कुल्लू: पैराग्लाइडिंग की जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता जिलाधीश डॉ. ऋचा वर्मा ने की. बैठक में समिति के सरकारी और गैर सरकारी सदस्यों ने भाग लिया. डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि कुल्लू जिला की सातों पैराग्लाइडिंग साइटों पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे और व्यावसायिक पायलटों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करके उन्हें सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे. अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं संबंधित खेल संस्थान मनाली के माध्यम से प्रशिक्षण एवं प्रमाण-पत्र पाने वाले पायलटों को ही पैराग्लाइडिंग की अनुमति दी जाएगी.
डॉ. ऋचा वर्मा ने बताया कि इस समय जिला में पैराग्लाइडिंग की कुल 24 कंपनियां पंजीकृत हैं, जिनके माध्यम से 300 से अधिक पायलट फ्लाइंग करवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस साहसिक खेल से बड़ी संख्या में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल रहा है, लेकिन पैराग्लाइडिंग करने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सभी मानकों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है. पैराग्लाइडिंग के समय थोड़ी सी असावधानी किसी की अनमोल जिंदगी ले सकती है और इससे स्थानीय पर्यटन व्यवसाय भी प्रभावित हो सकता है.
जिलाधीश ने पर्यटन विभाग और पर्वतारोहण संस्थान के अधिकारियों को स्थानीय पैराग्लाइडरों के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि स्थानीय पैराग्लाइडरों को पर्वतारोहण संस्थान के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें बाकायदा एक सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा. प्रशिक्षण कार्यक्रम में सुरक्षा के सभी मानकों और अन्य पहलुओं का समावेश किया जाएगा.
डॉ. ऋचा ने कहा कि सोलंगनाला में पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन एक व्यवस्थित ढंग से गतिविधियां आयोजित कर रही है. इसी तर्ज पर अन्य पैराग्लाइडिंग साइटों पर भी एसोसिएशन के सहयोग से साहसिक खेल गतिविधियों को व्यवस्थित किया जाएगा और नेशनल हाईवे के किनारे अवैध काउंटरों को हटाकर स्थानीय पैराग्लाइडिंग एसोसिएशनों के माध्यम से बुकिंग केंद्र स्थापित किए जाएंगे. जिलाधीश ने पैराग्लाइडिंग तकनीकी समिति के सदस्यों को सभी साइटों का निरीक्षण करने और वहां आवश्यक सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने के निर्देश भी दिए.
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