लाहौल स्पीति/मनाली: जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ की ओर से लाहौल घाटी के उदयपुर उपमंडल में जनजातीय शिल्पकार पंजीकरण अभियान की विधिवत शुरुआत की गई. इस कार्यशाला में लगभग 40 कारीगरों, शिल्पकारों और उनके उत्पादों का पंजीकरण किया गया.
अभियान का विधिवत शुभारंभ वन धन योजना के नोडल अधिकारी एवं एसडीएम उदयपुर कृष्ण चंद की अध्यक्षता में किया गया. इस मौके पर ट्राइफेड के निदेशक सुदर्शन जस्पा भी विशेष रूप से उपस्थिति थे. कार्यशाला में लगभग 100 महिलाओं एवं स्वयं सहायता समूह के पदाधिकारियों ने भाग लिया.
वनधन योजना के नोडल अधिकारी एसडीएम कृष्ण चंद ने बताया की प्रधानमंत्री वनधन योजना के तहत लघु वन उत्पादों जैसे औषधीय पौधों, जड़ी बूटियों और अन्य उत्पादों की पैकेजिंग, ब्रांडिंग मार्केटिंग और प्रोसेसिंग का काम किया जाएगा,जिससे जनजातीय समुदाय के लोगों की आमदनी में खास वृद्धि होगी.
कृष्ण चंद ने बताया कि ट्राइफेड का उद्देश्य जनजातीय लोगों को जानकारी, उपकरण और सूचनाओं से सशक्त करना है, जिससे वे अपने कामों को अधिक क्रमबद्ध और वैज्ञानिक तरीके से कर सकें.
ट्राइफेड के निदेशक सुदर्शन जस्पा ने बताया कि ट्राइफेड जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के प्रशासकीय नियंत्रण में राष्ट्रीय स्तर का एक शीर्ष संगठन है, जिसका प्रमुख उद्देश्य जनजातीय समृद्ध संस्कृति और उनके रहन-सहन, कला उत्पादों, टेक्सटाइल, पेंटिंग, वेशभूषा से संबंधित उत्पादों को व्यापक स्तर पर बाजार उपलब्ध करवाना है.
इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी बल्कि समृद्ध जनजाति संस्कृति का संवर्धन भी किया जा सके. कार्यशाला में एलपीएस के डायरेक्टर प्रेम सिंह प्रधान जालमा सुरेंद्र, मनी देवी और अधिवक्ता वीरेंद्र ठाकुर विशेष रुप से मौजूद रहे.