लाहौल-स्पीति: शीत मरुस्थल स्पीति घाटी के खुरिक गांव की महिलाओं ने अनोखी मिसाल पेश की है. महिला मंडल ने एक प्रस्ताव पारित कर गांव में देशी शराब बनाने, खरीदने और बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. अगर कोई ग्रामीण इस प्रस्ताव का उल्लंघन करता है तो उसे 1000 रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
पंचायत में नशाबंदी के बोर्ड लगाए
यही नहीं, 48 परिवारों की आबादी वाले इस गांव में अंग्रेजी शराब की कोई दुकान भी न खुलने देने का फैसला लिया गया है. पंचायत में नशाबंदी के बोर्ड भी लगा दिए हैं. इसके अलावा जिन परिवारों में दो से तीन बच्चे हैं, उनमें एक बच्चे को गांव के सरकारी स्कूल में दाखिल करवाना भी अनिवार्य कर दिया है, ताकि सरकारी स्कूल बंद न हों. गांव के लोग इस फैसले की सराहना कर रहे हैं. इलाके में युवा वर्ग के शराब के सेवन की गिरफ्त में आने के बाद महिला मंडल ने यह कदम उठाया है.
शराब बेचने और खरीदने पर रोक
महिला मंडल की ओर से लोकल शराब बेचने और खरीदने की रोक का पंचायत ने भी साथ दिया और इस फैसले को सराहा है. पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि महिलाएं अक्सर रोजगार के साधन न होने के कारण देशी शराब बेचकर कुछ पैसे कमाती थीं. अब ऐसी महिलाओं को पंचायत मनरेगा में ज्यादा से ज्यादा रोजगार देकर उनकी मदद करेगी. पंचायत के पूर्व उपप्रधान कलजग ने बताया कि गांव के महिला मंडल की ओर से लोकल शराब खरीदने व बेचने पर प्रतिबंध के बाद अब पंचायत महिलाओं को मनरेगा में प्राथमिकता देगी.
शराब ठेका भी नहीं खुलने दिया जाएगा
महिला मंडल प्रधान दोरजे डोलमा, उपप्रधान लुसंग डोलकर, सदस्य छेरिंग लामो ने बताया कि पूर्व में उनके गांव में लोकल शराब के प्रचलन ने युवाओं को नशे की ओर धकेल दिया था. गांव के 70 फीसदी से अधिक युवा नशे की चपेट में आ गए थे. गांव में अब शराब ठेका भी नहीं खुलने दिया जाएगा.
उधर, एसडीएम काजा जीवन नेगी ने कहा कि महिलाओं की यह पहल सराहनीय है. नशा मुक्ति अभियान के लिए उठाए कदम के जल्द बेहतर परिणाम आएंगे.