कुल्लू: जिला कुल्लू की भावी युवा पीढ़ी एक बार नशे का सेवन करके उसका मजा चखने के चक्कर में नशे के गर्त में डूबती जा रही है. युवा पीढ़ी का नशे में डूबना चिंता का विषय है. युवा वर्ग केमिकल नशे के साथ-साथ दूसरे सभी तरह के नशे कर अपनी और अपने परिवार की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं.
नशा जिला के युवा-युवतियों व महिलाओं और उनके परिवारों की खुशियों को निगल रहा है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में पिछले दो सालों में कई तरह का नशा करने वाले 1,403 युवा-युवतियां व महिलाएं नशे की लत से छुटकारा पाने के लिए पहुंचे हैं और उनका उपचार भी हुआ.
चौंकाने वाली बात यह है कि 2018 के मुकाबले 2019 में नशे करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. पहले जहां 18 महिलाएं व युवतियों का उपचार हुआ वहीं, 2019 में यह संख्या 30 पहुंच गई है. उपचार के दौरान यह बात भी सामने आई कि नशे का सेवन युवा वर्ग किसी पारिवारिक परिस्थिति, कुंठा, हीनभावना या तनाव से मुक्ति के लिए नहीं करते, बल्कि नशे में किस तरह का मजा है जिसे पीकर इंसान झूमता है और सब कुछ भूल जाता है. इसलिए एक बार इस नशे को चखने के चक्कर में युवा नशा कर रहा है और उसके धीरे-धीरे नशे के मकड़जाल में फंस रहे हैं.
![youth trapped in drug addiction in kullu](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hp-kul-01-drug-case-pkg-7204051_19022020094325_1902f_1582085605_507.png)
2019 के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 78 फीसद लोग नशा करने की भूल करते हैं, लेकिन उस भूल को सुधारने की कोशिश कम ही करते हैं. दो सालों में 1,403 मरीज नशा छुड़ाने के लिए कुल्लू अस्पताल आए हैं और इनमें अधिकतर युवा वर्ग है. इन सभी मरीजों में सबसे ज्यादा चिट्टा का नशा करने वाले थे. युवा सिर्फ मजे के लिए नशा कर रहे हैं. विभाग की ओर से समय समय पर जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं.
ये भी पढ़ें: पार्वती परियोजना के ग्रामीणों ने विधायक पर लगाया अनदेखी का आरोप, समर्थन में उतरी कांग्रेस