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चेतावनी की अनदेखी कर ब्यास नदी में उतर रहे पर्यटक, हादसे को दे रहे न्योता

गर्मी से राहत पाने के लिए देश-विदेश से हजारों पर्यटक कुल्लू-मनाली की हसीन वादियों का रुख कर रहे हैं. ब्यास के किनारे कुछ जगह चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं. कई पर्यटक चेतावनी बोर्ड की अनदेखी कर ब्यास की लहरों में उतर रहे हैं. कुल्लू, मनाली और मणिकर्ण घाटी में नदी किनारे सेल्फी लेने के दौरान हुए हादसों में कई पर्यटकों की मौत हो चुकी है लेकिन लोग नदी में उतरना नहीं छोड़ रहे हैं.

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Published : Jul 2, 2021, 2:46 PM IST

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फोटो.

कुल्लू: अनलॉकिंग के बाद से कुल्लू में पर्यटकों की आमद में बढ़ोतरी हुई है. पर्यटक खूब मौज मस्ती भी कर रहे हैं. हालांकि पर्यटकों की यह मौज मस्ती उनकी जान पर कभी भी भारी पड़ सकती है. सरकार और प्रशासन की मनाही के बावजूद कुल्लू जिले में कई पर्यटक ब्यास नदी में मौज मस्ती कर रहे हैं. कई पर्यटक ब्यास नदी में उतरकर जान जोखिम में डाल रहे हैं. लगातार हादसों के बाद भी पर्यटक मनमानी कर रहे हैं. इससे कभी भी हादसा हो सकता है.

ब्यास नदी में मस्ती करते दिखे पर्यटक

कुल्लू के साथ लगती ब्यास नदी में इन दिनों पर्यटकों को मौज मस्ती करते हुए देखा जा सकता है. इन दिनों गर्मी लगातार बढ़ रही है. इस कारण पहाड़ों पर जमा बर्फ तेजी से पिघलने से ब्यास का जलस्तर बढ़ रहा है. कुछ दिन पहले बारिश होने पर भी नदी में पानी बढ़ा है. इस कारण ब्यास में उतरना किसी खतरे से खाली नहीं है. ब्यास के तेज बहाव को देखते हुए किसी भी व्यक्ति को नदी किनारे न जाने का आदेश प्रशासन ने दिया है. कुछ लोग इस आदेश को नजरअंदाज कर रहे हैं.

वीडियो.

हादसों में पहले भी लोग गंवा चुके हैं जान

साल 2014 में लारजी डैम से अचानक पानी छोड़ने के कारण ब्यास नदी में फोटोग्राफी करने उतरे इंजीनियरिग कॉलेज हैदराबाद के 24 छात्र-छात्राओं की मौत हो गई थी. 2015 में पनारसा के पास मनाली से लौट रहे दिल्ली के पर्यटक की ब्यास किनारे फोटो खींचते समय पांव फिसल कर नदी में गिरने से मौत हो गई थी. एसडीएम कुल्लू डॉक्टर अमित गुलेरिया ने कहा कि ब्यास नदी में उतरने वाले पर्यटकों के लिए प्रशासन की ओर से दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. कुछ लोग निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं. इसके लिए पर्यटकों को जागरूक किया जाएगा कि वह ब्यास नदी में न जाएं.

ये भी पढ़ें: कोटखाई में 4 साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म, बिहार का रहने वाला है आरोपी

कुल्लू: अनलॉकिंग के बाद से कुल्लू में पर्यटकों की आमद में बढ़ोतरी हुई है. पर्यटक खूब मौज मस्ती भी कर रहे हैं. हालांकि पर्यटकों की यह मौज मस्ती उनकी जान पर कभी भी भारी पड़ सकती है. सरकार और प्रशासन की मनाही के बावजूद कुल्लू जिले में कई पर्यटक ब्यास नदी में मौज मस्ती कर रहे हैं. कई पर्यटक ब्यास नदी में उतरकर जान जोखिम में डाल रहे हैं. लगातार हादसों के बाद भी पर्यटक मनमानी कर रहे हैं. इससे कभी भी हादसा हो सकता है.

ब्यास नदी में मस्ती करते दिखे पर्यटक

कुल्लू के साथ लगती ब्यास नदी में इन दिनों पर्यटकों को मौज मस्ती करते हुए देखा जा सकता है. इन दिनों गर्मी लगातार बढ़ रही है. इस कारण पहाड़ों पर जमा बर्फ तेजी से पिघलने से ब्यास का जलस्तर बढ़ रहा है. कुछ दिन पहले बारिश होने पर भी नदी में पानी बढ़ा है. इस कारण ब्यास में उतरना किसी खतरे से खाली नहीं है. ब्यास के तेज बहाव को देखते हुए किसी भी व्यक्ति को नदी किनारे न जाने का आदेश प्रशासन ने दिया है. कुछ लोग इस आदेश को नजरअंदाज कर रहे हैं.

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हादसों में पहले भी लोग गंवा चुके हैं जान

साल 2014 में लारजी डैम से अचानक पानी छोड़ने के कारण ब्यास नदी में फोटोग्राफी करने उतरे इंजीनियरिग कॉलेज हैदराबाद के 24 छात्र-छात्राओं की मौत हो गई थी. 2015 में पनारसा के पास मनाली से लौट रहे दिल्ली के पर्यटक की ब्यास किनारे फोटो खींचते समय पांव फिसल कर नदी में गिरने से मौत हो गई थी. एसडीएम कुल्लू डॉक्टर अमित गुलेरिया ने कहा कि ब्यास नदी में उतरने वाले पर्यटकों के लिए प्रशासन की ओर से दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. कुछ लोग निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं. इसके लिए पर्यटकों को जागरूक किया जाएगा कि वह ब्यास नदी में न जाएं.

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