मंडीः अगर हौसले बुलंद हो और दिल में मंजिल पाने की चाहत हो तो कोई भी परिस्थिति इंसान को नहीं रोक सकती. मंडी के भगवाहन मोहल्ला निवासी तरुण शर्मा ने कठिन परिस्थितियों में सेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनकर मिसाल पेश की है.
बता दें कि 5 वर्ष की आयु में ही सिर से पिता का साया उठने के बावजूद भी तरुण शर्मा ने कभी हार नहीं मानी और आज अपनी मेहनत के बल पर मात्र 22 वर्ष की आयु में वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर हैं.
भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनकर मंडी जिला के तरुण शर्मा ने जहां प्रदेश का मान बढ़ाया है. तरुण शर्मा के भारतीय वायु सेना में अफसर बनने पर परिवारजनों व शहरवासियों में खुशी की लहर है. भारतीय वायु सेना अकादमी हैदराबाद में हुई पासिंग आउट परेड में कोरोना वायरस के कारण परिवार के सदस्य शामिल नहीं हो सके.
तरुण शर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भगवाहन मोहल्ला व 12वीं तक की पढ़ाई जवाहर नवोदय पंडोह से पूरी की. वहीं, बीएससी की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी से की है. तरुण शर्मा ने अपनी इस सफलता का श्रेय माता, बहनों व गुरुजनों को दिया है.
एयर स्क्वाड्रन एनसीसी कुल्लू में बतौर प्रशिक्षित एएनओ देंगे सेवाएं
वल्लभ राजकीय महाविद्यालय मंडी के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष सहायक प्रोफेसर डॉ. चमन लाल भारतीय थल सेना एवं वायु सेना के सैन्य प्रशिक्षण के बाद फ्लाइंग ऑफिसर बन गए हैं. अब डॉ. चमन एयर स्क्वाड्रन एनसीसी कुल्लू में बतौर प्रशिक्षित एएनओ अपनी सेवाएं देंगे.
एयरफोर्स स्टेशन तांबाराम चेन्नई (तमिलनाडु) में पासिंग आउट परेड समारोह में ग्राउंड इंस्ट्रक्टर स्कूल के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन एमके रमेश ने डॉ. चमन के कंधों पर वायुसेना के फ्लाइंग ऑफिसर के रैंक लगाए और प्रमाणपत्र प्रदान किया.
समारोह में डॉ. चमन एकमात्र हिमाचली थे. वल्लभ राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राकेश शर्मा ने कहा कि डॉ. चमन का फ्लाइंग ऑफिसर बनना महाविद्यालय एवं प्रदेश के लिए गौरव की बात है.
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