सराज: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर मतदान हो चुका और 8 दिसंबर को फैसला होगा कि कौन जीतेगा. सीएम जयराम ठाकुर के सराज विधानसभा क्षेत्र की बात की जाए तो 145 मतदान केंद्रों पर शाम 5 बजे तक 74 फीसदी मतदान हुआ. जानकारी के मुताबिक सराज विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदान 69,170 लोगों ने मतदान किया. इसमें, पुरुष मतदाताओं की संखाय 35741 रही तो 33429 महिलाओं ने मतदान का प्रयोग किया. कुल मिलाकर आंकड़ों के हिसा से सराज में 82.22 फीसदी मतदान हुआ.
5 चुनाव जीत चुके जयराम: सराज विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के प्रत्याशी के तौर पर जयराम ठाकुर एक बार फिर से चुनावी मैदान में हैं तो उन्हें कड़ी टक्कर कांग्रेस के उम्मीदवार चेतराम ठाकुर देंगे. 57 साल के जयराम ठाकुर पांच चुनाव भाजपा पार्टी से ही लड़े और पांचों चुनावों 1998, 2003, 2007, 2012, 2017 में जीत हासिल की. वहीं, चेतराम ठाकुर 62 साल के हैं और कांग्रेस में दो बार मिल्कफेड के चेयरमैन रह चुके हैं. चेतराम ठाकुर ने साल 2003 और 2017 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. जयराम ठाकुर ने ही इन्हें हराया था. (Seraj voting percentage 2022) (Voting in Seraj)
इस सीट पर राजपूतों का प्रभाव: सबसे ज्यादा इस सीट पर राजपूत बिरादरी का प्रभाव माना जाता है. जयराम ठाकुर की इस सीट पर मजबूत पकड़ मानी जाती है. लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार चेतराम कमाल करके दिखाएंगे. राजपूत बिरादरी पर इनकी पकड़ भी अच्छी मानी जाती है. जयराम ठाकुर के सामने अपनी सीट बचाने की चुनौती है तो वहीं, चेतराम ठाकुर को इस सीट पर अपना कब्जा करना होगा. (74 percent polling in Saraj)
दोनों प्रत्याशियों के पास बेहतर अनुभव: जयराम ठाकुर 1986 में एबीवीपी के संयुक्त प्रदेश सचिव, 1989 से 93 तक जम्मू-कश्मीर में संगठन, 1993 से 95 तक भाजयुमो के प्रदेश सचिव और प्रदेश अध्यक्ष, 2000 से 2003 तक जिला मंडी भाजपा अध्यक्ष और 2003 से 2005 तक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष, 2006 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे. 1998 में पहली बार चच्योट से विधायक चुने गए. धूमल सरकार में पंचायती राज मंत्री बने.
2017 में हिमाचल के सीएम बने: 2012 में सराज से चुनाव लड़े और जीते. 2017 में हिमाचल के सीएम बने. वहीं, चेतराम ठाकुर 1990 से राजनीति में सक्रिय हैं. चेतराम ठाकुर पहली बार 1991 में पंचायत प्रधान बने. 1995 में बीडीसी का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वहीं, वह दो बार चुनाव भी लड़ चुके हैं लेकिन हार गए.
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