लाहौल स्पीतिः खंगसर गांव में होने वाले 'स्नो फेस्टिवल' में मुख्य सचिव अनिल खाची ने मुख्यातिथि के रूप में भी शिरकत की. घाटी कई तरह के सांस्कृतिक एवं पारंपरिक आयोजनों का सिलसिला चल रहा है, जिसमें हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव अनिल खाची भी अपने 2 दिवसीय दौरे के दौरान लाहौल पहुंचे.
पारम्परिक तरीके से मुख्य सचिव का किया स्वागत
मुख्य सचिव ने खंगसर में 17वीं शताब्दी में बने राजमहल में बुद्धिस्ट परंपरा अनुसार पूजा-पाठ किया. यहां पर उन्हें पारम्परिक परिधान छुब्बे पहनाया गया और पारम्परिक तरीके से सम्मानित भी किया गया. उनके सम्मान में लोसर के उपलक्ष्य पर आयोजित होने वाले पारम्परिक नृत्य-गान का मंचन पारम्परिक लोकवाद्यों की धुन पर किया गया. तत्पश्चात मुख्य सचिव ने स्नो क्राफ़्ट की कलाकृतियों का अवलोकन करते हुए, पुरातन कलाकृतियों और धरोहर की वस्तुओं के स्टालों का अवलोकन किया. उन्होंने महिला मंडलों की ओर से लगाए गए पारम्परिक व्यंजनों के स्टॉलों को भी देखा. इसके बाद मुख्य सचिव अनिल खाची ने मंच पर दीप प्रज्ज्वलन कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
लाहौल-स्पीति विंटर टूरिज्म का बनेगा हब
हिमाचल के मुख्य सचिव अनिल खाची ने अपने संबोधन में कहा कि लाहौल-स्पीति विंटर टूरिज्म का हब बनेगा. लाहौल में विंटर स्पोर्ट्स के लिए बहुत सम्भावनाएं हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शीतकालीन खेलें आयोजित करने के लिए अटल बिहारी पर्वतारोहण संस्थान को एक मास्टर प्लान तैयार करने को कहा गया है ताकि आने वाली सर्दी में विंटर गेम्ज का आयोजन हो सके. लाहौल-स्पीति की संस्कृति और परंपरा अनूठी और समृद्ध है. अटल टनल खुलने के बाद घाटी में जिस तरह बाहरी संस्कृति का प्रवेश होगा उससे जनजातीय संस्कृति को बचाना एक चुनौती होगा. इसके लिए लाहौल के लोगों को सतत पर्यटन को लेकर एक मॉडल विकसित करना होगा.
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