मंडी: अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में लंबे अरसे के बाद राज देवता माधो राय की जलेब में बारिश से मचे खलल से अव्यवस्था का आलम नजर आया. पुलिस के घुड़सवार और जवानों की टुकड़ी पीछे तो देवताओं के रथ आगे नजर आए.
बता दें इस बार शिवरात्रि महोत्सव में बारिश की वजह से कई देवताओं के रथों ने जलेब में शिरकत भी नहीं की. लगभग 7 दिन तक शिवरात्रि की शुरुआत से ही मौसम के अनुकूल रहने से देव कारज व्यवस्थित ढंग से आयोजित हुए, लेकिन अंतिम दिन एकाएक बारिश शुरू हो गई. माना जा रहा है कि सराज के प्रमुख देवता देव बिट्ठु नारायण के रुष्ठ होने के कारण जलेब के दौरान भारी बारिश शुरू हो गई.
जानकारी के अनुसार देव बिट्ठु नारायण चौहटा की जातर में पूर्व निर्धारित स्थान ना मिलने की वजह से नाराज हो गए थे और उन्होंने जातर में भी हिस्सा नहीं लिया. मेला कमेटी और देवता सेवा समिति के मामले में हस्तक्षेप के बाद ही देवता शाही जलेब में चलने को राजी हुए, लेकिन जब देवता बाबा भूतनाथ के प्रांगण में पहुंचे तो जलेब में जाने की बजाए ठहराव स्थल की ओर लौटने लगे. यहां पर एक बार फिर देवता से अर्ज करने पर देव बड़ी मुश्किल से माने और जलेब में शामिल हो गए.
बता दें कि देव बिट्ठु नारायण को बारिश के देवता के रूप में जाना जाता है. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में देव के पुजारी राकेश शर्मा ने कहा कि पूर्व निर्धारित स्थान पर बैठने को लेकर विघ्न हो गया था. जिस कारण देवता नाराज हो गए थे. जब देवता जलेब के लिए भूतनाथ के प्रांगण में थे तो जलेब में जाने के बजाय वापस ठहराव स्थल की ओर लौटने लगे. यहां पर लोगों के बनाने और कमेटी के आश्वासन के बाद देवता जलेब में चलने के लिए राजी हुए.
पुजारी राकेश शर्मा ने बताया कि सर्व देवता सेवा समिति के प्रधान पंडित शिवपाल से आश्वासन मिला है इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा. उचित मान-सम्मान मिलने पर वह शिवरात्रि महोत्सव में जरूर शिरकत करेंगे.