ETV Bharat / state

लाहौल-स्पीति में बर्फबारी ने तोड़ा 26 साल का रिकॉर्ड, 3 महीने से गांव में कैद हैं घाटी के लोग - लाहौल स्पीति

जिला मुख्यालय केलांग में ही चार फुट तक बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है. बर्फबारी के कारण लाहौल के अधिकतर गांव के लोग गत 3 माह से गांव से बाहर नहीं निकल पाए हैं. लाहौल में इससे पहले इतनी बर्फबारी साल 1993 में दर्ज की गई थी.

लाहौल-स्पीति में बर्फबारी ने तोड़ा 26 साल का रिकॉर्ड
author img

By

Published : Mar 13, 2019, 2:02 PM IST

कुल्लू: लाहौल-स्पीति में इस बार मार्च महीने में हुई बर्फबारी ने 26 साल का रिकॉर्ड तोड़ डाला है. घाटी के गांव में जहां दो मंजिलों के मकान भी बर्फ में दबे हुए है, वहीं, जिला मुख्यालय केलांग में ही चार फुट तक बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है. ऐसे में लाहौल-स्पीति में इस बार बर्फबारी ने लोगों के लिए कई नई मुश्किलें पैदा कर दी है.

लाहौल-स्पीति में बर्फबारी ने तोड़ा 26 साल का रिकॉर्ड

घाटी की सड़कों पर जहां बर्फ जमने से वाहनों की रफ्तार थम सी गई है. यही नहीं, बर्फबारी के कारण लाहौल के अधिकतर गांव के लोग गत 3 माह से गांव से बाहर नहीं निकल पाए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि लाहौल-स्पीति में लंबे समय बाद इतनी ज्यादा बर्फ गिरी है कि लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है.

heavy snowfall in lahoul spiti
लाहौल-स्पीति में बर्फबारी ने तोड़ा 26 साल का रिकॉर्ड

स्थानीय निवासी एवं एचआरटीसी के केलांग डिपो के आरएम मंगलचंद मनेपा का कहना है कि लाहौल में इससे पहले इतनी बर्फबारी साल 1993 में दर्ज की गई थी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में घाटी के अधिकतर गांव बर्फ में पूरी तरह दबे हुए हैं. अधिक बर्फबारी के कारण इस बार सड़कों की बहाली का कार्य भी देरी से शुरू हो पाया है.
उल्लेखनीय है कि शेष विश्व से कटे लाहौल-स्पीति में पहुंचने के लिए जहां हेलिकॉप्टर ही एक मात्र साधन है, वहीं, यहां के लोग रोहतांग टनल की बहाली का इंतजार भी बेसब्री से कर रहे हैं.

केलांग पंचायत के उपप्रधान दोरजे उपासक का कहना है कि घाटी में बर्फबारी अधिक होने से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सोमवार को लाहौल में हुई बर्फबारी से तापमान में भारी गिरावट हुई है.

आपको बता दें कि रोहतांग दर्रे की सड़क बहाली के लिए बीआरओ ने कार्य शुरू कर दिया है. रविवार को मशीनरी की पूजा के बाद बीआरओ की टीम बहाली कार्य में जुट गई है. बर्फ से ढकी सड़क को बहाल करने में जिला प्रशासन भी बीआरओ का साथ दे रहा है.

डीसी लाहौल-स्पीति अश्वनी कुमार चौधरी का कहना है कि लाहौल-स्पीति में इस बार भारी हिमपात हुआ है. उन्होंने बताया कि घाटी में बर्फबारी अधिक होने से लोगों की दिक्कतें तो बढ़ी हैं, लेकिन प्रशासन पूरा प्रयास कर रहा है कि इन्नर घाटी की सड़कों को जल्द से जल्द बहाल किया जाए, ताकि जिला मुख्यालय केलांग से गांवों का संपर्क बना रहें. इसके लिए आपदा प्रबंधन की टीम इन इलाकों पर नजर बनाए हुए हैं.

कुल्लू: लाहौल-स्पीति में इस बार मार्च महीने में हुई बर्फबारी ने 26 साल का रिकॉर्ड तोड़ डाला है. घाटी के गांव में जहां दो मंजिलों के मकान भी बर्फ में दबे हुए है, वहीं, जिला मुख्यालय केलांग में ही चार फुट तक बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है. ऐसे में लाहौल-स्पीति में इस बार बर्फबारी ने लोगों के लिए कई नई मुश्किलें पैदा कर दी है.

लाहौल-स्पीति में बर्फबारी ने तोड़ा 26 साल का रिकॉर्ड

घाटी की सड़कों पर जहां बर्फ जमने से वाहनों की रफ्तार थम सी गई है. यही नहीं, बर्फबारी के कारण लाहौल के अधिकतर गांव के लोग गत 3 माह से गांव से बाहर नहीं निकल पाए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि लाहौल-स्पीति में लंबे समय बाद इतनी ज्यादा बर्फ गिरी है कि लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है.

heavy snowfall in lahoul spiti
लाहौल-स्पीति में बर्फबारी ने तोड़ा 26 साल का रिकॉर्ड

स्थानीय निवासी एवं एचआरटीसी के केलांग डिपो के आरएम मंगलचंद मनेपा का कहना है कि लाहौल में इससे पहले इतनी बर्फबारी साल 1993 में दर्ज की गई थी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में घाटी के अधिकतर गांव बर्फ में पूरी तरह दबे हुए हैं. अधिक बर्फबारी के कारण इस बार सड़कों की बहाली का कार्य भी देरी से शुरू हो पाया है.
उल्लेखनीय है कि शेष विश्व से कटे लाहौल-स्पीति में पहुंचने के लिए जहां हेलिकॉप्टर ही एक मात्र साधन है, वहीं, यहां के लोग रोहतांग टनल की बहाली का इंतजार भी बेसब्री से कर रहे हैं.

