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NPA बंद करने से अस्पतालों में मरीज बेहाल, सुक्खू सरकार की व्यवस्था परिवर्तन के दावों की खुली पोल: BJP

हिमाचल सरकार द्वारा एनपीए बंद किए जाने से नाराज डॉक्टरों पेन डाउन स्ट्राइक पर हैं. जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी ने एनपीए बंद किए जाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा 5 महीने में ही सुक्खू सरकार के दावों की पोल खुल गई है.

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बीजेपी ने सुक्खू सरकार पर साधा निशाना
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Published : May 30, 2023, 7:09 PM IST

बीजेपी ने सुक्खू सरकार पर साधा निशाना

मंडी: हिमाचल प्रदेश में डॉक्टरों का एनपीए बंद करने पर भाजपा ने सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को आड़े हाथों लिया है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय राणा ने कहा एनपीए बंद करने से नाराज डॉक्टरों ने पेन डाउन स्ट्राइक शुरू कर दी है. ऐसे में प्रदेश भर में सरकारी अस्पतालों में समय पर इलाज न मिलने से मरीज बेहाल है. एनपीए बंद कर सरकार ने डॉक्टरों के साथ अन्याय किया है. कांग्रेस ने सत्ता में आने के लिए जनता से झूठे वादे किए, लेकिन अब सरकार बनते ही जनविरोधी निर्णय लिए जा रहे हैं. जिससे आम लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. जिसका खामियाजा सुक्खू सरकार को आने वाले समय में भुगतना होगा.

95 फीसदी जनता सरकारी अस्पताल पर निर्भर: अजय राणा ने कहा प्रदेश की 95 फीसदी जनता सस्ते इलाज के लिए सरकार स्वास्थ्य संस्थानों पर निर्भर है. हजारों लोग प्राइमरी हेल्थ सेंटरों, सीएचसी और अस्पतालों में इलाज के लिए आते हैं, लेकिन एनपीए बंद करने के विरोध में डॉक्टर पेन डाउन स्ट्राइक पर हैं. जिससे मरीज इलाज के लिए भटकने को मजबूर हैं.

डॉक्टरों के भविष्य से खिलवाड़: उन्होंने कहा कि सरकार ने एनपीए बंद कर रोगी और डॉक्टर के विश्वास की कड़ी को तोड़ने का काम है. इससे आमजन और चिकित्सक दोनों का अहित होना निश्चित है. राणा ने कहा प्रदेश के चिकित्सक बेहतरीन सेवाएं देने के लिए जाने जाते हैं, जो कठिन और विपरीत परिस्थितियों में भी लोगों को सुविधा देते रहे हैं, लेकिन सरकार के गलत निर्णय से डॉक्टरों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है.

5 महीने में ही खुल गई सरकार की पोल: अजय राणा ने कहा कांग्रेस लोगों से झूठ बोलकर सत्ता में आई है. ऐसे में अब सरकार बनने के पांच महीने बाद ही सुक्खू सरकार के व्यवस्था परिवर्तन के दावों की पोल खुल गई है. मुख्यमंत्री और कैबिनेट में ही आपसी तालमेल नहीं है. खुद स्वास्थ्य मंत्री एनपीए बंद करने के निर्णय की जानकारी न होने की बात कह चुके हैं. ऐसे में साबित हो गया है की सरकार जनता की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है. राणा ने कहा एनपीए बंद करना जनविरोधी निर्णय है, जिसे शीघ्र प्रभाव से वापस लेना चाहिए. ताकि अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित ना हो. नहीं तो आने वाले समय में कांग्रेस सरकार खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहें.
ये भी पढ़ें: ऊना में डॉक्टरों की पेन डाउन स्ट्राइक दूसरे दिन भी जारी, NPA बंद करने का किया विरोध

बीजेपी ने सुक्खू सरकार पर साधा निशाना

मंडी: हिमाचल प्रदेश में डॉक्टरों का एनपीए बंद करने पर भाजपा ने सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को आड़े हाथों लिया है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय राणा ने कहा एनपीए बंद करने से नाराज डॉक्टरों ने पेन डाउन स्ट्राइक शुरू कर दी है. ऐसे में प्रदेश भर में सरकारी अस्पतालों में समय पर इलाज न मिलने से मरीज बेहाल है. एनपीए बंद कर सरकार ने डॉक्टरों के साथ अन्याय किया है. कांग्रेस ने सत्ता में आने के लिए जनता से झूठे वादे किए, लेकिन अब सरकार बनते ही जनविरोधी निर्णय लिए जा रहे हैं. जिससे आम लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. जिसका खामियाजा सुक्खू सरकार को आने वाले समय में भुगतना होगा.

95 फीसदी जनता सरकारी अस्पताल पर निर्भर: अजय राणा ने कहा प्रदेश की 95 फीसदी जनता सस्ते इलाज के लिए सरकार स्वास्थ्य संस्थानों पर निर्भर है. हजारों लोग प्राइमरी हेल्थ सेंटरों, सीएचसी और अस्पतालों में इलाज के लिए आते हैं, लेकिन एनपीए बंद करने के विरोध में डॉक्टर पेन डाउन स्ट्राइक पर हैं. जिससे मरीज इलाज के लिए भटकने को मजबूर हैं.

डॉक्टरों के भविष्य से खिलवाड़: उन्होंने कहा कि सरकार ने एनपीए बंद कर रोगी और डॉक्टर के विश्वास की कड़ी को तोड़ने का काम है. इससे आमजन और चिकित्सक दोनों का अहित होना निश्चित है. राणा ने कहा प्रदेश के चिकित्सक बेहतरीन सेवाएं देने के लिए जाने जाते हैं, जो कठिन और विपरीत परिस्थितियों में भी लोगों को सुविधा देते रहे हैं, लेकिन सरकार के गलत निर्णय से डॉक्टरों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है.

5 महीने में ही खुल गई सरकार की पोल: अजय राणा ने कहा कांग्रेस लोगों से झूठ बोलकर सत्ता में आई है. ऐसे में अब सरकार बनने के पांच महीने बाद ही सुक्खू सरकार के व्यवस्था परिवर्तन के दावों की पोल खुल गई है. मुख्यमंत्री और कैबिनेट में ही आपसी तालमेल नहीं है. खुद स्वास्थ्य मंत्री एनपीए बंद करने के निर्णय की जानकारी न होने की बात कह चुके हैं. ऐसे में साबित हो गया है की सरकार जनता की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है. राणा ने कहा एनपीए बंद करना जनविरोधी निर्णय है, जिसे शीघ्र प्रभाव से वापस लेना चाहिए. ताकि अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित ना हो. नहीं तो आने वाले समय में कांग्रेस सरकार खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहें.
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