मंडी: शहर में आवारा पशुओं के आंतक से निजात दिलवाने में नाकाम साबित हो रहे नगर परिषद और प्रशासन की सोशल मीडिया में खूब किरकिरी हो रही है. जिससे सबक लेते हुए नगर परिषद ने अचानक वन विभाग, पशुपालन और लोनिवि के साथ संयुक्त अभियान छेड़ा दिया है. वन विभाग की मदद से विशेष ट्रेंकुलाइजर गन से आवारा पशुओं इंजेक्ट किया जा रहा है.
बता दें कि शहर में कई लोगों को जख्मी कर चुके दो सांडों को ट्रेंकुलाइजर गन की मदद से बेहोश करने के बाद गौसदन छोड़ दिया गया है. वहीं, जेसीबी के माध्यम से भी आवारा पशुओं को बिंद्रावणी डंपिंग साईट की ओर छोड़ा जा रहा है. शहर से पशुओं को खदेड़ने से अब शहरवासियों को निजात मिली है. चौहटा, इंदिरा मार्किट, महामृत्युंजय चौक, सुकेती पुल, बस स्टैंड से पशुओं को हटा दिया गया है.
गौर रहे कि शहर में आवारा पशुओं के आतंक से लोग परेशान है. खासकर आवार सांड और गौवंश राह चलते लोगों पर हमला भी कर देते हैं. आवारा पशुओं को ठिकाने लगाने के लिए स्थानीय लोग नगर परिषद से काफी समय से गुहार लगा रहे थे, लेकिन लोगों की समस्या का समाधान न होने के चलते जनता ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर नगर परिषद की खूब फजीहत की. जिसके बाद मंगलवार को नगर परिषद ने करीब एक दर्जन से अधिक आवारा पशुओं को शहर से हटाना शुरू किया.
नगर परिषद अध्यक्ष सुमन ठाकुर ने बताया कि शहर में घूम रहे बेसहारा पशुओं को वन्यप्राणी, पशुपालन और पीडब्ल्यूडी विभाग की सहायता लेकर खदेड़ दिया है. सुमन ठाकुर ने कहा कि अगर फिर भी कहीं किसी को कोई आवारा पशु दिखाई देता है तो वह तुरंत नप को सूचित करे ताकि शहरवासियों को पशुओं के खौफ से दूर रखा जा सके.
गौरतलब है कि आवारा पशुओं की वजह से मंडी, रिवालसर, नेरचौक और सुंदरनगर में कई हादसे हो चुके हैं. जिसमें कुछ लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है. हाल ही में लोक संपर्क कार्यालय के बाहर एक वृद्ध पर सांड ने हमला कर दिया था, जिन्हें गहरी चोटें आई हैं. मंडी शहर में आवारा पशु लोगों के लिए परेशानी और आतंक का सबब बन चुके हैं.
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