कुल्लू: देशभर में जाति आरक्षण को दिए जा रहे बढ़ावे और सवर्ण समाज के मौलिक अधिकारों के हनन को लेकर जिला कुल्लू में एक युवक ने राष्ट्रपति से मृत्यु दान की मांग की है. वहीं, युवक ने डीसी कुल्लू के माध्यम से एक ज्ञापन भी राष्ट्रपति को भेजा है. जिसमें उसने एट्रोसिटी एक्ट और जातिगत आरक्षण से दुखी होकर अपने और अपने परिवार के लिए मृत्यु दान की मांग रखी है.
डीसी कार्यालय पहुंचे हिमाचल प्रदेश क्षत्रिय महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जितेंद्र राजपूत ने कहा कि स्वर्ण समाजों के मौलिक अधिकारों के हनन को लेकर वह आज काफी चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि आज हर जगह जातिगत आरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे उनका मन दुखी है. ऐसे में सवर्ण समाज के युवाओं को ना तो आर्थिक तौर पर कोई फायदा मिल रहा है और ना ही कानून व्यवस्था के तहत उन्हें न्याय मिल पा रहा है.
जितेंद्र राजपूत ने कहा कि आज कुछ लोग एट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग कर सवर्ण समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं. कुछ लोग इस कानून का गलत फायदा भी उठा रहे हैं, जिससे स्वर्ण समाज काफी आहत है. उन्होंने कहा कि जातिगत आरक्षण के आधार पर भी कुछ चुनी हुई जातियों को ही इसका फायदा दिया जा रहा है, जबकि स्वर्ण समाज सरकारी योजनाओं में फायदे लेने के लिए सक्षम नहीं है.
जितेंद्र राजपूत ने बताया कि उन्होंने अब देश के राष्ट्रपति से मांग रखी है कि उन्हें मृत्यु दान दिया जाए और उनकी मांगों पर भी गौर किया जाए, ताकि देश से जातिगत आरक्षण और सवर्ण समाज के मौलिक अधिकारों की रक्षा हो सके.
गौर है कि एट्रोसिटी एक्ट के दुरुपयोग को लेकर क्षत्रिय महासभा के द्वारा कुल्लू में धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया था और देश के राष्ट्रपति से मांग रखी गई थी कि एट्रोसिटी एक्ट के कुछ नियमों में बदलाव भी किया जाना चाहिए.
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