करसोग: ग्रामीण क्षेत्रों में भी खानपान की बदलती आदतों और आरामपरस्त जीवन ने लोगों को मधुमेह और बीपी जैसे रोगों से जकड़ दिया है. इसका खुलासा राष्ट्रीय मानव देखभाल संगठन की ओर से करसोग के दूरदराज क्षेत्र तेबन में आयोजित स्वास्थ्य जांच शिविर में हुआ.
तीन दिवसीय इस जांच शिविर में गांव के कुल 180 लोगों ने स्वास्थ्य जांच करवाई, जिसमें 35 लोगों में मधुमेह और बीपी के लक्षण पाए गए. इसमें महिला और पुरुष दोनों वर्गों के लोग शामिल है. हालांकि इस दौरान पहले से ही ग्रसित कुछ रोगियों का आंकड़ा भी शामिल है. लोगों में शुगर और बीपी के लक्षण सामने आने पर निशुल्क दवाइयां भी बांटी गई.
डॉ. सत्या का कहना है कि गांव में शुगर और बीपी के रोगियों की लगातार बढ़ती संख्या चिंता का विषय है. तेबन में 3 दिन स्वास्थ्य जांच के दौरान 13 शुगर और 22 लोग बीपी से ग्रसित पाए गए. इन सभी को निशुल्क दवाइयां दी गई हैं.
मधुमेह के लक्षण
मधमेह के लक्षणों में ज्यादा पेशाब की शिकायत, अधिक भूख-प्यास लगना, वजन कम होना, हर समय सुस्ती फैलना और घाव का जल्द न भरना शामिल है.
ये है मधुमेह के कारण
मधुमेह यानि डायबिटीज जंक फूड और शीतल पेय के अत्याधिक सेवन, शारीरिक मेहनत कम करना और मोटापे के कारण हो सकता है.
ऐसे करें बचाव
मधुमेह से बचने के लिए वजन कम रखें, नियमित तौर पर व्यायाम करें और चीनी का इस्तेमाल कम करें. साथ ही समय समय पर स्वास्थ्य जांच करवाते रहें.