लाहौल स्पीति: हिमाचल प्रदेश के सभी 68 विधानसभा सीटों के लिए मतदान जारी है. वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी. मतदान को लेकर प्रदेश के सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. वहीं, लाहौल स्पीति में इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है. यहां भी मतदान जारी है और इसी बीच कैबिनेट मंत्री डॉक्टर रामलाल मारकंडा ने लाहौल के उदयपुर में मतदान कर दिया है. यहां 7 बजे तक 67.50 प्रतिशत मतदान हुआ. वहीं, कैबिनेट मंत्री और भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर रामलाल मारकंडा ने लाहौल के उदयपुर में शनिवार को मतदान किया. इसके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी रवि ठाकुर और AAP प्रत्याशी सुदर्शन जसपा ने भी दोपहर तक वोट डाला.
बता दें कि यहां मुकाबला त्रिकोणीय है. भाजपा ने जहां डॉ. रामलाल मारकंडा (Dr Ramlal Markanda) को मैदान में उतारा है. तो वहीं, कांग्रेस रवि ठाकुर (Congress candidate Ravi Thakur) पर भरोसा जताया है. इसके अलावा आजाद प्रत्याशी के तौर पर श्याम आजाद ने भी चुनावी ताल ठोकी है. वहीं, आम आदमी पार्टी की तरफ से सुदर्शन जसपा (AAP candidate Sudarshan Jaspa) चुनावी मैदान में उतर गए हैं.
कांग्रेस और बीजेपी में टक्कर: हालांकि, टक्कर कांग्रेस और भाजपा के बीच ही मानी जा रही है लेकिन पंजाब में चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी की मिली जीत के बाद यहां पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. जिला लाहौल स्पीति के राजनीतिक परिदृश्य की बात करें तो यहां साल 1998 के बाद कोई भी विधायक रिपीट नहीं हो पाया है. ऐसे में डॉ. रामलाल मारकंडा को फिर से चुनावी मैदान में कड़ी मशक्कत करनी होगी. ताकि 1998 के बाद के इस रिवाज को भी तोड़ सकें.
लाहौल स्पीति में मतदाता: जिला लाहौल स्पीति में अब की बार 24,744 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इसमें 12,293 पुरुष, 12,451 महिलाएं और 695 सर्विस वोटर है. वहीं, 15256 फीट की ऊंचाई पर टशीगंग सबसे ऊंचा मतदान केंद्र है. इस मतदान केंद्र में 30 पुरुष और 22 महिलाएं अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. लाहौल स्पीति में 92 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं. घाटी में 720 पहली बार अपने मतदान का प्रयोग करेंगे. स्पीति घाटी के काजा पोलिंग बूथ पर सबसे अधिक 806 मतदाता हैं और सबसे कम लिंगर में 38 मतदाता है.
कब, कौन बना विधायक: लाहौल स्पीति जिला में विधानसभा परिदृश्य की बात करें तो साल 1998 में रामलाल मार्कण्डेय विधानसभा पहुंचे थे. उसके बाद साल 2003 में कांग्रेस की ओर से रघुवीर सिंह ठाकुर, साल 2007 में रामलाल मारकंडा और साल 2012 में कांग्रेस के रवि ठाकुर यहां से विधायक निर्वाचित हुए थे. साल 2017 में भाजपा के रामलाल मारकंडा ने फिर से जीत हासिल की थी. इससे पहले साल 1990 और 1992 में कांग्रेस के फुंचोक राय ने इस सीट पर जीत हासिल की थी.
वहीं साल 1977 से 1985 तक देवी सिंह ठाकुर लगातार इस सीट पर विधायक बने थे, जबकि साल 1970 में यहां से कांग्रेस की लता ठाकुर को जीत हासिल हुई थी. साल 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रत्याशी रामलाल मारकंडा को 7756 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के रवि ठाकुर को 6278 वोट हासिल हुए थे. इसके अलावा आजाद उम्मीदवार के तौर पर खड़े राजेंद्र कारपा को 2240 और सुदर्शन जसपा को 655 वोट हासिल हुए थे, जबकि 70 लोगों ने नोटा का प्रयोग किया था.
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