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कई सालों से पांगणा खड्ड को जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे नौनिहाल, नींद से अब जागा प्रशासन

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Published : Mar 12, 2020, 9:29 PM IST

Updated : Mar 13, 2020, 3:35 PM IST

मशोग पंचायत के नौनिहालों को अब जूते हाथ में उठाकर खतरनाक खड्ड पार करके स्कूल नहीं जाना पड़ेगा. यहां के स्थानीय लोगों को जल्द ही पुल की सौगात मिलने वाली है. पुल निर्माण के लिए जिला प्रशासन ने एस्टीमेट तैयार किया है, जिसकी स्वीकृति के बाद ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.

School children cross Pangna khadd
खड्ड को पार कर स्कूल जाते नौनिहाल

करसोग: जिला मंडी की मशोग पंचायत के नौनिहालों को अब जूते हाथ में उठाकर खतरनाक खड्ड पार करके स्कूल नहीं जाना पड़ेगा. यहां के स्थानीय लोगों को अब जल्द ही फेगल में पानी के बहाव से होकर पांगणा खड्ड पार करने की समस्या से निजात मिलने वाली है. जल्द ही इस खड्ड पर पुल बनकर तैयार होगा.

बीडीओ करसोग ने टीम के साथ मौके पर जाकर खुद स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को फेगल गांव के साथ लगती खड्ड पर पुल निर्माण के लिए एस्टीमेट तैयार करने के निर्देश जारी किए थे. पुल निर्माण के लिए 5.97 लाख का एस्टीमेट तैयार किया गया है, जिसे अब अनुमोदन के लिए एसडीओ के पास भेजा गया है. .

यहां से टेक्निकल स्वीकृति प्रदान होते ही 31 मार्च से पहले खड्ड में पुल का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. बीडीओ करसोग खुद इस मामले को देख रहे हैं. बता दें को लोग बीते कई सालों से फेगल से बहने वाली पांगणा खड्ड पर पुल निर्माण की मांग कर रहे थे, लेकिन इस पुकार से नीति नियंताओं की नींद नहीं टूटी. मजबूरन लोग जान जोखिम में डालकर खड्ड से होकर सफर करने को मजबूर हैं.

वीडियो रिपोर्ट

स्कूल के लिए खड्ड से होकर ही मुख्य रास्ता

मशोग के थाची और फेगल के बीच से होकर बहने वाली पांगणा खड्ड से होकर ही दोनों स्थानों पर आने-जाने के लिए मुख्य मार्ग है. फेगल से कुछ मीटर पीछे छंडियारा स्कूल पड़ता है. जहां थाची और इसके आसपास के इलाकों के बच्चे खड्ड को पार कर स्कूल के लिए जाते हैं.

रोजाना कई मीटर चौड़ी खड्ड पार करके जाने के अलावा छोटे-छोटे बच्चों के पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है. खासकर बरसात के दिनों में सारे काम-काज छोड़कर अविभावकों को खुद बच्चों को कंधे पर उठाकर खड्ड पार करवानी पड़ती है. कई बार तो खड्ड में अधिक पानी होने के कारण बच्चों की स्कूल से छुट्टी करनी पड़ती है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले भी खड्ड पार करते हुए एक युवक की पानी के तेज बहाव में बहने से मौत हो चुकी है. इस जख्म को परिवार आज तक नहीं भुला पाया है, इस हादसे के बाद भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया.

पढ़ें: दो साल में सीएम व मंत्रियों ने टीए-डीए पर खर्चे करीब 1.20 करोड़, 20.50 लाख के साथ टॉप पर महेंद्र सिंह

दो विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ेगा पुल

खड्ड पर लगाया जाने वाला पुल दो विधानसभा क्षेत्रों को आपस में जोड़ेगा. इसमें करसोग विधानसभा के तहत पड़ने वाली मशोग पंचायत और सुंदरनगर विधानसभा के तहत पड़ने वाली फेगल पंचायत शामिल है.

वर्तमान में इन दोनों ही विधानसभा के साथ लगाते गांव के लोग फेगल से होकर बहने वाली पांगणा खड्ड को जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं, लेकिन फेगल में खड्ड पर पुल बनने से लोगों को हमेशा के लिए बड़ी समस्या से निजात मिल जाएगी.

