मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बेरोजगारी भत्ता ले रहे 350 अपात्र लाभार्थियों के बेरोजगारी भत्ते पर रोक लगा दी गई है. दरअसल, हिमाचल में 20 से 35 आयु वर्ग के युवाओं को सरकार द्वारा बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा, लेकिन प्रदेश में ऐसे युवा भी हैं जो अपात्र होने के बावजूद भी इस योजना का लाभ ले रहे हैं. मंडी जिला की बात करें तो रोजगार कार्यालय ने 350 ऐसे अपात्र लोगों को सूची से बाहर किया है, जो अपात्र होने के बावजूद हर माह 1 हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता ले रहे थे. जिससे अब सरकार व विभाग की हर माह 3 लाख 50 की बचत हो रही है.
'350 से अधिक आवेदक पाए गए फर्जी': जिला रोजगार अधिकारी अक्षय कुमार ने बेरोजगारी भत्ता ले रहे अपात्र लाभार्थियों से तुरन्त छोड़ने और अपने नजदीकी रोजगार कार्यालय में जाकर बेरोजगारी भत्ता बंद करवाने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि कुछ अपात्र लाभार्थी बरोजगारी भत्ता योजना के नियमों की अवहेलना करके बेरोजगारी भत्ता ले रहे है. जिले में इस समय लगभग 350 से अधिक आवेदक ऐसे पाये गये है जो कि विभिन्न महाविद्यालयों व संस्थानों से प्रशिक्षण ग्रहण कर रहे हैं और साथ में बेरोजगारी भत्ता योजना का भी लाभ ले रहे है, जबकि इस योजना का लाभ केवल बेरोजगार वर्ग ही उठा सकता है.
'भविष्य में नहीं करना पडे़गा कानूनी कार्रवाई का सामना': जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि जिला मंडी के विभिन्न महाविद्यालयों व प्रशिक्षण संस्थानों से सम्पर्क करके आंकड़े एकत्रित किये गये हैं और आंकड़ों का मिलान इस योजना के तहत पंजीकृत आवेदकों से किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बेरोजगारी भत्ता योजना के अंतर्गत विद्यार्थी, निजी संस्थाओं में कार्य कर रहे अपात्र भी इसका लाभ ले रहे है जो कि इस योजना के दिशा निर्देशों व नियमानुसार सही नहीं है. उन्होंने कहा कि स्वयं घोषणा प्रमाण पत्र कानून के दायरे में आईपीसी की धारा 199 व 200 के अन्तर्गत आता है. अगर कोई झूठा प्रमाण पत्र देकर बेरोजगारी भत्ता ले रहे हैं तो वे इसे तुरन्त छोड़ दें. जिससे उनका भविष्य भी सुरक्षित हो सके और साथ ही भविष्य में उन्हें किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई का सामना नहीं करना पडे़गा.
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