मंडी: हिमाचल प्रदेश मनरेगा एवं निर्माण फेडरेशन की जिला कमेटी द्वारा बुधवार को अपनी मांगों को लेकर मंडी शहर सेरी चानणी में धरना प्रदर्शन किया गया. मनरेगा एवं निर्माण मजदूर यूनियन का कहना है कि मनरेगा मजदूरों को जो सुविधाएं कल्याण बोर्ड के माध्यम से पहले दी जाती थी, उन सुविधाओं से उन्हें वंचित रखा जा रहा है. उन्होंने बोर्ड के माध्यम से पहले दी जाने वाली सुविधाओं को बहाल करने की मांग की है. इस मौके पर मनरेगा मजदूरों ने कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार उन्हें 350 रुपये न्यूनतम दिहाड़ी देने की भी मांग उठाई है.
इस मौके पर विभिन्न मांगों को लेकर मनरेगा में निर्माण फेडरेशन कमेटी द्वारा उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया. वहीं, अन्य मांगों को गिनवाते हुए नौजवान सभा राज्य अध्यक्ष सुरेश सरवाल ने बताया कि मनरेगा में ऑनलाइन हाजिरी व 20 कार्यों की शर्त हटाई जाए. मनरेगा कार्यों की असेसमेंट के लिए अलग मापदंड निर्धारित किए जाएं. सभी ग्राम पंचायतों में ग्रामीण रोजगार सेवक व तकनीकी सहायक नियुक्त किए जाएं, मनरेगा जॉब कार्ड धारक मजदूरों से ग्राम पंचायत के जनरल हेड के कार्यों में भी रोजगार दिया जाए. मनरेगा मजदूरों को काम करने के लिए औजार उपलब्ध करवाएं, राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड में लंबित मजदूरों के लाभ तुरंत जारी किया जाए.
बोर्ड में पंजीकरण व सहायता प्राप्त करने के लिए ग्राम पंचायतों में होने वाले विभिन्न मुद्दों जैसे मनरेगा, वित्त आयोग, विधायक व सांसद निधि तथा अन्य निर्माण संबंधी कार्यों के कार्य दिवसों को मान्यता दी जाए. श्रम और रोजगार विभाग द्वारा 8 फरवरी 2023 को जारी अधिसूचना में भवन निर्माण में सेस अदा करने संबंधी शर्त हटाई जाए और रोजगार प्रमाण पत्र जारी और सत्यापित करने का अधिकार पूर्व की भांति पंजीकृत मजदूर यूनियनों को दिया जाए. राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के कार्यों संबंधी गठित एक्सपोर्ट कमेटी में अधिकारियों के अलावा मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए.
राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड की बैठक तुरंत बुलाई जाए ताकि उसके उसमें बोर्ड के रुके हुए कार्यों को बहाल करने बारे निर्णय लिया जा सके. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रदेश सरकार इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं करती है तो आने वाले समय में मनरेगा एवं निर्माण मजदूर यूनियन जिले के अन्य मजदूरों को लामबंद करते हुए एक मजबूत आंदोलन खड़ा कर उग्र आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं करेंगे.
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