बीडीओ राजेन्द्र सिंह तेजटा का कहना है कि विकास खण्ड करसोग के तहत पड़ने वाली मशोग पंचायत में फेगल खड्ड में 31 मार्च से पहले मनरेगा के तहत पुल का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए 5.97 लाख का एस्टीमेट तैयार किया गया है. जिसे अनुमोदन के लिए एसडीओ के पास भेज दिया गया है.

पढ़ें: यस बैंक के डिफॉल्टर बीजेपी को करते हैं फंडिंग: आशा कुमारी

करसोग: जिला मंडी की मशोग पंचायत के नौनिहालों को अब जूते हाथ में उठाकर खतरनाक खड्ड पार करके स्कूल नहीं जाना पड़ेगा. यहां के स्थानीय लोगों को अब जल्द ही फेगल में पानी के बहाव से होकर पांगणा खड्ड पार करने की समस्या से निजात मिलने वाली है. जल्द ही इस खड्ड पर पुल बनकर तैयार होगा.

बीडीओ करसोग ने टीम के साथ मौके पर जाकर खुद स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को फेगल गांव के साथ लगती खड्ड पर पुल निर्माण के लिए एस्टीमेट तैयार करने के निर्देश जारी किए थे. पुल निर्माण के लिए 5.97 लाख का एस्टीमेट तैयार किया गया है, जिसे अब अनुमोदन के लिए एसडीओ के पास भेजा गया है. .

यहां से टेक्निकल स्वीकृति प्रदान होते ही 31 मार्च से पहले खड्ड में पुल का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. बीडीओ करसोग खुद इस मामले को देख रहे हैं. बता दें को लोग बीते कई सालों से फेगल से बहने वाली पांगणा खड्ड पर पुल निर्माण की मांग कर रहे थे, लेकिन इस पुकार से नीति नियंताओं की नींद नहीं टूटी. मजबूरन लोग जान जोखिम में डालकर खड्ड से होकर सफर करने को मजबूर हैं.

वीडियो रिपोर्ट

स्कूल के लिए खड्ड से होकर ही मुख्य रास्ता

मशोग के थाची और फेगल के बीच से होकर बहने वाली पांगणा खड्ड से होकर ही दोनों स्थानों पर आने-जाने के लिए मुख्य मार्ग है. फेगल से कुछ मीटर पीछे छंडियारा स्कूल पड़ता है. जहां थाची और इसके आसपास के इलाकों के बच्चे खड्ड को पार कर स्कूल के लिए जाते हैं.

रोजाना कई मीटर चौड़ी खड्ड पार करके जाने के अलावा छोटे-छोटे बच्चों के पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है. खासकर बरसात के दिनों में सारे काम-काज छोड़कर अविभावकों को खुद बच्चों को कंधे पर उठाकर खड्ड पार करवानी पड़ती है. कई बार तो खड्ड में अधिक पानी होने के कारण बच्चों की स्कूल से छुट्टी करनी पड़ती है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले भी खड्ड पार करते हुए एक युवक की पानी के तेज बहाव में बहने से मौत हो चुकी है. इस जख्म को परिवार आज तक नहीं भुला पाया है, इस हादसे के बाद भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया.

पढ़ें: दो साल में सीएम व मंत्रियों ने टीए-डीए पर खर्चे करीब 1.20 करोड़, 20.50 लाख के साथ टॉप पर महेंद्र सिंह

दो विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ेगा पुल

खड्ड पर लगाया जाने वाला पुल दो विधानसभा क्षेत्रों को आपस में जोड़ेगा. इसमें करसोग विधानसभा के तहत पड़ने वाली मशोग पंचायत और सुंदरनगर विधानसभा के तहत पड़ने वाली फेगल पंचायत शामिल है.

वर्तमान में इन दोनों ही विधानसभा के साथ लगाते गांव के लोग फेगल से होकर बहने वाली पांगणा खड्ड को जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं, लेकिन फेगल में खड्ड पर पुल बनने से लोगों को हमेशा के लिए बड़ी समस्या से निजात मिल जाएगी.

बीडीओ राजेन्द्र सिंह तेजटा का कहना है कि विकास खण्ड करसोग के तहत पड़ने वाली मशोग पंचायत में फेगल खड्ड में 31 मार्च से पहले मनरेगा के तहत पुल का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए 5.97 लाख का एस्टीमेट तैयार किया गया है. जिसे अनुमोदन के लिए एसडीओ के पास भेज दिया गया है.

पढ़ें: यस बैंक के डिफॉल्टर बीजेपी को करते हैं फंडिंग: आशा कुमारी

Last Updated : Mar 13, 2020, 3:35 PM IST
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