मंडी: अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के छठे दिन सदियों की परंपरा मंडी रियासत के कुल देवता देव पराशर ऋषि के जाग का आयोजन किया गया. इस दौरान देवता के गुर ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि मानव जाति का देव परंपरा पर अटल न रहने से देवताओं का साथ छूट सकता है और देव परंपरा को तोड़ने पर आने वाला समय कठिनाई भरा होगा.
पहले की तरह देव परंपरा का निर्वहन करने पर देवता हर कदम पर भविष्य की आपदाओं से मनुष्य की रक्षा करेंगे. डेढ़ घंटे के इस देव कारज में रियासतों की दौर की परंपराओं को सादगी से निभाया गया.
पारंपरिक वाद्य यंत्रों और मधुर शहनाई की गुंज पर देवी-देवताओं के गुर राजा बेहड़े के प्रांगण में दाखिल हुए. इसके बाद राजाओं के कुलदेवता देव पराशर ऋषि के गुर ने विधिवत पूजा से जाग का शुभारंभ किया. इसके बाद चार राज देवताओं के गूर बारी-बारी से धंग्यारा लेकर जाग में खेलते हैं.
पुछ के बाद देव के गुर ने की भविष्यवाणी
खेल के बाद सभी देवताओं के गुर लोगों को पूछ दी. इस देव आस्था के देव कारज में सैकड़ों की तादात में लोग के हिस्सा लेते हैं. पुछ के 15 मिनट बाद देव पराशर ऋषि के गूर ने एक बार फिर देव को धूप देकर पारंपरिक आस्था का निर्वहन किया. इस दौरान सभी गुर ने एक बार फिर बारी-बारी से पूजन किया.
पांच गूरों ने देव परंपरा का किया निर्वहन
देव पराशर ऋषि के मुख्य पुजारी अमर सिंह ने कहा कि देव पराशर के गुर भाग सिंह, देव ढंगाडू के गुर हेम सिंह, देव गणपति के गुर ईशु, देवी तुंगा माता के गुर मस्त राम, देव मार्कंडेय ऋषि थलौट के गुर झाबे राम ने जाग के देव कारज में देव परंपरा का निर्वहन किया है. गुर ने जाग में भविष्यवाणी की है. इस अवसर पर सर्वदेवता समिति के प्रधान शिवपाल शर्मा, राज पुरोहित पवन शर्मा समेत कई लोग उपस्थित रहे.