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जल शक्ति डिवीजन सुंदरनगर में आउटसोर्स कर्मचारियों ने लगाए आरोप, बोले- शोषण कर रही सरकार - mandi news hindi

बिना किसी पूर्व सूचना के जल शक्ति डिवीजन सुंदरनगर में 48 आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकाल दिया है. ऐसे में कर्मचारियों में सरकार के प्रति रोष है. आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि जल शक्ति विभाग के अधिकारियों द्वारा फोन के माध्यम से नौकरी पर नहीं आने का फरमान सुनाया जा रहा है. कर्मचारियों को बीते 6 माह से वेतन मान का भी भुगतान नहीं हुआ है. सरकार उनका शोषण कर रही है. (Jal Shakti Division Sundernagar) (Demand for outsourced employees in Sundernagar)

Jal Shakti Division Sundernagar
outsourced employees in Sundernagar
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Published : Feb 28, 2023, 4:35 PM IST

जल शक्ति डिवीजन सुंदरनगर में आउटसोर्स कर्मचारियों ने कहा कि उनका शोषण कर रही सरकार

सुंदरनगर: मंडी जिले के जल शक्ति डिवीजन सुंदरनगर में विभिन्न पदों पर तैनात 48 आउटसोर्स कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. हैरानी की बात यह है कि कर्मचारियों को बीते 6 माह से वेतन का भी भुगतान नहीं किया गया है. इस कारण कर्मचारियों को अपने परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो गया है. इसको लेकर कर्मचारियों ने मंगलवार को जल शक्ति विभाग मंडल सुंदरनगर के अधिशाषी अभियंता ई. रजत कुमार गर्ग को एक ज्ञापन भी सौंपा है.

जानकारी देते हुए एचपी आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ की सुंदनगर शाखा के अध्यक्ष हरीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2019 में एक प्राईवेट आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से बेलदार, फीटर और पंप ऑपरेटर के पद पर 48 कर्मचारियों को जल शक्ति विभाग मंडल सुंदरनगर के अधीन रखा गया था. आउटसोर्सिंग कंपनी का सरकार के साथ करार 31 दिसंबर 2022 को समाप्त हो गया है. कर्मचारियों द्वारा लगभग पौने चार वर्षों तक विभाग में अपनी सेवाएं देने के बाद अब अचानक से मौखिक तौर पर उन्हें नौकरी से बाहर निकाला जा रहा है.

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को अब बिना किसी नियम को अपनाते हुए जल शक्ति विभाग के अधिकारियों द्वारा फोन के माध्यम से नौकरी पर नहीं आने का फरमान सुनाया जा रहा है. कर्मचारियों को बीते 6 माह से वेतन मान का भी भुगतान नहीं हुआ है. हरीश कुमार ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के द्वारा उनका लगातार शोषण किया गया. लेकिन वर्तमान की कांग्रेस सरकार द्वारा 2 माह के भीतर ही उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. इस प्रकार का शोषण अंग्रेजों के समय में भी लोगों के साथ नहीं हुआ था. कोरोना काल में भी इन कर्मचारियों द्वारा विभाग को सेवाएं दी गई हैं. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि उन्हें जल शक्ति विभाग में ही रखा जाए, 6 घंटे की ड्यूटी को 8 घंटे किया जाए और वेतमान का भुगतान भी किया जाए. बता दें कि जल शक्ति विभाग में आउटसोर्सिंग पर रखे गए बेलदार का मासिक वेतन 3 हजार और फीटर और पंप ऑपरेटर 3500 रुपये हैं. लेकिन बीते 6 माह से इन 48 कर्मचारियों को वेतनमान का भी भुगतान नहीं किया गया है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली के CM उप मुख्यमंत्री को दिलाना चाहते थे पद्मश्री अवार्ड, शराब के मामले में हुए गिरफ्तार: अनुराग ठाकुर

जल शक्ति डिवीजन सुंदरनगर में आउटसोर्स कर्मचारियों ने कहा कि उनका शोषण कर रही सरकार

सुंदरनगर: मंडी जिले के जल शक्ति डिवीजन सुंदरनगर में विभिन्न पदों पर तैनात 48 आउटसोर्स कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. हैरानी की बात यह है कि कर्मचारियों को बीते 6 माह से वेतन का भी भुगतान नहीं किया गया है. इस कारण कर्मचारियों को अपने परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो गया है. इसको लेकर कर्मचारियों ने मंगलवार को जल शक्ति विभाग मंडल सुंदरनगर के अधिशाषी अभियंता ई. रजत कुमार गर्ग को एक ज्ञापन भी सौंपा है.

जानकारी देते हुए एचपी आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ की सुंदनगर शाखा के अध्यक्ष हरीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2019 में एक प्राईवेट आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से बेलदार, फीटर और पंप ऑपरेटर के पद पर 48 कर्मचारियों को जल शक्ति विभाग मंडल सुंदरनगर के अधीन रखा गया था. आउटसोर्सिंग कंपनी का सरकार के साथ करार 31 दिसंबर 2022 को समाप्त हो गया है. कर्मचारियों द्वारा लगभग पौने चार वर्षों तक विभाग में अपनी सेवाएं देने के बाद अब अचानक से मौखिक तौर पर उन्हें नौकरी से बाहर निकाला जा रहा है.

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को अब बिना किसी नियम को अपनाते हुए जल शक्ति विभाग के अधिकारियों द्वारा फोन के माध्यम से नौकरी पर नहीं आने का फरमान सुनाया जा रहा है. कर्मचारियों को बीते 6 माह से वेतन मान का भी भुगतान नहीं हुआ है. हरीश कुमार ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के द्वारा उनका लगातार शोषण किया गया. लेकिन वर्तमान की कांग्रेस सरकार द्वारा 2 माह के भीतर ही उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. इस प्रकार का शोषण अंग्रेजों के समय में भी लोगों के साथ नहीं हुआ था. कोरोना काल में भी इन कर्मचारियों द्वारा विभाग को सेवाएं दी गई हैं. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि उन्हें जल शक्ति विभाग में ही रखा जाए, 6 घंटे की ड्यूटी को 8 घंटे किया जाए और वेतमान का भुगतान भी किया जाए. बता दें कि जल शक्ति विभाग में आउटसोर्सिंग पर रखे गए बेलदार का मासिक वेतन 3 हजार और फीटर और पंप ऑपरेटर 3500 रुपये हैं. लेकिन बीते 6 माह से इन 48 कर्मचारियों को वेतनमान का भी भुगतान नहीं किया गया है.

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