मंडी: हिमाचल प्रदेश में किए हुए विकास कार्यों की पेमेंट न होने (No payment of contractors in Himachal)और कार्यों के लिए एम फार्म की शर्त में छूट न देने पर प्रदेश ठेकेदार कल्याण संघ(Himachal Contractors Welfare Association) ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. अपनी मांगों को लेकर लामबंद होते हुए प्रदेश ठेकेदार कल्याण संघ ने आगामी 7 फरवरी तक प्रदेश में किसी भी प्रकार के विकास कार्यों के लिए टेंडर न भरने का फैसला लिया. यह फैसला मंगलवार को मंडी में हुई ऑल हिमाचल कॉन्ट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक में (All Himachal Contractor Welfare Association meeting)लिया गया.
बैठक में मंडी जोन से करीब 50 ठेकेदारों ने भाग लिया. उन्होंने बैठक में पेमेंट का भुगतान न करने पर रोष व्यक्त किया. बैठक में निर्णय लिया गया कि हिमाचल प्रदेश में 7 फरवरी तक सांकेतिक विरोध के चलते किसी प्रकार का टेंडर ठेकेदार नहीं भरेंगे. इसके साथ ही अगर 7 फरवरी के बाद भी सरकार ने ठेकेदारों की समस्या का हल नहीं किया तो प्रदेश में जारी विभिन्न विकास कार्यों को बंद करने का फैसला भी लिया.
हिमाचल प्रदेश ठेकेदार कल्याण संघ ने सरकार से तुरंत एम फार्म के बिना पिछले एक वर्ष से लंबित बिलों का भुगतान करने की मांग की. यदि ऐसा नहीं हुआ तो सरकारी ठेकेदारों ने जारी विकास कार्यों को मझधार में ही रोकने का मन भी बना लिया. एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि उनके बिलों का भूगतान नहीं किया गया तो ठेकेदार काम बंद कर सड़कों पर आंदोलन करने से भी परहेज नहीं करेंगे. एसोसिएशन के चेरयमैन दिनेश ने बताया कि मौजूदा समय में ठेकेदार लोन लेकर प्रदेश के विकास कार्य करने को मजबूर है. वहीं ,कार्यकारी समिति सदस्य केशव नायक ने ठेकेदारों को पेश आ रही परेशानियों के लिए सभी विधायकों और मौजूदा प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया.
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