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कोरोना के चलते लटका जलोड़ी टनल का सर्वे - जियोलॉजिकल सर्वे

समुद्रतल से 10 हजार 280 फीट ऊंचे जलोड़ी दर्रे को भेदकर बनने वाली टनल की कवायद को कोरोना ने झटका दिया है. बताया जा रहा है कि टनल के हवाई सर्वे की रिपोर्ट आने कर डीपीआर की रिपोर्ट फाइनल नहीं होगी.

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जलोड़ी टनल का सर्वे
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Published : Sep 18, 2020, 1:48 PM IST

कुल्लू: कोरोना के चलते 4.2 किमी लंबी जलोड़ी दर्रा टनल का निर्माण लटक गया है. दिसंबर 2019 में नॉर्वे की कंपनी से करवाया हवाई सर्वे फेल हो गया था. इधर, एनएच अथॉरिटी ने टनल और हाईवे की डीपीआर के टेंडर जारी कर दिए हैं. बताया जा रहा है कि टनल के हवाई सर्वे की रिपोर्ट आने पर डीपीआर की रिपोर्ट फाइनल नहीं होगी. सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने अप्रैल में फिर से हवाई सर्वे करना था, लेकिन कोरोना के चलते यह काम नहीं हो पाया.

समुद्रतल से 10 हजार 280 फीट ऊंचे जलोड़ी दर्रे को भेदकर बनने वाली टनल की कवायद को कोरोना ने झटका दिया है. बताया जा रहा है कि एमआई-17 हेलीकॉप्टर में लगे एंटीना से दर्रे के अंदर मौजूद चट्टानों और पानी के बारे में पता लगााने की कोशिश की गई, लेकिन एंटीना में यह कैच नहीं हो पाया है.

गौरतलब है कि टनल के निर्माण के लिए मुंबई की ध्रुव कंपनी ने फरवरी 2014 में सर्वे किया था. छह साल बाद डीपीआर बनाने को टेंडर जारी हुआ है. इसके बाद दूसरे चरण में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग अवसरंचना विकास निगम लिमिटेड की ओर से हवाई सर्वे कर दर्रे के भीतर का पूरा एक्स-रे कर चट्टानों और पानी की मात्रा का पता लगाना है.

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग अवसरंचना विकास निगम लिमिटेड ने दिसंबर 2019 को जलोड़ी टनल का जियोलॉजिकल सर्वे किया था. ये सर्वे सफल नहीं हो पाया है. एमआई-17 हेलीकॉप्टर में लगे आधुनिक एंटीना से सर्वे दूसरी बार अप्रैल में होना था, लेकिन कोरोना काल में यह काम अब आगे बढ़ गया है.

ये भी पढ़ें: उपभोक्ताओं के पास फंसे बिजली बोर्ड के 11 करोड़, काटे जाएंगे 2816 कनेक्शन

कुल्लू: कोरोना के चलते 4.2 किमी लंबी जलोड़ी दर्रा टनल का निर्माण लटक गया है. दिसंबर 2019 में नॉर्वे की कंपनी से करवाया हवाई सर्वे फेल हो गया था. इधर, एनएच अथॉरिटी ने टनल और हाईवे की डीपीआर के टेंडर जारी कर दिए हैं. बताया जा रहा है कि टनल के हवाई सर्वे की रिपोर्ट आने पर डीपीआर की रिपोर्ट फाइनल नहीं होगी. सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने अप्रैल में फिर से हवाई सर्वे करना था, लेकिन कोरोना के चलते यह काम नहीं हो पाया.

समुद्रतल से 10 हजार 280 फीट ऊंचे जलोड़ी दर्रे को भेदकर बनने वाली टनल की कवायद को कोरोना ने झटका दिया है. बताया जा रहा है कि एमआई-17 हेलीकॉप्टर में लगे एंटीना से दर्रे के अंदर मौजूद चट्टानों और पानी के बारे में पता लगााने की कोशिश की गई, लेकिन एंटीना में यह कैच नहीं हो पाया है.

गौरतलब है कि टनल के निर्माण के लिए मुंबई की ध्रुव कंपनी ने फरवरी 2014 में सर्वे किया था. छह साल बाद डीपीआर बनाने को टेंडर जारी हुआ है. इसके बाद दूसरे चरण में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग अवसरंचना विकास निगम लिमिटेड की ओर से हवाई सर्वे कर दर्रे के भीतर का पूरा एक्स-रे कर चट्टानों और पानी की मात्रा का पता लगाना है.

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग अवसरंचना विकास निगम लिमिटेड ने दिसंबर 2019 को जलोड़ी टनल का जियोलॉजिकल सर्वे किया था. ये सर्वे सफल नहीं हो पाया है. एमआई-17 हेलीकॉप्टर में लगे आधुनिक एंटीना से सर्वे दूसरी बार अप्रैल में होना था, लेकिन कोरोना काल में यह काम अब आगे बढ़ गया है.

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