लाहौल स्पीतिः चंद्रा भागा नदी पर प्रस्तावित 104 मेगावाट जल विद्युत परियोजना, सतलुज जल विद्युत निगम की प्रस्तावित परियोजना के विरुद्ध ग्रामीणों ने रोष प्रकट किया है. लाहौल तांदी संगम पर पहुंचे हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव अनिल खाची को गौशाल और तांदी पंचायत के 12 गांवों के बाशिंदों ने ज्ञापन सौंपा.
तांदी संगम स्थल सदियों से आस्था का केंद्र
तांदी प्रोजेक्ट संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुरेश कुमार के अगुवाई में लोगों ने मुख्य सचिव अनिल खाची को ज्ञापन सौंपा और कहा कि इस परियोजना के बनने पर 3 गांव गौशाल, तांदी और थोलोंग के अस्तित्व को खतरा पहुंचेगा. लोगों ने मुख्य सचिव को बताया कि संगम स्थल उन की सदियों पुरानी आस्था का केंद्र है, जहां लोगों की अस्थियों को प्रवाहित करते है. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट से यह संगम जलमग्न हो जाएगा.
गांवों के अस्तित्व को पहुंचेगा खतरा
इस प्रोजेक्ट के इर्द गिर्द दर्जनों ग्लेशियर है जो इन गांव को पीने का पानी और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाते हैं. इन परियोजनाओं के बनने से प्रभावित होंगे. तांदी प्रोजेक्ट संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुरेश कुमार का कहना है कि विद्युत परियोजना यहां बनती है तो इन प्राचीन गांवों के अस्तित्व को भी खतरा होगा और साथ ही इस क्षेत्र में ग्लेशियर भी बहुत अधिक है और अगर ग्लेशियर आते हैं तो उत्तराखंड की तरह यहां भी भयंकर त्रासदी हो सकती है.
गौर रहे कि प्रदेश सरकार को लाहौल में प्रोजेक्ट लगाने की मंजूरी भी मिल गई है, जिसके बाद से लगातार ही यहां पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है.
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