करसोग/मंडी: कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने को पिछले साल मार्च महीने के आखिर में लगे लॉकडाउन की वजह से कंपनियों में रोजगार में लगे बहुत से युवाओं की नौकरियां चली गई.
इसके अतिरिक्त दूसरे राज्यों में रोजगार में लगे दिहाड़ीदारों को वापस घरों को लौटना पड़ा. इस तरह बड़ी संख्या में लोगों को काम से हाथ धोना पड़ा है. ऐसे में कोरोनाकाल में बेरोजगार हुए लोगों के लिए मनरेगा रोजगार का एक बड़ा सहारा बनी.
इसका खुलासा ग्रामीण विकास विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़ों से हुआ है. इसके तहत करसोग विकासखंड में वित्त वर्ष 2020-21 में सबसे अधिक 14,201 परिवारों ने मनरेगा में काम किया. जिसमें 882 परिवारों ने 100 दिनों का कार्य पूरा किया ये आंकड़ा मनरेगा में काम करने वाले कुल परिवारों का 6.21 फीसदी रहा. जो 100 दिनों का रोजगार प्राप्त करने वाले परिवारों का नया रिकॉर्ड है.
इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 में मनरेगा के तहत कुल 14,089 परिवारों ने काम किया. जिसमें 695 परिवारों ने 100 दिनों का रोजगार प्राप्त किया था. जो कुल परिवारों का 4.93 फीसदी था. ऐसे में कोरोना काल के दौर में मनरेगा के तहत पिछले सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं. चालू वित्त वर्ष में भी अब तक 7,045 परिवार मनरेगा में कार्य कर चुके हैं.
इतने परिवारों ने 100 दिनों का रोजगार प्राप्त किया
पिछले चार सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो वित्त वर्ष 2017-18 में 13,139 परिवारों ने मनरेगा के तहत कार्य किया. जिसमें 187 परिवारों ने ही 100 दिनों का रोजगार प्राप्त किया था.
इसी तरह से वित्त वर्ष 2018-19 में मनरेगा के तहत 13, 730 परिवारों ने काम किया. इसमें 527 परिवारों ने 100 दिनों का रोजगार लिया. वित्त वर्ष 2019-20 में मनरेगा में कार्य करने वाले परिवारों का आंकड़ा बढ़कर 14,089 तक पहुंच गया. इसमें 695 परिवारों ने 100 दिनों का कार्य पूरा किया.
882 परिवारों ने 100 दिनों का रोजगार प्राप्त किया
वित्त वर्ष 2020-21 में रिकॉर्ड 14,201 परिवारों ने मनरेगा में कार्य किया. जिसमें 882 परिवारों ने 100 दिनों का रोजगार प्राप्त किया. जो अब तक का उच्चतम है. चालू वित्त वर्ष में भी अब तक मनरेगा में 7,045 परिवार कार्य कर चुके हैं.
बीडीओ भवनेश चड्डा का कहना है कि बीते वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत सबसे अधिक परिवारों ने कार्य किया. जिसमें 882 परिवारों ने 100 दिनों का कार्य किया. जो अब तक का हाईएस्ट है. उन्होंने कहा कि चालू वित्तवर्ष में भी 7,045 परिवारों को रोजगार दिया जा चुका है.
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