करसोग: कोरोना काल में पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों और बागवानों पर फिर से मौसम का कहर बरपा है. यहां सोमवार को कई क्षेत्रों में दोपहर बाद हुई ओलावृष्टि से सेब सहित स्टोन फ्रूट को भारी नुकसान हुआ है. उपमंडल की खादरा, बालीधार, चौरीधार, सेरी, खनेयोल बगड़ा, कांडी सपनोट, माहूंनाग व मैहरन पंचायत में हुई ओलावृष्टि ने सेब सहित नाशपाती, प्लम, आड़ू, खुरमानी की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है.
नुकसान का आकलन करने के आदेश जारी
बागवानी विभाग ने सभी पंचायतों में फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने के आदेश जारी कर दिए है. फील्ड अधिकारियों से 24 घण्टे में रिपोर्ट मांगी गई है. पिछले महीने 12 मई को भी कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि से सेब सहित स्टोन फ्रूट को एक करोड़ का नुकसान हुआ था, जिसकी रिपोर्ट बागवानी विभाग में सरकार को भेज दी थी. वहीं, ओलावृष्टि और भारी बारिश ने किसानों की भी कमर तोड़ दी है.
उपमंडल में कई स्थानों में शिमला मिर्च सहित बैगन, टमाटर, जुगनी, बीन व खरीफ सीजन की अन्य कई फसलों को नुकसान हुआ है. ओलावृष्टि और मूसलाधार बारिश की वजह से ढलानदार खेतों से मिट्टी बह गई है. वहीं, समतल खेतों में पानी के साथ आई मिट्टी जमा हो गई है. ऐसे में किसानों ने बैंकों से लोन लेकर नर्सरी के लिए जो बीज खरीदा है. उसका खर्च निकलना भी मुश्किल हो गया है. इसको देखते हुए किसानों और बागवानों ने कोरोना संकट के इस मुश्किल दौर में नुकसान की भरपाई किए जाने की मांग की है.
फील्ड अधिकारियों से बुधवार को मांगी रिपोर्ट
बागवानी विभाग विकासखंड करसोग के विषय वार्ता विशेषज्ञ नरेश शर्मा का कहना है कि ओलावृष्टि से हुए नुकसान के आकलन के आदेश जारी किए गए हैं. इस बारे में फील्ड अधिकारियों से बुधवार को रिपोर्ट मांगी गई है.
सरकार से भरपाई की मांग
खादरा पंचायत के प्रधान रमेश कुमार ने बताया कि करसोग के कई क्षेत्रों में भारी ओलावृष्टि हुई है. इससे कई पंचायतों में बागवानों को भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि इस मामले को एसडीएम के ध्यान में भी लाया गया है. जिस पर एसडीएम ने नुकसान का जायजा लिए जाने का भरोसा दिया है. उन्होंने सरकार से भी किसानों और बागवानों को हुए नुकसान की भरपाई करने की मांग की है.
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