मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में बरसात के सीजन के दौरान भारी बारिश के कारण आई आपदा से 25 स्कूल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं. इनमें से कुछ स्कूल अब धार्मिक स्थलों सहित निजी भवनों में चलाए जा रहे हैं, जबकि कुछ स्कूलों के लिए कहीं पर भी जगह न मिलने के कारण बच्चे खुले आसमान व तंबुओं के नीचे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
3 महीने से तंबुओं में पढ़ रहे बच्चे: इन्हीं में से एक स्कूल है द्रंग विधानसभा क्षेत्र के तहत पड़ने वाला सीनियर सेकेंडरी स्कूल बागी कटौला, जो बीते तीन महीनों से तंबुओं में चल रहा है. मंडी में आई आपदा के कारण सीनियर सेकेंडरी स्कूल बागी कटौला का पूरा भवन धराशायी हो गया था. इसके बाद जब हालात सामान्य हुए तो करीब एक महीने तक बच्चों की ऑनलाईन ही पढ़ाई करवानी पड़ी. उसके बाद स्कूल संचालन के लिए किराए के कमरों की तलाश शुरू की गई तो आसपास कहीं पर भी कोई भवन नहीं मिला. ऐसे में फिर तम्बू खरीदकर उसी में ही स्कूल के संचालन का फैसला लिया गया.
बारिश और हवा के झोकों से हो रहे परेशान: अब आलम यह है कि जैसे ही बारिश होती है तो स्कूल को तुरंत प्रभाव से बंद करना पड़ता है. कभी हवा के झोंके भी आ जाएं तो वो अध्यापकों और बच्चों को झकझोर कर रख देते हैं. बागी कटौला स्कूल की स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान चरण सिंह ठाकुर और स्थानीय निवासी हरि सिंह ठाकुर ने बताया कि एक निजी कंपनी ने स्कूल के लिए फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर मुहैया करवाने की हामी भरी थी, लेकिन उसके बाद उस कंपनी का कहीं कोई अता-पता नहीं है.
स्थानीय लोगों कि सरकार से मांग: स्थानीय लोगों और स्कूल प्रशासन ने सरकार से मांग उठाई है कि सरकार जल्द से जल्द स्कूल का भवन बनाने की दिशा में कार्य शुरू करे और जब तक भवन नहीं बन जाता तब तक फेब्रिकेटिड स्ट्रक्चर मुहैया करवाया जाए, क्योंकि कड़कड़ाती ठंड के बीच बच्चों को तंबुओं में पढ़ाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इससे जहां बच्चों को पढ़ने में परेशानी आ रही है. वहीं, इस ठंड में खुले में बच्चों को पढ़ाने से उनकी तबीयत खराब रहने का भी डर लगा रहता है.
जिस कंपनी ने फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर मुहैया करवाने का वादा किया था, उसने अभी तक अपने वादे को पूरा नहीं किया है. कंपनी प्रबंधन के साथ संपर्क साधा गया है, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पा रहा है. इस संदर्भ में उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है. जो आदेश निदेशालय से प्राप्त होंगे उसी आधार पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. - अमरनाथ राणा, शिक्षा उप निदेशक मंडी
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