केलांग पंचायत के उपप्रधान दोरजे उपासक का कहना है कि घाटी में बर्फबारी अधिक होने से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सोमवार को लाहौल में हुई बर्फबारी से तापमान में भारी गिरावट हुई है.

आपको बता दें कि रोहतांग दर्रे की सड़क बहाली के लिए बीआरओ ने कार्य शुरू कर दिया है. रविवार को मशीनरी की पूजा के बाद बीआरओ की टीम बहाली कार्य में जुट गई है. बर्फ से ढकी सड़क को बहाल करने में जिला प्रशासन भी बीआरओ का साथ दे रहा है.

डीसी लाहौल-स्पीति अश्वनी कुमार चौधरी का कहना है कि लाहौल-स्पीति में इस बार भारी हिमपात हुआ है. उन्होंने बताया कि घाटी में बर्फबारी अधिक होने से लोगों की दिक्कतें तो बढ़ी हैं, लेकिन प्रशासन पूरा प्रयास कर रहा है कि इन्नर घाटी की सड़कों को जल्द से जल्द बहाल किया जाए, ताकि जिला मुख्यालय केलांग से गांवों का संपर्क बना रहें. इसके लिए आपदा प्रबंधन की टीम इन इलाकों पर नजर बनाए हुए हैं.

लाहुल स्पीति में बर्फ ने बढ़ाई लोगो की दिक्कतें
अभी भी कई जगहो पर खड़ी है 8 फुट बर्फ की दीवार 
कुल्लू
लाहुल-स्पीति में इस बार मार्च माह में हुई बर्फबारी ने 26 साल का रिकार्ड तोड़ डाला है। घाटी के गांवों में जहां दो मंजिलों के मकान भी बर्फ में दबे हुए है, वहीं जिला मुख्यालय केलांग में ही चार फुट तक बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है। ऐसे में लाहुल-स्पीति में इस बार बर्फबारी ने लोगों के लिए कई नई चुनौतियां पैदा कर दी हैं। घाटी की सड़कों पर जहां बर्फ जमने से वाहनों की रफ्तार थमी हुई है, वहीं घाटी के लोग एक स्थल से दूसरे स्थल तक पहुंचने में भी असमर्थ हैं।  यही नहीं, लाहुल के अधिकतर गांवों के लोग गत तीन माह से गांव से बाहर नहीं निकल पाए हैं। कारण हैं यहां पर अधिकतर बर्फबारी होना।  स्थानीय लोगों का कहना है कि लाहुल-स्पीति में लंबे समय बाद इतनी ज्यादा बर्फ गिरी है कि लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। स्थानीय निवासी एवं एचआरटीसी के केलांग डिपो के आरएम मंगलचंद मनेपा का कहना है कि लाहुल में इससे पहले इतनी बर्फबारी वर्ष 1993 में दर्ज की गई थी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में घाटी के अधिकतर गांव बर्फ में पूरी तरह दबे हुए हैं और लोगों ने किसी तरह घरों तक आने-जाने के लिए रास्ते बनाए हैं। उन्होंने बताया कि लाहुल में अधिक बर्फबारी के कारण इस बार सड़कों की बहाली का कार्य भी देरी से शुरू हो पाया है। यही नहीं, मार्च माह में भी लाहुल-स्पीति में बर्फबारी हो रही है, जो लोगों की दिक्कतें बढ़ा रही है।  उल्लेखनीय है कि शेष विश्व से कटे लाहुल-स्पीति में पहुंचने के लिए जहां हेलिकाप्टर ही एक मात्र साधन है, वहीं यहां के लोग रोहतांग टनल के रास्ते की बहाली का इंतजार भी बेसब्री से कर रहे हैं। केलांग पंचायत के उपप्रधान दोरजे उपासक का कहना है कि घाटी में बर्फबारी अधिक होने से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उन्होंने बताया कि  सोमवार को भी लाहुल में भारी हिमपात हुआ है, जिस कारण यहां के तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन जहां बीआरओ के साथ मिली सड़क बहाली के कार्य को अंजाम दे रहा है, वहीं लोग भी बीआरओ की मदद को आगे आए हैं। लाहुल-सपीति में जहां मार्च माह में अधिकतर क्षेत्रों की सड़कों से बर्फ हटा दी जाती थी, वहीं इस बार मार्च माह में भी यहां भारी हिमपात का दौर जारी है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि लाहुल-स्पीति में इन दिनों हालात कैसे होंगे। उधर, उपायुक्त लाहुल-स्पीति अश्वनी कुमार चौधरी का कहना है कि लाहुल-स्पीति में इस बार भारी हिमपात हुआ है। उन्होंने बताया कि घाटी में बर्फबारी अधिक होने से लोगों की दिक्कतें तो बढ़ी है, लेकिन प्रशासन पूरा प्रयास कर रहा है कि इन्नर घाटी की सड़कों को जल्द से जल्द बहाल किया जाए, ताकि जिला मुख्यालय केलांग से गांवों का संपर्क बना रहे। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन टीम के सदस्य जहां क्षेत्र पर नजर बनाए हुए हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.