओर के करवाई गई जांच में बीपीएल सूची में इतने बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा का खुलासा हो सका।


अपात्र परिवार किए गए सूची से बाहर; एसडीएम
एसडीएम करसोग सुरेंद्र कुमार ठाकुर का कहना है कि पांगणा पंचायत से बीपीएल सूची से संबंधित शिकायत प्राप्त हुई थी। उसके तहत एसडीएम ऑफिस द्वारा मामले की जांच की गई। जिसमें बहुत से लोग ऐसे पाए गए, जिनके बहुत अच्छे मकान और इनकम थी। ये सभी परिवार बीपीएल के लिए तय पैरामीटर से बाहर थे। ऐसे में इन्क्वारी में 22 परिवारों के नाम बीपीएल सूची से निकाल दिए गए। उन्होंने कहा कि बीडीओ सूची से बाहर किए गए परिवारों के स्थान पर पात्र लोगों के नाम सूची में शामिल किए जाने के आदेश दिए गए थे। Conclusion:एसडीएम करसोग सुरेंद्र कुमार ठाकुर का कहना है कि पांगणा पंचायत से बीपीएल सूची से संबंधित शिकायत प्राप्त हुई थी। उसके तहत एसडीएम ऑफिस द्वारा मामले की जांच की गई। जिसमें बहुत से लोग ऐसे पाए गए, जिनके बहुत अच्छे मकान और इनकम थी। ये सभी परिवार बीपीएल के लिए तय पैरामीटर से बाहर थे। ऐसे में इन्क्वारी में 22 परिवारों के नाम बीपीएल सूची से निकाल दिए गए। उन्होंने कहा कि बीडीओ सूची से बाहर किए गए परिवारों के स्थान पर पात्र लोगों के नाम सूची में शामिल किए जाने के आदेश दिए गए थे।
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