जोगिंदर नगर/मंडी: हिमाचल के एकमात्र राजकीय आयुर्वेदिक फार्मेसी जोगिंदर नगर में अब कफ सिरप और लीवर टॉनिक भी बनाया जाएगा. इसके लिए गाजियाबाद और अहमदाबाद से 61 लाख की हाईटेक मशीन स्थापित की गई है. जीएमटी के तहत (गुड मैन्युफैक्चरिंग) दवाइयों के निर्माण के साथ प्रदेश भर के आयुष केंद्रों , बड़े अस्पतालों में जोगिंदर नगर राजकीय आयुर्वेदिक फार्मेसी से सिरप भी उपलब्ध होंगे.
कोरोना काल से सीख: कोरोना काल में बढ़ते संक्रमण और दवा निर्माण में शत-प्रतिशत हाइजेन के उद्देश्य से केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेदिक पद्धति में प्रयोग होने वाली विस्तृत गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए करीब 2 करोड़ की धनराशि आयुर्वेदिक फार्मेसी के आधारभूत ढांचे को भी गुड मैन्युफैक्चर के अनुरूप दवाओं के निर्माण के लिए हाईटेक मशीनरी स्थापित की गई है. इससे दवाओं के निर्माण और पैकिंग की गुणवत्ता में सुधार होगा. नई दवाओं के प्रयोग में भी सफलता मिलेगी.
लिक्विड अनुभाग शुरू कर सिरप की शुरुआत: आयुर्वेदिक फार्मेसी जोगिंदर नगर के प्रभारी डॉ. नीलम कुमार ने बताया कि हिमाचल की एकमात्र जोगिंदर नगर राजकीय आयुर्वेदिक फार्मेसी में अब लिक्विड अनुभाग शुरू कर सिरप के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. अनुमानित 2 करोड़ खर्च कर केंद्र व प्रदेश आयुष विभाग के सहयोग से फार्मेसी के आधारभूत ढांचे को भी नया स्वरूप मिला है. इससे औषधि के निर्माण में पूरी हाईजिन व्यवस्था बढ़ी हैं.
एक दिन में बनेगा 2400 लीटर सिरप: वहीं, एक दिन 2400 लीटर सिरप बनाने का टारगेट रखा गया है. उन्होंने बताया कि अगर आने वाले समय हमें ग्रांट मिलेगी तो ऑटोमेटिक लेबलिंग और पैकेजिंग मशीन लगाई जाएगी. इन सब के लिए भारत सरकार को एक योजना बनाकर भेजी गई है.
हिमाचल में 1206 आयुर्वेदिक हेल्थ सेंटर: आधुनिक नई मशीनों में गुड मैन्युफैक्चरिंग के तहत गाजियाबाद और अहमदाबाद से हाईटेक मशीनरी लाकर स्थापित की गई है. डॉ. नीलम कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में करीब 1206 आयुर्वेदिक हेल्थ सेंटर है. इसके अतिरिक्त अस्पतालों में जो सिरप बनेंगे वह उनकी मांग अनुसार दिए जाएंगे. बता दें कि जोगिंदर नगर हिमाचल के मंडी जिले में आता है.